घरेलू हिंसा पर क्या कहती हैं भारतीय महिलाएं
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के डेटा से पता चलता है घरेलू हिंसा के बारे में महिलाओं की क्या सोच है और वे इसे कितना जायज मानती हैं.
घरेलू हिंसा जायज?
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) के ताजा सर्वे के मुताबिक तीन राज्यों तेलंगाना (84 प्रतिशत), आंध्र प्रदेश (84 प्रतिशत) और कर्नाटक में (77 प्रतिशत) से अधिक महिलाओं ने पुरुषों द्वारा अपनी पत्नियों की पिटाई को सही ठहराया.
महिलाओं और पुरुषों की राय
एनएफएचएस ने 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुरुषों और महिलाओं की घरेलू हिंसा पर राय ली. तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की 83 प्रतिशत से अधिक महिलाओं ने खुद माना है कि पति द्वारा उनके खिलाफ हिंसा सही है. कर्नाटक की 80 प्रतिशत महिलाओं का ऐसा ही मानना है.
पिटाई पर पुरुषों का पक्ष
घरेलू हिंसा पर इसी सवाल के जवाब में सबसे अधिक कर्नाटक में (81.9 प्रतिशत) पुरुषों ने इसको जायज माना है. पत्नियों की पिटाई को सबसे कम (14.2 प्रतिशत) हिमाचल प्रदेश के पुरुषों ने जायज माना.
हिमाचल में सबसे कम सहमति
पतियों द्वारा पिटाई को जायज ठहराने वाली महिलाओं की सबसे कम संख्या हिमाचल प्रदेश में 14.8 प्रतिशत थी.
क्या था सवाल?
इस सर्वे में सवाल किया गया था: "आपकी राय में पति का अपनी पत्नी को पीटना या मारना जायज है?" इस सर्वे में कई तरह की परिस्थितियों को भी शामिल किया गया था.
घरेलू हिंसा का आम कारण
सर्वे के मुताबिक घरेलू हिंसा को सही बताने वाले सबसे आम कारणों का हवाला दिया गया. सबसे आम कारण जो सामने आए वे थे ससुराल वालों का अनादर करना और घर व बच्चों की उपेक्षा करना.
घरेलू हिंसा एक वैश्विक समस्या
भारत ही नहीं कई विकसित देशों में भी घरेलू हिंसा आम समस्या है. अमेरिका और यूरोपीय देशों में भी महिलाएं इसकी शिकार होती हैं. हर साल 25 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस मनाया जाता है. इस दिन को दुनिया भर में महिला हिंसा के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है.
हिंसा की शिकार होतीं महिलाएं
लैंगिक बराबरी के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूएन वीमेन के मुताबिक दुनिया भर में हर तीसरी महिला के साथ शारीरिक या यौन हिंसा हुई है.