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परमाणु समझौते से जुड़े रहने के लिए प्रतिबद्ध रूस, ईरान

११ जनवरी २०१८

रूस के विदेश मंत्री सेर्गेइ लावरोव और ईरान के उनके समकक्ष मोहम्मद जवाद जरीफ ने बुधवार को ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर बहुपक्षीय समझौते के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है.

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Internationale Atomenergie-Organisation - Flagge
तस्वीर: picture-alliance/dpa/C. Bruna

आधिकारिक रूप से संयुक्त समग्र कार्ययोजना (जेसीपीओए) समझौते के रूप में पहचाने जाने वाले इस समझौते के तहत दोनों ने अपने दायित्वों को पूरा करने की प्रतिबद्धता को दोहराया है. दोनों की ओर से जारी एक संयुक्त बयान के मुताबिक, "अमेरिका की गतिविधियों से जेसीपीओए समझौते का काम में बाधा आ सकती है, जिससे अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने के काम में मुश्किल खड़ी हो सकती है और परमाणु अप्रसार के क्षेत्र में बहुपक्षीय प्रयासों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है."

ईरान, जर्मनी और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्यों - ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस और अमेरिका के बीच जुलाई 2015 में जेसीपीओए समझौता हुआ था. इस समझौते के तहत ईरान आर्थिक मदद और खुद पर लगे अंतराष्ट्रीय प्रतिबंधों को हटाने की एवज में अपने परमाणु हथियार कार्यक्रमों को रोकने पर सहमत हुआ था.

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप शुक्रवार को परमाणु संधि पर कोई फैसला ले सकते हैं. इससे पहले गुरूवार को ब्रसेल्स में भी इस पर चर्चा होगी. यूरोपीय संघ ने कहा है कि यदि अमेरिका इस संधि को तोड़ता है, तो यह दुनिया को असुरक्षित बनाने की ओर एक बड़ा कदम होगा. ब्रसेल्स में ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस के विदेश मंत्री ईरान के साथ मिल कर परमाणु संधि को भविष्य में भी सफलतापूर्वक लागू रखने पर चर्चा करेंगे. हालांकि यूरोपीय संघ के प्रमुख राजनयिक फेडेरिका मोघेरिनी ने कहा है कि वे परमाणु संधि को बाकी के मामलों से अलग रखेंगे. उन्होंने कहा कि ईरान को देश में फैली अशांति पर जवाब देना होगा. पिछले दिनों सरकार विरोधी प्रदर्शनों में ईरान में 21 लोगों की जान गयी है. 

सूत्रों के मुताबिक बुधवार तक राष्ट्रपति ट्रंप ने संधि से जुड़ा कोई फैसला नहीं किया है. वहीं ब्रिटेन के विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि ब्रिटेन "व्हाइट हाउस में अपने मित्रों से आग्रह कर रहा है" कि इस संधि को खत्म ना किया जाए. इस से पहले ईरान ने तीखे स्वर में कहा था कि अगर अमेरिका इस समझौते से दूर होता है, तो ईरान "उपयुक्त और भारी प्रतिक्रिया" देने के लिए तैयार है. अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने कई बार कहा है कि ईरान समझौते के अनुसार अपना वादा निभा रहा है और उसने कभी भी इसका हनन नहीं किया है.

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ईरान से डील तोड़ना ट्रंप के हाथ में नहीं: यूरोपीय संघ

डॉनल्ड ट्रंप ने अक्टूबर 2017 में इस समझौते को रद्द करने का आह्वान करते हुए ईरान पर समझौते का कई बार उल्लंघन करने का आरोप लगाया था, जिसे ईरान ने सिरे से खारिज कर दिया था. ट्रंप आरोप लगाते रहे हैं कि ईरान परमाणु सामग्री का इस्तेमाल हथियार बनाने के लिए करता है, जिससे अमेरिका समेत दुनिया की सुरक्षा को खतरा हो सकता है. वहां ईरान इससे इनकार करता रहा है.

आईएएनएस/आईबी