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बर्लिनाले: सबसे राजनीतिक फिल्म फेस्टिवल में इस साल क्या खास

अविनाश द्विवेदी
१७ फ़रवरी २०२३

यूरोप के तीन सबसे बड़े फेस्टिवल में से एक बर्लिन फिल्म फेस्टिवल की शुरुआत हो चुकी है. राजनीति और कला को साथ लाने वाले इस फेस्टिवल में इस बार फोकस यूक्रेन युद्ध और ईरान के सत्ता विरोधी प्रदर्शनों पर है.

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16 फरवरी को 73वां बर्लिनाले इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल शुरू हो गया
16 फरवरी को 73वां बर्लिनाले इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल शुरू हो गयातस्वीर: Fabrizio Bensch/REUTERS

राजनीति और कला, ये दोनों विषय इंसानों को अनंत काल से अपनी ओर खींचते रहे हैं. बल्कि कहें तो यही दोनों इंसानों को इंसान होने की खासियत देते हैं. जब इन दोनों को जोड़ दिया जाए, तो जमीन तैयार होती है दुनिया के सबसे राजनीतिक फिल्म फेस्टिवल बर्लिनाले की. जर्मनी की राजधानी बर्लिन में इसकी शुरुआत हो चुकी है.

दुनिया के पांच सबसे बड़े फिल्म फेस्टिवल्स में शुमार बर्लिनाले अपने राजनीतिक रुझान के लिए चर्चित है. शाहरुख खान की 'माई नेम इज खान' और रणवीर सिंह की 'गली बॉय' को पहली बार यहीं प्रदर्शित किया गया था. चूंकि अभी दुनिया में सबसे बड़े राजनीतिक मुद्दे यूक्रेन में रूस की घुसपैठ और हमला, ईरान में सत्ता विरोधी प्रदर्शन और अफगानिस्तान में तालिबान के दकियानूसी कानून हैं, तो फिल्म फेस्टिवल भी इन्हीं मुद्दों के इर्द-गिर्द घूम रहा है.

राजनीति और कला का संतुलन

फिल्म फेस्टिवल का आगाज मजेदार रहा. कला और राजनीति का बेहतरीन संतुलन दिखाते हुए जहां फेस्टिवल का आगाज यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के भाषण से हुआ, वहीं ओपनिंग सेरेमनी में रोमैंटिक फिल्म 'शी केम टू मी' दिखाई गई. फिल्म फेस्टिवल ऐसे समय में हो रहा है, जब यूक्रेन पर रूस के हमले का एक साल पूरा हो रहा है. ऐसे में फेस्टिवल के कई इवेंट यूक्रेन युद्ध के ही इर्द-गिर्द हैं.

इनमें यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की पर बनी फिल्म 'सुपरपॉवर' का वर्ल्ड प्रीमियर भी शामिल है. 'इन टू द वाइल्ड' जैसी बेहतरीन फिल्म बनाने वाले सीन पेन 'सुपरपावर' के डायरेक्टर हैं. फेस्टिवल की ओपनिंग में जेलेंस्की के वर्चुअल भाषण के समय भी वह मंच पर मौजूद थे. ओपनिंग में जेलेंस्की ने कहा, "फिल्में दुनिया को नहीं बदल सकतीं, लेकिन ये उन्हें प्रभावित और प्रेरित कर सकती हैं, जो दुनिया को बदल सकते हैं."

73वें बर्लिनाले इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के ओपनिंग गाला में ताली बजाते दर्शक. इस साल फेस्टिवल में यूक्रेन पर रूसी हमला और ईरान में सरकार विरोधी प्रदर्शन की थीम छाई हुई है. फेस्टिवल ऐसे समय में हो रहा है, जब 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूसी हमले का एक साल पूरा हो रहा है.
73वें बर्लिनाले इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के ओपनिंग गाला में ताली बजाते दर्शक. इस साल फेस्टिवल में यूक्रेन पर रूसी हमला और ईरान में सरकार विरोधी प्रदर्शन की थीम छाई हुई है. फेस्टिवल ऐसे समय में हो रहा है, जब 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूसी हमले का एक साल पूरा हो रहा है. तस्वीर: Fabrizio Bensch/REUTERS

रूसी और ईरानी सरकार से जुड़े लोगों पर बैन

ओपनिंग में जर्मन संस्कृति मंत्री क्लाउडिया रोथ ने यूक्रेन, ईरान और अफगानिस्तान के लोगों के साथ एकजुटता की बात भी कही. रूसी और ईरानी सरकार से सीधे संबंध रखने वाले डायरेक्टर, प्रोडक्शन कंपनियों और पत्रकारों को 73वें बर्लिनाले में शामिल नहीं होने दिया गया है. साथ ही उन्हें फेस्टिवल के यूरोपियन फिल्म मार्केट से भी बैन कर दिया है, जहां बड़ी मात्रा में फिल्म डिस्ट्रीब्यूशन से जुड़े सौदे होते हैं.

इस बार बर्लिन फिल्म फेस्टिवल की ओपनिंग में चार चांद लगाने के लिए "गेम ऑफ थ्रोन्स" फेम पीटर डिंकलेज, इंटरस्टेलर फेम एनी हैथवे, ट्वाइलाइट फेम क्रिस्टीन स्टीवर्ट, ईरानी एक्ट्रेस गोलशिफ्ते फरहानी भी मौजूद रहे. फिल्म फेस्टिवल 26 फरवरी को अवॉर्ड सेरेमनी के साथ खत्म होगा. इन 11 दिनों में दुनियाभर की करीब 300 फिल्में दिखाई जाएंगी.