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बजट सत्र शुरू, पेगासस पर विवाद तेज

चारु कार्तिकेय
३१ जनवरी २०२२

पेगासस मामले पर केंद्र सरकार द्वारा संसद और सुप्रीम कोर्ट से झूठ बोलने के आरोपों के बीच बजट सत्र शुरू हो रहा है. कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ संसद के विशेषाधिकार के हनन के प्रस्ताव की मांग की है.

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Indien Parlament Gebäude
तस्वीर: picture-alliance/dpa/STR

पेगासस पर न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार के दावों के बाद कांग्रेस पार्टी ने सरकार पर संसद को गलत जानकारी देने का आरोप लगाया है. पार्टी ने लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिख कर केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के खिलाफ संसद के विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने की मांग की है.

आज ही से संसद का बजट सत्र शुरू हो रहा है. सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधन से होगी. उसके बाद आज ही सरकार संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेगी जिसमें बीते वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था की हालत का विस्तृत ब्योरा होगा. मंगलवार एक फरवरी को सरकार बजट पेश करेगी.

लेकिन पेगासस मामले पर विवाद के दोबारा खड़े होने से बजट सत्र की कार्यवाही सुचारु रूप से चल पाने की उम्मीद नहीं लग रही है. विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव वैष्णव के खिलाफ इसलिए लाया जा रहा है क्योंकि उन्होंने ही सरकार की तरफ से सबसे पहले पेगासस विवाद पर 2021 में मानसून सत्र के दौरान 19 जुलाई को बयान दिया था.

सरकार द्वारा अवैध जासूसी के लिए पेगासस के इस्तेमाल के दावों को झूठा बताते हुए वैष्णव ने अपने बयान में इस विषय पर मीडिया रिपोर्टों को "सनसनीखेज" और "भारतीय लोकतंत्र और उसके प्रतिष्ठित संस्थानों को बदनाम करने" की कोशिश बताया था.

विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव की मांग के बारे में पत्रकारों को बताते हुए लोक सभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "ऐसा लग रहा है कि मोदी सरकार ने संसद, सुप्रीम कोर्ट और भारत के लोगों से झूठ बोला है." कांग्रेस ऐसा ही विशेषाधिकार प्रस्ताव आज राज्य सभा में भी ले कर आएगी.

सुप्रीम कोर्ट भी पेगासस मामले में सरकार के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच कर रहा है. नवंबर 2021 में अदालत ने पूर्व न्यायमूर्ति रवींद्रन की अध्यक्षता में एक तकनीकी समिति का गठन किया था जो मामले के तकनीकी पहलुओं की जांच कर रही है.

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने इस समिति को पत्र लिखकर न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट की संज्ञान लेने को और भारत सरकार से प्रतिक्रिया लेने को कहा है.

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