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हांगकांग में उइगुर मुसलमानों के समर्थन में रैली निकाली

२३ दिसम्बर २०१९

हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक क्रिसमस के मौके पर भी पीछे हटने को तैयार नहीं दिख रहे हैं. ये लोग इस हफ्ते शहर के मुख्य बाजारों और शॉपिंग मॉल में भी प्रदर्शन की तैयारी में जुटे हैं.

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तस्वीर: picture-alliance/Zuma/L. Chung-ren

रविवार को हांगकांग में प्रदर्शन हिंसक हो गया. मुंह पर काले कपड़े बांधे प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के जवानों पर हमला कर दिया और उनकी पिटाई कर दी. प्रर्दशनकारियों ने पुलिस अफसरों पर ईंट और शीशे फेंक कर मारे. जवाब में पुलिस ने पेपर स्प्रे का इस्तेमाल किया. समाचार एजेंसी रॉयटर्स का कहना है कि इसी दौरान पुलिस के एक जवान ने प्रदर्शनकारियों पर पिस्टल तान दी लेकिन उसने गोली नहीं चलाई.

लोकतंत्र समर्थकों ने हांगकांग में पूरे हफ्ते के लिए विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई है, जिसमें क्रिसमस की पूर्व संध्या भी शामिल है. लोकतंत्र समर्थकों का कहना है कि वह शहर के पांच मॉल में विरोध प्रदर्शन करेंगे. विरोध प्रदर्शन के आयोजन का सोशल मीडिया पर भी प्रचार किया जा रहा है.

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रविवार को एक प्रदर्शनकारी पर हांगकांग पुलिस ने पिस्टल तान दी. तस्वीर: AFP/A. Wallace

रविवार को ही हांगकांग में चीन के उइगुर मुसलमानों के समर्थन में एक हजार से अधिक लोगों ने रैली निकाली. आरोप है कि चीन ने उत्तर पश्चिमी क्षेत्र शिनचियांग में लाखों अल्पसंख्यक मुसलमानों को कैंपों में कैद करके रखा है. हालांकि इस रैली के लिए पुलिस से इजाजत मिली थी लेकिन पुलिस का कहना है कि जब प्रदर्शनकारियों ने उनपर हमला किया तो उन्होंने जवाब में कार्रवाई की. हांगकांग में लोकतंत्र समर्थकों ने इस रैली के जरिए चीन में हो रही उइगुर मुसलमानों के साथ ज्यादती को अपने साथ जोड़कर पेश करने की कोशिश की. हांगकांग की आजादी के समर्थन में कुछ लोगों ने सरकारी इमारत पर लगे राष्ट्रीय ध्वज को भी जलाने की कोशिश की.

सरकार ने बीती रात एक बयान जारी कर कहा, "हांगकांग की आजादी की वकालत करना हांगकांग समाज और उसके दीर्घकालिक हित के लिए अनुकूल नहीं है. यह मांग हांगकांग के संबंध में चीन की बुनियादी नीतियों के विपरीत है."

हांगकांग के लोकतंत्र समर्थक आंदोलनकारियों की मांग है कि जनता को चुनाव के जरिए हांगकांग के चीफ एग्जीक्यूटिव को चुनने का अधिकार होना चाहिए जबकि चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी अपनी पसंद के व्यक्ति को चीफ एग्जीक्यूटिव नियुक्त कर वहां अपनी पकड़ मजबूत रखना चाहती है. 1997 में ब्रिटेन ने जब हांगकांग को चीन के हवाले किया तब से यहां "एक देश दो व्यवस्था" के फॉर्मूले पर प्रशासन चल रहा है. चीन हांगकांग के मामले में दखल के आरोपों से इनकार करता आया है. चीन अशांति के लिए पश्चिमी देशों को जिम्मेदार ठहराता आया है. 2047 में हांगकांग की 50 वर्षीय की स्वायत्तता खत्म हो जाएगी.

एए/एनआर (रॉयटर्स, एएफपी)  

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