1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
विज्ञानऑस्ट्रेलिया

नर क्वोल के लिए सेक्स मानो मौत की सजा है

क्लेयर रोठ
१० फ़रवरी २०२३

मूल रूप से ऑस्ट्रेलिया में पाए जाने वाले क्वोल का जीवन बड़ा कठिन है. शोधकर्ताओं का कहना है कि सेक्स की वजह से वो सो नहीं पाते और शायद यह उनकी मौत का कारण बन रहा है.

https://p.dw.com/p/4NJtM
क्वोल्स
ऑस्ट्रेलिया के क्वोल्सतस्वीर: Auscape/UIG/IMAGO

कल्पना कीजिए कि आपने एक ऐसे व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाए जो आपको गर्भवती करने के बाद, रात में बाहर निकलता है, पेड़ पर चढ़ता है, कूदता है, सरपट दौड़ता है और किसी अन्य सेक्स पार्टनर की तलाश में सड़कों पर घूमता है. वह हर दिन 35 किलोमीटर तक का सफर तय करता है. फिर जब आप उससे कुछ सप्ताह बाद मिलते हैं, तो आप पाते हैं कि उसकी स्थिति ठीक नहीं है. उसके कुछ बाल झड़ गए हैं और जब आप उससे पहली बार मिले थे तब से काफी दुबला हो गया है.

वह आपको बताता है कि वह रात में सिर्फ एक घंटा सो रहा है. आप चिंतित हैं, लेकिन वह वैसा ही करता रहता है. आपका घर छोड़ने के बाद, वह नए सेक्स पार्टनर की तलाश में शहर भर में 35 किमी की सैर पर निकल जाता है. यह क्रम जारी रहता है, और आपको करीब एक महीने बाद एक दिन पता चलता है कि वह मर चुका है.

सेक्स नर क्वोल को मौत की ओर ले जाता है

यह कहानी बताती है कि लुप्तप्राय हो चुके नर क्वोल कैसे प्रजनन करते हैं. मूल रूप से ऑस्ट्रेलिया में निवास करने वाले क्वोल तेज दांत वाले, चूहे जैसे मार्सूपियल हैं. एक संभोग चक्र के भीतर ही मर जाने वाले ये सबसे बड़े स्तनधारी हैं और इनकी क्रिया को सेमेलपैरिटी कहा जाता है. पैसिफिक सैल्मन, तितलियों की कुछ प्रजाति और ऑक्टोपस को भी सेमेलपेरस कहा जाता. लेकिन इन जानवरों की मादा पार्टनर इतनी जल्दी नहीं मरती हैं. औसतन, एक मादा क्वॉल चार संभोग चक्र तक जीवित रहती है.

लाखों लाल केकड़े फिर निकल पड़े

शोधकर्ताओं ने जीवन काल में इस अंतर को समझने के लिए नर और मादा की दैनिक गतिविधियों को ट्रैक किया ताकि यह पता चल सके कि क्या नर साथी मादा साथी की तुलना में कहीं ज्यादा जोखिम भरे काम में लगे थे. उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई द्वीप ग्रोट आईलैंड पर 13 उत्तरी क्वॉल को छोटे बैकपैक्स के साथ फिट किया जिसमें स्पीडोमीटर जैसा एक डिवाइस था जो जानवरों की हरकतों को ट्रैक करता था. क्वोल को फंसाने के लिए, शोधकर्ताओं ने इन बैगपैक्स को कुत्ते के भोजन से भर दिया. उनके परिणाम रॉयल सोसाइटी ओपन साइंस पत्रिका में प्रकाशित हुए थे.

शोधकर्ताओं ने पाया कि एक दिन के दौरान, कुछ नर क्वोल बहुत लंबी यात्रा कर रहे थे और महिलाओं की तुलना में बहुत कम आराम कर रहे थे. लेखक क्रिस्टोफर क्लीमेंट ने डीडब्ल्यू को बताया कि कुछ नर क्वॉल एक दिन में 10 किमी की यात्रा करते हैं जो कि मनुष्यों के हिसाब से करीब 35 किमी होता है.

और उन्होंने दिन में औसतन सिर्फ सात फीसद ही आराम किया, यानी करीब एक घंटा. क्लीमेंट कहते हैं कि दूसरी ओर, मादा साथी ने दिन के लगभग 24 फीसद हिस्सा यानी पांच घंटे आराम किया, जो कि सामान्य है. शोधकर्ताओं ने लिखा कि नींद की यह कमी क्वॉल को शिकारियों के हमलों के प्रति अधिक संवेदनशील बना सकती है या फिर थकावट के कारण उनकी मौत का कारण बन सकती है.

सेक्स पर जलवायु परिवर्तन का असर

जल्दी क्या है?

क्वोल में प्रजनन ऋतु शुरू होती है, तो सभी मादा एक ही समय में गर्भधारण योग्य हो जाती हैं और वह भी बहुत ही कम अवधि के लिए, करीब तीन सप्ताह. क्लेमेंट कहते हैं कि इस अवधि में नर क्वोल अपना सारा समय प्रजनन में लगाते हैं, ताकि उनके प्रजनन उत्पाद में वृद्धि हो सके.

यह अध्ययन पशुओं के व्यवहार और उनके आवागमन के तरीके के संबंध में एक बड़ी जांच का हिस्सा है. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि वो यह समझ सकेंगे कि कैसे आवागमन और आवास जानवरों की शिकारियों से बचने की क्षमता से जुड़ा हुआ है.

क्लेमेंट कहते हैं, "क्वॉल महत्वपूर्ण हैं और संरक्षित करने लायक हैं. इसलिए यदि हम उनकी गतिविधियों को समझ लेते हैं तो हम इस प्रजाति को बेहतर ढंग से संरक्षित करने में सक्षम हो सकते हैं.”