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विज्ञानविश्व

जननांगों की छुअन को महसूस करने के रहस्य की हुई खोज

२१ दिसम्बर २०२१

वैज्ञानिकों ने महिलाओं के दिमाग में जननांगों के छुअन को महसूस करने वाले हिस्से का पता लगा लिया है. भविष्य में इसका इस्तेमाल यौन दुष्क्रिया या यौन हिंसा के असर के इलाज के लिए किया जा सकता है.

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Symbolbild Hirntumor
तस्वीर: Fred Tanneau/Getty Images

वैज्ञानिक पत्रिका जेन्यूरोस्काई में छपे इस शोध के लिए 20 वयस्क महिलाओं के क्लाइटोरिस को स्टिमुलेट किया गया और उसी समय उनके दिमाग को एफएमआरआई नाम की तकनीक से स्कैन किया गया. दिमाग में सोमेटोसेंसरी कोर्टेक्स नाम का एक हिस्सा होता है जो पूरे शरीर से संवेदक जानकारी को ग्रहण करता है और उसे संसाधित करता है.

शरीर के हर हिस्से के लिए कोर्टेक्स में एक अलग इलाका होता है और इससे एक मानचित्र सा बन जाता है. अभी तक महिलाओं के जननांगों के लिए इस मानचित्र में कौन सी जगह है इस पर बहस शांत नहीं हो पाई थी. पिछले अध्ययनों में कभी इस इलाके को पैर के लिए बने इलाके में बताया गया तो कभी कूल्हों के पास.

2005 में कुछ और शोधकर्ताओं ने एक ऐसी तकनीक विकसित कर ली थी जिससे पुरुषों के लिंग के लिए काफी केंद्रित और स्पर्शनीय स्टिमुलेशन करना संभव पाया गया. इससे पुरुषों में इसके लिए बने हिस्से को सटीक रूप से खोज लिया गया था. लेकिन महिलाओं के इस तरह की खोज अभी तक नहीं हो पाई थी.

Zeichnung Vulva
तस्वीर: Science Photo Library/imago images

इस नए शोध के 18 से 45 साल की उम्र की स्वस्थ महिलाओं को चुना गया. स्टिमुलेशन के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई एक छोटी सी गोल वस्तु को उनके अंडरवियर के ऊपर वहीं पर लगाया गया जहां क्लाइटोरिस होता है. इस उपकरण को हवा की धार से हल्का वाइब्रेट भी कराया गया.

शोध के सह लेखक बर्लिन सेंटर फॉर एडवांस्ड न्यूरोइमेजिंग के जॉन-डिलन हेन्स ने बताया कि इस पूरी प्रक्रिया को इस तरह से बनाया गया था कि वो वालंटियरों के लिए "जितना संभव हो उतनी आरामदायक" हो सके. इन महिलाओं को 10-10 सेकंड तक आठ बार स्टिमुलेट किया गया. हर राउंड में 10 सेकंड का फासला रखा गया.

स्कैन के नतीजों ने इस बात की पुष्टि की कि सोमेटोसेंसरी कोर्टेक्स में महिलाओं के जननांगों के लिए हिस्सा कूल्हों के पास ही है. ये पुरुषों में भी वहीं होता है लेकिन इस जांच में हर महिला में इसके सूक्ष्म स्थान अलग अलग जगह पाया गया.

बर्लिन के शैरीटे विश्वविद्यालय अस्पताल में मेडिकल मनोविज्ञान की प्रोफेसर और इस शोध की सह-लेखक क्रिस्टीन हाइम ने बताया कि सोमेटोसेंसरी कोर्टेक्स में महिलाओं के जननांगों का कैसे प्रतिनिधित्व होता है और क्या इसमें तजुर्बे या इस्तेमाल से बदलने की क्षमता है इसका अभी तक ठीक से अध्ययन नहीं हुआ था.

Symbolbild Sexarbeit
तस्वीर: Lukas Schulze/dpa/picture alliance

इसके बाद शोधकर्ताओं ने यह जानने की कोशिश की क्या यौन गतिविधियों के आधार पर इस इलाके की अलग अलग महिलाओं में अलग अलग विशेषताएं होती हैं. बीसों महिलाओं से पूछा गया कि पिछले एक साल में और उनके सेक्स लाइफ की शुरुआत से अब तक उनकी संभोग की आवृत्ति क्या रही होगी.

उसके बाद हर महिला के लिए शोधकर्ताओं ने स्टिमुलेशन के दौरान दिमाग के 10 सबसे ज्यादा सक्रिय हुए हिस्सों का पता लगाया और उन हिस्सों की मोटाई को नापा. हाइम कहती हैं, "हमें संभोग और इन हिस्सों की मोटाई में संबंध मिला." यानी जितना ज्यादा सेक्स, उतना ही ज्यादा बड़ा हिस्सा.

हालांकि शोध के लेखक यह कहने में हिचक रहे हैं कि ज्यादा सेक्स करने की वजह से यह हिस्सा बड़ा होता है. वो भविष्य में दूसरे अध्ययनों में इस नतीजे की पुष्टि हो जाने का इंतजार करना चाहते हैं.

ऐसे कई निष्कर्ष हैं जो इस शोध के आधार पर नहीं निकाले जा सकते लेकिन भविष्य में इन नतीजों का इस्तेमाल यौन दुष्क्रिया या यौन हिंसा से पीड़ित लोगों के इलाज के लिए किया जा सकता है.

सीके/एए (एएफपी)

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