खुल गई उलटे पेड़ की कहानी
बिना पत्तों के इस पेड़ का नाम बाओबाब है, जिसे उलटा पेड़ भी कहा जाता है क्योंकि यह देखने में ऐसा लगता जैसे जड़ें ऊपर हैं और तना नीचे. वैज्ञानिकों ने इस पेड़ की कहानी का पता लगा लिया है.
तने के बल खड़ा पेड़
पतझड़ के मौसम में यह पेड़ उलटा खड़ा दिखाई देता है, इसलिए इसे उलटा पेड़ भी कहा जाता है. नेचर पत्रिका में प्रकाशित एक शोध में वैज्ञानिकों ने इस पेड़ के इतिहास और यात्राओं के बारे में कई जानकारियां साझा की हैं.
मैडागास्कर से शुरुआत
बाओबाब पेड़ मैडागास्कर, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में पाए जाते हैं. जीनोम स्टडी से वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि यह करीब दो करोड़ साल पहले मैडागास्कर में जन्मा था. करीब एक करोड़ साल पहले यह अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया पहुंचा.
समुद्री यात्रा
चीन के वूहान बोटैनिकल गार्डन के वनस्पति विज्ञानी ताओ वान कहते हैं कि संभव है, इस बीज के पेड़ हिंद महासागर में गिरे और तैरते हुए अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया पहुंच गए. इसमें बड़ी समुद्री लहरों ने अहम भूमिका निभाई.
बड़े काम के पेड़
बाओबाब पेड़ का पारिस्थितिकी तंत्र में अहम योगदान है. वे भोजन, छाया और पक्षियों को रहने की जगह देते हैं. उनके फल और पत्ते कई दवाओं में भी इस्तेमाल होते हैं.
रात के फूल
बाओबाब के फूल रात को खिलते हैं. इससे रात को जगने वाले कई कीट उसके पास आते हैं और परागन करते हैं. इस तरह ये पेड़ पौधों के जीवन में मदद करते हैं.
एक लाख लीटर पानी
ये पेड़ आकार में काफी विशाल होते हैं. कुछ पेड़ तो इतने बड़े हो जाते हैं कि उनके खाली तने में एक लाख लीटर तक पानी भरा जा सकता है.
सांस्कृतिक अहमियत
बाओबाब पेड़ कई संस्कृतियों में अहम माने जाते हैं. अफ्रीका की कई लोक कथाएं इन्हीं पेड़ों पर आधारित हैं. एक कहानी में चार लड़कियों का जिक्र आता है जो पेड़ के नीचे रहती थीं. उन्हें जब इंसानों से प्यार हुआ तो पेड़ को जलन हुई और उन्हें कैद कर लिया. कथा कहती है कि वे लड़कियां आज भी इन पेड़ों में कैद हैं और उनकी आवाजें आती हैं.