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लंबी हुई रूसी धनकुबेरों की सूची, संपत्ति 152 अरब डॉलर बढ़ी

२४ अप्रैल २०२३

पश्चिमी देशों के वित्तीय और आर्थिक प्रतिबंध झेल रहे रूस के धनी लोगों की संपत्ति पिछले साल 152 अरब डॉलर बढ़ गई. कुदरती संसाधनों की कीमतों में आई तेजी के कारण यूक्रेन युद्ध के बाद आई बाधाओं से रूसी अमीर उबर आए हैं.

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रूस के सबसे धनी व्यक्ति आंद्रेई मेलनिशेंको
रूस के सबसे धनी व्यक्ति आंद्रेई मेलनिशेंकोतस्वीर: Mikhail Metzel/TASS/picture alliance

रूस में अब आधिकारिक रूप से 110 बिलियनेयर हैं जो पिछले साल के मुकाबले 22 ज्यादा हैं. फोर्ब्स के रूसी संस्करण के मुताबिक इन धनकुबेरों के पास कुल 505 अरब डॉलर की संपत्ति है, जो 2021 से 152 अरब डॉलर ज्यादा है. 2022 में जब फोर्ब्स ने रूसी अरबपतियों की सूची जारी की थी तो उनकी कुल संपत्ति 353 अरब डॉलर आंकी गई थी.

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फोर्ब्स का कहना है कि यह सूची और लंबी हो सकती थी लेकिन देश के पांच अरबपतियों ने रूसी नागरिकता छोड़ दी है. डीएसटी ग्लोबल के संस्थापक यूरी मिलनर, रिवॉल्ट के संस्थापक निकोले स्ट्रोन्स्की, फ्रीडम फाइनैंस के तिमूर तूरलोव और जेटब्रेन्स के मालिकों सर्गेई दिमित्रीव व वेलेनटिन किप्यात्कोव ने हाल ही में रूस की नागरिकता त्याग दी थी.

बेअसर रहे प्रतिबंध

फोर्ब्स में छपी रिपोर्ट में कहा गया, "पिछले साल की सूची पर रूस की अर्थव्यवस्था पर संकट के पूर्वानुमानों का असर हुआ है.” 2021 में यानी यूक्रेन युद्ध शुरू होने से पहले रूसी अरबपतियों की कुल संपत्ति 606 अरब डॉलर आंकी गई थी. 24 फरवरी 2022 को रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया था. उसके बाद पश्चिमी देशों, खासकर अमेरिका ने रूस पर कड़े आर्थिक और वित्तीय प्रतिबंध लगा दिए थे. हालिया इतिहास में रूस पर ये सबसे बड़े प्रतिबंध हैं. इन प्रतिबंधों में रूस के कई धनकुबेरों को भी शामिल किया गया था.

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इन प्रतिबंधों की प्रतिक्रिया में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि पश्चिमी देश रूस को तबाह करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कई बार इन प्रतिबंधों की विफलता का मजाक उड़ाते कहा कि जरूरत की चीजें ही नहीं, ये प्रतिबंध पश्चिमी देशों के लग्जरी उत्पादों को भी रूस आने से नहीं रोक पाए.

हालांकि प्रतिबंधों का रूस की अर्थव्यवस्था पर असर स्पष्ट दिख रहा है. 2022 में रूस की अर्थव्यवस्था 2.1 फीसदी सिकुड़ गई. लेकिन चीन, भारत और मध्य पूर्वी देशों ने उसके तेल, धातुएं और अन्य कुदरती संसाधनों का आयात ना सिर्फ जारी रखा बल्कि बड़े पैमाने पर बढ़ा दिया, जिससे रूसी धनपतियों को भरपूर फायदा हुआ.

मजबूत हुई अर्थव्यवस्था

इसी महीने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने जब विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्थाओं के लिए पूर्वानुमान जारी किया था तो 2023 में रूस की आर्थिक वृद्धि दर को पिछले साल के 0.3 फीसदी के मुकाबले बढ़ाकर 0.7 प्रतिशत कर दिया था. हालांकि 2024 के लिए आर्थिक विकास दर का पूर्वानुमान 2.1 प्रतिशत से घटाकर 1.3 प्रतिशत कर दिया गया. आईएमएफ ने कहा कि रूस को कामगारों की कमी का सामना करना पड़ सकता है और पश्चिमी कंपनियों के रूस छोड़ देने का भी उस पर असर होगा.

UAE | Motoryacht A des russischen Oligarchen Andrey Melnichenko
तस्वीर: Kamran Jebreili/AP/picture alliance

रूसी अर्थव्यस्था का रक्त कहे जाने वाले यूरल्स तेल की कीमत 2022 में औसतन 76.09 डॉलर प्रति बैरल रही जो 2021 के 69 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा थी. खाद की कीमतें भी 2022 में 2021 से ज्यादा रहीं. खाद विक्रेता आंद्रेई मेलनिशेंको को फोर्ब्स ने रूस का सबसे धनी व्यक्ति बताया है. उनकी संपत्ति 25.2 अरब डॉलर आंकी गई है, जो बीते साल से दोगुना से भी ज्यादा है.

दुनिया की सबसे बड़ी पलाडियम उत्पादक कंपनी नोरनिकल के अध्यक्ष और सबसे बड़े हिस्सेदार व्लादिमीर पोतानिन धनी रूसियों की सूची में दूसरे नंबर पर हैं. उनके पास 23.7 अरब डॉलर की संपत्ति है. तीसरे नंबर पर व्लादिमीर लिसिन हैं, जिनकी संपत्ति 22.1 अरब डॉलर आंकी गई है. स्टील व्यापारी लिसिन एनएलएमके कंपनी के मालिक हैं.

स्थानीय बाजार का फायदा

फोर्ब्स की ताजा सूची में कई नए नाम जुड़े हैं. इनमें स्नैक्स, सुपरमार्किट, केमिकल और दवा निर्माता कंपनियों के मालिक शामिल हैं. पश्चिम प्रतिबंधों के कारण देश में स्थानीय उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ी है, जिसका इन कंपनियों को लाभ पहुंचा है.

पश्चिमी प्रतिबंधों को रूस के बहुत से अरबपतियों ने आपत्तिजनक और नस्लवादी तक बताया था. रूस में जब बोरिस येल्तसिन की सरकार थी, तो कुछ अमीर उद्योगपतियों ने सरकार से तेल और धातु कंपनियों का नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया था. ये कंपनियां दुनिया की कुछ सबसे बड़ी तेल और धातु कंपनियों में से हैं. इस निजीकरण ने रूस के कई व्यापारियों को दुनिया के सबसे धनी लोगों में पहुंचा दिया था. हालांकि इस कारण वे देश की गरीबी से जूझती बड़ी आबादी की आलोचना का शिकार होते रहे हैं.

व्लादिमीर पुतिन के शासनकाल में कई अरबपति व्यापारियों से उनकी संपत्ति छीनी गई है. इनमें मिखाइल खोदोरवस्की और बोरिस बेरेत्सोवस्की शामिल हैं, जिनकी कंपनियों का सरकारीकरण कर दिया गया और उन्हें अब पूर्व जासूस चला रहे हैं.

वीके/एए (रॉयटर्स)

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