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समाजएशिया

कुत्तों की देखभाल के लिए बुक हो रहे संस्थान

१० जुलाई २०२०

कोरोना वायरस की वजह से लोग अपने घरों में पालतू जानवर रखने से कतरा रहे हैं. जो संक्रमित हैं उन्हें भी चिंता होती है कि उनके पालतू जानवरों की देखभाल कौन करेगा. ऐसे में लोग पालतू जानवरों के संस्थानों से संपर्क साध रहे हैं.

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तस्वीर: picture-alliance/J. de Cuveland

कोरोना वायरस महामारी से इस वक्त हर कोई डरा हुआ है. जो लोग जानवरों को पालने का शौक रखते हैं, उनके मन में भी डर है कि अगर उनको या उनके परिवार के किसी शख्स को कोरोना होता है तो उस स्थिति में वो अपने पालतू जानवर को कहां छोड़ कर जाएंगे या उनकी देखभाल कौन करेगा.

इसी कारण से कई लोग जानवरों के लिए बने देखभाल केंद्रों में संपर्क कर अपने घर पर मौजूद जानवरों की जानकारी दे रहे हैं. राजधानी दिल्ली के पास स्थित नोएडा के संस्थान सोफी मेमोरियल एनिमल रिलीफ ट्रस्ट में भी कई ऐसे फोन आ रहे हैं, जिनमें लोग कोरोना की स्थिति होने पर अपने जानवारों की देखभाल के लिए कह रहे हैं.

नोएडा की रहने वाली रूपशा मुखर्जी कहती हैं, "मेरे पास 4 बिल्लियां हैं. कोरोना बीमारी की वजह से इस वक्त हर कोई डरा हुआ है. मेरी सोसायटी में हाल ही में संक्रमण के दो मामले सामने आए हैं. इस संक्रमण की वजह से मैं भी डरी हुईं हूं. मैंने पहले ही एक संस्थान को बोल दिया है कि अगर मुझे संक्रमण होता है तो आप मेरी बिल्लियों का ध्यान रखना."

कुछ लोगों ने इस संस्थान में अपने पालतू जानवरों को देखभाल के लिए छोड़ भी रखा है. नोएडा के ही एक और शख्स ने बताया, "मेरे पिता को कोरोना संक्रमण है जिसकी वजह से मेरा परिवार क्वारंटाइन में है. हमने अपने कुत्ते को देखभाल करने के लिए इस संस्थान को दे दिया है."

Indien | Haustiere verwahrlost während der Coronapandemie
भारत में कई लोग पालतू जानवरों को घर में रखना नहीं चाह रहे हैं. तस्वीर: IANS

सोफी मेमोरियल एनिमल रिलीफ ट्रस्ट की फाउंडर कावेरी राणा कहती हैं, "लोगों को लगता है कि पालतू जानवरों से कोरोना हो जाता है, जो कि गलत है. इस वजह से कई परिवार अपने पालतू जानवरों को लेकर परेशान हैं. कई परिवार ऐसे है जिनके पड़ोसियों ने कुत्ता रखने से मना कर दिया. इसके बाद मैंने सभी को बोला कि अगर आपके परिवार को संक्रमण का खतरा हो और आपके पास पालतू जानवर हो तो आप हमारे पास छोड़ सकते हैं, हम उनकी देखभाल करेंगे. हमारे पास कई लोगों के फोन आए जिन्होंने हमसे उनके पालतू जानवरों की देखभाल करने के लिए कहा हुआ है."

कावेरी कहती हैं कि अब तक छह ऐसे परिवारों के मामले सामने आ चुके हैं जो कि कोरोना संदिग्ध थे. दो परिवार संक्रमित भी थे. इन सभी के पालतू कुत्ते हमारे संस्थान में रहे. कावेरी बताती हैं, "करीब 10 परिवार ऐसे थे, जिन्होंने अपने कुत्तों को कोरोना के डर की वजह से छोड़ दिया क्योंकि उन्हें लगता था कि कोरोना वायरस बीमारी में कुत्तों को घर में नहीं रखना चहिए."

कावेरी के मुताबिक जब नोएडा में पहला संक्रमित मरीज पाया गया था, तो उसके पास पालतू कुत्ता था. उसके सभी पड़ोसियों ने कुत्ते को रखने से मना कर दिया जिसके बाद उसने मुझसे संपर्क किया. कावेरी ने अपने घर में उस कुत्ते को दस दिनों तक रखा.

एए/सीके (आईएएनएस)

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