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लाहौर में मारा गया सरबजीत सिंह की हत्या का आरोपी

१५ अप्रैल २०२४

पाकिस्तान में मौत की सजा पाए भारतीय कैदी सरबजीत सिंह की हत्या के आरोपी की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी.

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सरबजीत सिंह पर पाकिस्तान की जेल में हमला हुआ था, आमिर सरफराज पर हमले का आरोप लगा था
सरबजीत सिंह पर पाकिस्तान की जेल में हमला हुआ था, आमिर सरफराज पर हमले का आरोप लगा थातस्वीर: picture-alliance/dpa

सरबजीत सिंह की कोट लखपत जेल में 2013 में हत्या कर दी गई थी. उनपर जासूसी का आरोप लगा था. सरबजीत की हत्या का आरोप आमिर सरफराज तांबा पर लगा था. आमिर सरफराज की 14 अप्रैल को लाहौर में अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक सरफराज पर मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने हमला किया. उसे नाजुक हालत में अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसकी मौत हो गई.

अब पाकिस्तानी अधिकारी आमिर की हत्या की जांच कर रहे हैं जिसे 2013 में लाहौर की कोट लखपत जेल में सरबजीत सिंह की हत्या के आरोप से बरी कर दिया गया था. सरबजीत की मौत के लिए आमिर और एक अन्य व्यक्ति मुदस्सर पर मुकदमा चलाया गया लेकिन सबूतों के अभाव में 2018 में उन्हें बरी कर दिया गया.

अज्ञात हमलावरों ने की हत्या

लाहौर पुलिस के डीआईजी अली नासिर रिजवी ने कहा, "हथियारबंद लोगों ने आमिर के घर में घुसकर उन्हें गोली मार दी. घटना के बाद हमलावर मोटरसाइकिल पर सवार होकर मौके से फरार हो गए."

इस हत्याकांड के बाद पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी के अधिकारी आमिर के शव को शहर के कंबाइंड मिलिट्री हॉस्पिटल ले गए. अली नासिर रिजवी ने कहा कि अज्ञात हमलावरों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है, लेकिन उन्होंने हमले के संभावित मकसद समेत मामले के बारे में अधिक जानकारी नहीं दी.

इससे पहले पाकिस्तान भारत की खुफिया एजेंसी रॉ पर पाकिस्तान के अंदर कथित टारगेट किलिंग का आरोप लगा चुका है. पाकिस्तान का कहना है कि उसके पास पिछले साल दो पाकिस्तानियों की हत्या में डबल एजेंटों की संलिप्तता के विश्वसनीय सबूत हैं.

पाकिस्तानी मीडिया में आमिर की मौत को प्रमुखता से कवर नहीं किया गया. हालांकि भारतीय मीडिया में इस हत्याकांड की खबर रविवार से ही बनी हुई है. लेकिन भारतीय अधिकारियों की ओर से इस मामले पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई है.

कौन थे सरबजीत सिंह

सरबजीत सिंह को 1990 में लाहौर और फैसलाबाद में सिलसिलेवार बम विस्फोटों में उनकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया था. पाकिस्तान की अदालत ने बम धमाकों के लिए उन्हें दोषी पाया था और मौत की सजा सुनाई थी.

2008 में पाकिस्तान पीपल्स पार्टी की सरकार ने उनकी फांसी अनिश्चित काल के लिए टाल दी. सरबजीत के परिवार वालों का कहना था कि खराब मानसिक हालत में उन्होंने गलती से सीमा पार कर ली थी और उन्हें किसी और की जगह सजा दी गई.

लेकिन 2013 में जेल के भीतर आमिर और अन्य कैदियों ने सरबजीत पर ईंट और लोहे की छड़ों से हमला किया था. हमले के बाद करीब एक हफ्ते तक सरबजीत सिंह कोमा में रहे. कुछ दिनों बाद उनकी दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी.

कथित टारगेट किलिंग

पाकिस्तान में पिछले कुछ सालों में भारत में आतंकी हमले को अंजाम देने वाले संदिग्ध आरोपियों की हत्या हो चुकी है. ब्रिटिश अखबार द गार्डियन ने 4 अप्रैल को एक रिपोर्ट में दावा किया था कि 2019 में पुलवामा हमले के बाद से भारत की खुफिया एजेंसी रॉ ने पाकिस्तान के अंदर संदिग्ध आतंकवादियों की हत्याएं की हैं.

अखबार की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि नई दिल्ली ने उन लोगों निशाना बनाने की नीति लागू की है, जिसे वे भारत का दुश्मन मानते हैं. रिपोर्ट में कहा गया कि ये हत्याएं "भारतीय खुफिया एजेंसी के स्लीपर सेल द्वारा अंजाम दी जा रही थीं जो ज्यादातर संयुक्त अरब अमीरात से संचालित होती थीं."

अखबार ने दावा किया कि उसने रिपोर्ट के लिए भारतीय और पाकिस्तानी जासूसों से बात की, जिन्होंने कहां कि "भारत सरकार ने विदेशी धरती पर रहने वाले आतंकवादियों को खत्म करने की एक व्यापक रणनीति के तहत पाकिस्तान में व्यक्तियों की हत्या की."

(एपी से जानकारी के साथ)