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जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने इंडोनेशिया जाएंगे मोदी

आमिर अंसारी
११ नवम्बर २०२२

भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया है कि प्रधानमंत्री मोदी अगले हफ्ते जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इंडोनेशिया की यात्रा करेंगे.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीतस्वीर: Markus Schreiber/AFP

विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो के आमंत्रण पर जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने जा रहे हैं.

बाली शिखर सम्‍मेलन के दौरान जी-20 नेता शिखर सम्‍मेलन की थीम ''रिकवर टुगेदर, रिकवर स्ट्रॉन्गर'' के तहत वैश्विक चिंता के प्रमुख मुद्दों पर व्यापक विचार-विमर्श करेंगे. बयान में कहा गया बैठक में तीन सत्र आयोजित होंगे, जिनमें खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, स्वास्थ्य और डिजिटल ट्रांसफोर्मेशन शामिल हैं.

शिखर सम्मेलन के इतर मोदी अपने कुछ समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे. शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों और जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स के शामिल होने की संभावना है.

इस बीच शुक्रवार को चीनी विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग 14 से 17 नवंबर तक इंडोनेशिया में जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. इसके बाद वह एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 17 से 19 नवंबर तक थाईलैंड की यात्रा करेंगे. चीनी विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि वह अगले हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और फ्रांसीसी समकक्ष माक्रों से मुलाकात करेंगे, लेकिन यह नहीं बताया कि कहां.

जी-20 शिखर सम्मेलन में नेताओं से यूक्रेन युद्ध, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर इसके प्रभाव और जलवायु परिवर्तन जैसे अन्य दबाव वाले वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श करने की उम्मीद जताई जा रही है.

विदेश मंत्रालय का कहना है कि शिखर सम्मेलन के समापन सत्र में विडोडो मोदी को प्रतीकात्मक रूप से जी-20 की अध्यक्षता सौंपेंगे. भारत एक दिसंबर से औपचारिक रूप से जी-20 के अध्यक्ष के रूप में कार्यकाल शुरू करेगा.

लोगो को लेकर हो चुका है विवाद

मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अगले साल भारत में होने वाले जी-20 सम्मेलन का लोगो, थीम और वेबसाइट का अनावरण किया था. भारत सरकार ने जो थीम जारी किया है उसमें कमल को दिखाया गया है. सरकार के बयान के मुताबिक भारत की जी-20 की अध्यक्षता का विषय- "वसुधैव कुटुम्बकम" या "एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य"- महा उपनिषद के प्राचीन संस्कृत पाठ से लिया गया है. उसके मुताबिक, "आवश्यक रूप से, यह विषय जीवन के सभी मूल्यों- मानव, पशु, पौधे और सूक्ष्मजीव- और धरती पर और व्यापक ब्रह्मांड में उनके परस्पर संबंध की पुष्टि करता है."

भारत में होने वाले जी-20 सम्मेलन का लोगो
भारत में होने वाले जी-20 सम्मेलन का लोगो

मोदी ने लोगो लॉन्च करते हुए कहा था, "भारत के लिए एक ऐतिहासिक मौका है. जी-20 का यह लोगो संदेश है, एक भावना है, जो हमारी रगों में है. ये संकल्प है जो हमारी सोच में शामिल रहा है. इसमें उपनिषद से लिया गया विश्व कल्याण का मंत्र और वसुधैव कुटुम्बकम का मिश्रण और संतुलन है."

हालांकि कांग्रेस ने लोगो में कमल के फूल को दिखाने पर सवाल उठाए थे, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, "भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कांग्रेस पार्टी के झंडे को राष्ट्रीय ध्वज बनाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी बेशर्मी से खुद को प्रमोट करने का कोई भी मौका नहीं गंवाएगी."

दूसरी ओर बीजेपी ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा था कि 1950 में तब की कांग्रेस सरकार ने कमल को राष्ट्रीय पुष्प घोषित किया था. केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने जयराम रमेश के आरोपों पर कहा, "भगवान ही जानता है कि कांग्रेस राष्ट्रीय प्रतीक को बदनाम करने और कमजोर का विकल्प क्यों चुनती है, जबकि वह खुद को 'जोड़ने' के लिए यात्रा निकाल रही है."