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विज्ञानसंयुक्त राज्य अमेरिका

दिमाग और शरीर के बीच रिश्ता ढूंढा वैज्ञानिकों ने

२० अप्रैल २०२३

किसी कठिनाई बारे में सोच कर पसीना क्यों छूट जाता है, या दिल की धड़कनें क्यों तेज हो जाती हैं? हमारा शरीर एक साथ कई कामों के लिए खुद को कैसे तैयार करता है? वैज्ञानिकों को लग रहा है कि ऐसे कई सवालों के जवाब मिल गये हैं.

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Illustration des menschlichen Gehirns mit farblich markierten Punkten
तस्वीर: Evan Gordon/Washington University/REUTERS

मानव शरीर और उसके दिमाग के बीच रिश्ता हजारों सालों से विचारकों और विद्वानों के शोध विषय रहा है. अरस्तू से लेकर देकार्त तक इससे सवाल से जूझते रहे हैं. हालांकि इसका जवाब ऐसा लग रहा है कि दिमाग की संरचना में छिपा है.

बुधवार को रिसर्चरों ने बताया कि दिमाग का एक हिस्सा जिसे मोटर कॉर्टेक्स कहा जाता है वह शरीर की हरकत को नियंत्रित करता है और यह एक नेटवर्क जुड़ा है जिसमें योजना बनाना, मस्तिष्क की उत्तेजना, दर्द और आंतरिक अंगों का नियंत्रण शामिल है. इसके साथ ही इसमें ब्लडप्रेशर और दिल का धड़कना भी शामिल है.

क्यों अटक जाते हैं दिमाग में गाने

रिसर्चरों का कहना है कि उन्होंने एक ऐसे तंत्र का पता लगाया है जिसके बारे में पहले से जानकारी नहीं थी. इसके मुताबिक मोटर कॉर्टेक्स कई गांठों में मुड़ा होता है और वे दिमाग के उस हिस्सों के बीच होती हैं जिन्हें पहले से ही शरीर के खास हिस्सों मसलन हाथ, पैर और चेहरे की गतिविधियों के लिए जिम्मेदार माना जाता है. ये तब हरकत में आते हैं जब शरीर के अलग अलग हिस्सों को एक साथ काम करना होता है.

शरीर पर दिमाग के नियंत्रण की गुत्थी बहुत उलझी हुई है
दिमाग और शरीर के रिश्तों के बारे में नई जानकारी मिली हैतस्वीर: Alexander Limbach/Zoonar/picture alliance

सोमैटो कॉग्निशन एक्शन नेटवर्क यानी स्कैन

रिसर्चरों ने इस तंत्र को सोमैटो कॉग्निटिव एक्शन नेटवर्क या स्कैन नाम दिया है. उन्होंने इसका सबंध दिमाग के उन हिस्सों से जोड़ा है जो लक्ष्य तय करने और कार्य योजना बनाने के लिए जाने जाते हैं.

बंदरों पर किये गये शोध में भी यह तंत्र दिमाग के उन हिस्सों के बीच मिला है जो आंतरिक अंगों से जुड़े हैं इनमें पेट और एड्रिनल ग्लैंड भी शामिल हैं. इनकी वजह से इन अंगों की गतिविधियों का स्तर किसी खास काम को करने के अनुमान के आधार पर बदल जाता है. इससे पता चलता है कि किसी कठिन काम के बारे में महज सोचने भर से ही क्यों पसीने छूट जाते हैं या फिर दिल की धड़कनें तेज हो जाती हैं.

बच्चों का दिमाग तबाह कर रही है ऑनलाइन पोर्नोग्राफी

मोटर कॉर्टेक्स दिमाग की सबसे बाहरी परत सेरेब्रल कॉर्टेक्स का हिस्सा है. सेंट लुई में वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में रेडियोलॉजी के प्रोफेसर इवान गोर्डन इस रिसर्च रिपोर्ट के प्रमुख लेखक हैं. यह रिसर्च रिपोर्ट नेचर जर्नल में छपी है. गॉर्डन का कहना है, "बुनियादी रूप से अब हम यह जानते हैं कि इंसान का मोटर सिस्टम अकेला नहीं है. इसकी बजाय हमारा मानना है कि दो अलग तंत्र हैं जो हमारी गतिविधियों को नियंत्रित करते हैं."

