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कोविड: अधिकतर राज्यों में हो रही है कम जांच

चारु कार्तिकेय
२२ दिसम्बर २०२१

कहीं ओमिक्रॉन भारत में कोविड की तीसरी लहर ना ले आए, इन चिंताओं के बावजूद अधिकतर राज्यों में जांच कम ही की जा रही है. ऐसे में अगर तीसरी लहर आ भी जाए तो हालात का सही अंदाजा नहीं लग पाएगा.

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Indien Kumbh mela in Haridwar
तस्वीर: Xavier Galiana/AFP

ओमिक्रॉन को लेकर देश में स्थिति अब इतनी चिंताजनक हो गई है कि केंद्र सरकार ने राज्यों को कमर कस लेने की हिदायत दी है. राज्यों को भेजे ताजा पत्र में केंद्र ने कहा है कि ओमिक्रॉन डेल्टा से तीन गुना ज्यादा संक्रामक है और इसके प्रसार को रोकने के लिए अब "वॉर रूम" की स्थापना की जरूरत है.

केंद्र ने कहा है कि सभी राज्यों को रोकथाम के सभी आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है और जरूरत पड़े तो राज्य सरकारें कर्फ्यू भी लगा सकती हैं. देश में ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. अभी तक पूरे देश में कुल 213 मामले सामने आ चुके हैं.

दिल्ली में फैलता ओमिक्रॉन

दिल्ली में सबसे ज्यादा 57 मामले, महाराष्ट्र में 54, तेलांगना में 24, कर्नाटक में 19, राजस्थान में 18, केरल में 15 और गुजरात में 14 मामले सामने आ चुके हैं. इनके अलावा जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में भी मामलों की पुष्टि हुई है.

Indien Corona-Pandemie in Uttar Pradesh
उत्तर प्रदेश में रोजाना संक्रमण के सिर्फ 15-20 मामले पकड़े जा रहे हैंतस्वीर: Javed Dar/Xinhua/imago images

इसके बावजूद लगभग सभी राज्यों में रोजाना की जाने वाली जांच की संख्या को स्थिति की गंभीरता के हिसाब से बढ़ाया नहीं जा रहा है. दिल्ली में रोजाना सामने आने वाले संक्रमण के मामले छह महीनों में सबसे ऊंचे स्तर पर हैं, लेकिन जांच की रफ्तार अभी भी धीमी है.

दिल्ली में पिछले एक हफ्ते में रोजाना सिर्फ 45,000 से 67,000 सैंपलों की जांच की जा रही है, जिनमें से करीब 100 सैंपल पॉजिटिव पाए जा रहे हैं. जांच की यह संख्या भी बीच बीच में गिर जाती है, जबकि पॉजिटिविटी दर लगातार बढ़ती ही जा रही है. दूसरे राज्यों और विशेष रूप से बड़े राज्यों को देखें तो यह स्थिति और भी चिंताजनक नजर आती है.

करीब 20 करोड़ की आबादी के साथ उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है लेकिन आज कल रोजाना लगभग 1,50,000 मामलों की जांच की जा रही है. यानी आबादी दिल्ली से करीब दस गुना ज्यादा लेकिन जांच दिल्ली से सिर्फ लगभग तीन गुना ज्यादा. इसका नतीजा यह है कि पूरे राज्य में रोजाना संक्रमण के सिर्फ 15-20 मामले सामने आ रहे हैं.

बड़े राज्यों की बड़ी समस्या

मध्य प्रदेश की हालत इससे भी ज्यादा खराब है. राज्य की आबादी करीब सात करोड़ है लेकिन रोजाना 60,000 से भी कम सैंपलों की जांच की जा रही है. यानी अक्सर दिल्ली से भी कम. यहां भी रोजाना संक्रमण के 15-20 मामले ही पकड़ में आ रहे हैं.

TABLEAU | Bildergalerie Indien Coronavirus | Neu Delhi, Test für Obdachlose
पूरे देश में जांच की संख्या बढ़ाने की जरूरत हैतस्वीर: Adnan Abidi/REUTERS

राजस्थान की भी आबादी लगभग सात करोड़ ही है लेकिन वहां स्थिति और ज्यादा खराब है. अव्वल तो राज्य सरकार जांच की संख्या के आंकड़े सहज रूप से उपलब्ध ही नहीं कराती.

कुछ मीडिया रिपोर्टों में बताया गया कि वहां रोजाना सिर्फ 30,000 के आस पास सैंपलों की जांच की जा रही है. संक्रमण के मामले फिर भी बढ़ रहे हैं. ताजा आंकड़ा एक दिन में 32 पॉजिटिव मामलों का है.

महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों में 825 नए मामले सामने आए हैं, जो कि बीते कुछ महीनों में एक नया रिकॉर्ड है. 11 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाले इस राज्य में पिछले 24 घंटों में 1,11,385 सैंपलों की जांच की गई.

अगर संक्रमण के कुल मामले ही कम पकड़े जाएंगे तो उनमें से विशेष रूप से ओमिक्रॉन के मामलों की संख्या और भी काम पाए जाने की संभावना है. अप्रैल-मई में महामारी की दूसरी लहर के बीच लगभग इन सभी राज्यों को जांच की रफ्तार मजबूरन बढ़ानी पड़ी थी. कई जानकार कह रहे हैं कि जांचों की संख्या बढ़ाने का समय फिर से आ गया है.

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