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रूस ने किया ब्रिटिश जहाज को भगाने का दावा

२४ जून २०२१

रूस ने दावा किया है कि अपनी जल-सीमा से ब्रिटेन के एक युद्धक पोत को भगाने के लिए उसके रास्ते में बम गिराये गए और गोलियां दागी गईं. ब्रिटेन ने इन दावों को गलत बताया है.

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तस्वीर: Ben Mitchell/AP/picture alliance

बुधवार को रूस ने एक ब्रिटिश जहाज को काला सागर के इलाके से भगाने के लिए वायु सेना और अन्य शक्तियों का प्रयोग किया. उसने दावा किया है कि ब्रिटिश जहाज क्रीमिया प्रायद्वीप के इलाके में उसकी जल-सीमा के भीतर था.

ब्रिटेन ने रूस के इस दावे को गलत बताया है. उसका कहना है कि उसने दागी गई गोलियों को रूस का अभ्यास माना था, जिसकी पहले से जानकारी दी गई थी. उसने किसी तरह के बम गिराए जाने के दावे को भी गलत बताया है. हालांकि ब्रिटेन ने इस बात की पुष्टि की है कि उसका युद्धक पोत एचएमएस डिफेंडर यूक्रेन की जल सीमा से गुजरा था.

दोनों के दावे अलग

ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कहा, "अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत जहाज बहुत निर्दोष तरीके से यूक्रेन के क्षेत्रीय पानी से गुजर रहा था.” ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के प्रवक्ता ने कहा, "यह कहना गलत है कि जहाज पर कोई गोलीबारी हुई, या जहाज रूस की समुद्री सीमा में था.”

इंटरफैक्स समाचार एजेंसी के मुताबिक रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चेतावनी के रूप में गोलियां दागे जाने के तुरंत बाद ब्रिटिश जहाज उसकी सीमा से बाहर चला गया.

रूस ने कहा कि यह जहाज के फियोलेंट के नजदीक लगभग तीन किलोमीटर तक उसकी सीमा में आ गया था. केप फियोलेंट क्रीमिया के दक्षिणी तट पर एक अहम जगह है. यह सेवास्तोपोल के नजदीक है, जहां रूसी नौसने के काला सागर बेड़े का मुख्यालय है.

विवाद बढ़ने का संकेत

सैन्य मामलों के विशेषज्ञों ने कहा है कि दोनों पक्षों में से जिसकी बात भी सही हो, यह घटना पश्चिमी देशों और रूस के बीच समुद्री सीमा को लेकर विवाद बढ़ने का संकेत है.

रूस के विदेश मंत्रालय ने ब्रिटिश युद्धक पोत के उस इलाके से गुजरने को खुल्लम-खुल्ला उकसाने की कार्रवाई बताया. उसने कहा कि इस मामले में ब्रिटिश राजदूत को बुलाया जाएगा.

क्रीमिया प्रायद्वीप के इलाके को रूस ने 2014 में यूक्रेन से छीन लिया था और अब उसके तटीय इलाकों को वह अपनी समुद्री सीमा बताता है. पश्चिमी देश क्रीमिया को यूक्रेन का हिस्सा मानते हैं और रूस के समुद्री सीमा के दावे को गलत बताते हैं.

अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत यदि खतरा पहुंचाने का इरादा ना हो तो कोई विदेशी जहाज किसी देश की समुद्री सीमा से गुजर सकता है. लेकिन कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि इस घटना के पीछे मासूम इरादे नहीं हैं. ब्रिटिश नौसेन से रिटायर हो चुके कर्नल मार्क ग्रे कहते हैं, "ऐसा क्रीमिया पर रूस के इरादे जांचने के मकसद से किया गया.”

केंद्र में यूक्रेन

काले सागर पर रूस के दावों की तुलना दक्षिणी चीन सागर पर चीन के दावों से करते हुए कर्नल ग्रे कहते हैं, "रूस अपनी सच्चाइयों को जमीन पर उतार रहा है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन सच्चाओं की स्वीकार्यता की कोशिश कर रहा है ताकि उसके कब्जे पर दुनिया की मुहर लग जाए. फिर भी, रूस की प्रतिक्रिया बहुत तीखी थी, कूटनीति के एकदम उलट और जरूरत से कहीं ज्यादा.”

यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा कि रूस की काला सागर और उसके नजदीक अजोव सागर के इलाके में रूस की ‘आक्रामक और उत्तेजक' गतिविधियां यूक्रेन और उसके सहयोगी देशों के लिए हमेशा खतरा बनी रहती हैं. कुलेबा ने इलाके में मदद के लिए नाटो से अपील भी की. ब्रिटिश जहाज इसी हफ्ते ओडेसा बंदरगाह गया था, जहां ब्रिटेन और यूक्रेन के बीच एक समझौते पर दस्तखत किए गए जिसके तहत ब्रिटेन ने यूक्रेनी नौसेना की मदद का वादा किया.

पश्चिमी देश इस हफ्ते काला सागर में एक सैन्य अभ्यास कर रहे हैं जिसे सी ब्रीज नाम दिया गया है. बुधवार की घटना से कुछ घंटे पहले ही वॉशिंगटन स्थित रूसी दूतावास ने अमेरिका और उसके सहयोगियों से यह सैन्य अभ्यास रद्द करने का आग्रह किया था.

वीके/एए (रॉयटर्स, एएफपी)

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