दिमाग और शरीर के रिश्ते में कई पेंच हैं
दिमाग कैसे काम करता है इसे लेकर हजारों साल से सवाल पूछे जा रहे हैंतस्वीर: DW

दो तंत्र हैं मानव शरीर में

गॉर्डन के मुताबिक, "एक तंत्र है हमारी अलग अलग हरकतों के लिए जैसे कि हाथ, पैर या चेहरा. यह बोलने, लिखने या ऐसी हरकतों के लिए अहम है जिसमें शरीर का सिर्फ एक हिस्सा शामिल होता है. एक दूसरा सिस्टम है स्कैन, जो ज्यादा महत्वपूर्ण और पूरे शरीर की गतिविधियों से जुड़ा हुआ है. यह दिमाग के उन हिस्सों से जुड़ा है जो ऊंचे दर्जे की योजना बनाते हैं."

बिना बोले मरीज के दिमाग से वैज्ञानिकों ने पढ़ लिए हजारों शब्द

वैज्ञानिकों की यह खोज शरीर और दिमाग के रिश्तों का खाका खींच देती है. वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में न्यूरोलॉजी के प्रोफेसर निको डोजेनबाख इस रिसर्च रिपोर्ट के वरिष्ठ लेखक हैं. डोजेनबाख का कहना है, "ऐसा लग रहा है कि स्कैन सिस्टम वास्तविक गतिविधियों और शरीरविज्ञान के साथ योजना बनाता है, विचार करता है और प्रेरणा देता है. यह शरीर और दिमाग क्यों अलग नहीं हैं या अलग नहीं किये जा सकते इसकी तंत्रिकीय व्याख्या करता है."

रिसर्चर आधुनिक ब्रेन इमेजिंग तकनीकों का इस्तेमाल कर करीब 9 दशक पहले तैयार किये गये उस नक्शे का परीक्षण करने की तैयारी में हैं. यह नक्शा न्यूरोसर्जन विल्डर पेनफिल्ड ने तैयार किया था जिसमें दिमाग के हिस्सों से गतिविधियों के नियंत्रण का खाका है.  इनकी खोज दिखा रही है कि पेनफील्ड के नक्शे में उस समय के तकनीक की वजह से कुछ कमियां रही हैं जिनमें थोड़े बहुत बदलाव की जरूरत है.

कई हिस्सों में बंटा हुआ है दिमाग
दिमाग के अलग अलग हिस्से अलग अलग कामों को संचालित करते हैंतस्वीर: Ersin Arslan/Zoonar/picture alliance

क्या काम है दिमाग का

स्कैन की पहचान सात वयस्कों की बारीक इमेजिंग के जरिये हुई जिसमें दिमाग के संगठनात्मक गुणों का परीक्षण किया गया. इसके बाद बड़े आंकड़ों से इनकी पुष्टि की गई जब उन्हें हजारों वयस्कों के साथ जोड़ा गया. इसके बाद की गई इमेजिंग ने स्कैन सर्किट को 11 महीने और 9 साल के बच्चों में पहचाना गया. साथ ही यह भी देखा गया कि यह नवजात बच्चे में नहीं बना था. इन खोजों की सैकड़ों नवजात बच्चों और हजारों 9 साल के बच्चों में पुष्टि हुई.

इस रिसर्च से इस बात को बल मिला है कि इंसानी दिमाग के बारे में अभी और कितना जानना बाकी है. गॉर्डन का कहना है, "वास्तव में दिमाग के उद्देश्य को लेकर खूब बहस होती है. कुछ न्यूरोसाइंटिस्ट समझते हैं कि दिमाग एक अंग है जिसका प्राथमिक काम है अहमारे आसपास की दुनिया को समझना और उसकी व्याख्या करना.दूसरे मानते हैं कि यह अंग बेहतरीन आउटपुट पैदा करने के लिए है, आमतौर पर शारीरिक गतिविधी जिससे कि किसी भी परिस्थिति में अस्तित्व और उत्पत्ति के लिए शारीरिक योग्यता पैदा की जा सके."

गॉर्डन का कहना है, "संभवतया दोनों सही हैं, लेकिन स्कैन दूसरी परिभाषा के साथ ज्यादा सही बैठता है, यह पूरे शरीर की गतिविधियों के लिए लक्ष्य और कार्ययोजना तैयार करता है."

एनआर/वीके (रॉयटर्स)

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