कोरोना वायरस के समय बेघरों की बेबसी
दुनिया भर में ऐसे कई लोग हैं जो कोरोना संकट के समय भी सड़क पर जिंदगी बिताने को मजबूर हैं. चाहे अमेरिका हो या फिर लंदन संकट के इस समय में भी कुछ बेघर सड़क पर ही रहने को मजबूर हैं. एक नजर बेघरों की हालत पर.
लंदन, ब्रिटेन
लंदन में बेघर तख्ती पर अपनी स्थिति लिख लोगों से दान की अपील करते हुए. जिन लोगों के पास रहने के लिए घर नहीं वह किसी तरह से मेट्रो स्टेशन या फिर सड़क किनारे संकट के समय में जिंदगी बिता रहे हैं.
डकार, सेनेगल
35 साल के इब्राहिम के पास रहने को घर नहीं है. वह रात के समय में इसी तरह से बेंच पर बैठ कर अपना समय काटते हैं. यहां 4 मई तक सुबह से लेकर शाम का कर्फ्यू लगा हुआ है.
फ्लोरिडा, अमेरिका
ऐसा नहीं है कि अमीर देश अमेरिका में सबके पास रहने को मकान है. कोरोना संकट के समय भी लोग सड़क के किनारे रह रहे हैं. हालांकि स्वास्थ्य कर्मचारी उनके बारे में पता करने के लिए जरूर जाते हैं.
बैंकॉक, थाईलैंड
थाईलैंड में बेघरों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए राहत शिविरों में रखा गया हैं. उन्हें सामाजिक दूरी के बारे में जानकारी दी जाती है और सख्ती से पालन करने को कहा जाता है. खाने के लिए भी लोग कतार में लगते हैं और बारी बारी से भोजन लेते हैं.
लास वेगस, अमेरिका
लास वेगस का नाम सुनते ही दिमाग में ऐसी तस्वीर आ जाती है जिसमें रात को चमकती इमारतें होती हैं, शानदार पार्टियां और ना जाने क्या-क्या. लेकिन कोरोना वायरस के कारण यहां की भी तस्वीर बदल चुकी है. बेघर लोग यहां अस्थायी पार्किंग की जगहों पर सो रहे हैं.
प्राग, चेक गणराज्य
प्राग में भी बेघरों के रहने के लिए कुछ इस तरह से इंतजाम किए गए हैं. कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए बेघरों के टेंट एक दूसरे के बीच दूरी रख कर लगाए गए हैं.
पेरिस, फ्रांस
फ्रांस की राजधानी पेरिस में हर साल लाखों लोग पर्यटन के लिए आते हैं. देश की कमाई भी इससे अच्छी खासी होती है लेकिन यहां भी बेघर हैं. संकट के दौर में किसी को आश्रय मिल गया तो कोई इसी तरह से सड़क पर है.
ओस्लो, नॉर्वे
नॉर्वे जैसे छोटे देश में भी बेघर हैं. करीब 54 लाख की आबादी वाले देश ने बेघरों के रहने के लिए केंद्रों का इंतजाम किया है. सामाजिक दूरी को ध्यान में रखते हुए बिस्तर को अलग-अलग लगाया है. नॉर्वे ने बड़े आयोजनों पर प्रतिबंध को 1 सितंबर तक बढ़ा दिया है.
रोम, इटली
रोम के मशहूर पर्यटन स्थल कोलोजियम के बाहर खड़े इस शख्स के पास रहने को घर नहीं है. महामारी का सबसे ज्यादा असर यूरोप के इसी देश पर पड़ा है. क्या अमीर और क्या गरीब कोरोना वायरस की मार सभी झेल रहे हैं.
कोलकाता, भारत
भारत में केंद्र और राज्यों ने बेघरों के लिए अस्थायी केंद्र बनाए हैं जहां ऐसे लोग रह सकते हैं जिनके पास घर नहीं हैं. यहां उन्हें तीनों वक्त का भोजन दिया जाता है और चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए तरह-तरह के कार्यक्रम चलाए जाते हैं.
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