1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
समाज

पाकिस्तान: ईशनिंदा के दोषी ईसाई को मौत की सजा

९ सितम्बर २०२०

पाकिस्तान में एक और अल्पसंख्यक को ईशनिंदा के दोष में स्थानीय अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है. आसिफ परवेज पर अपने सुपरवाइजर पर ईशनिंदा का मैसेज भेजने का आरोप था.

https://p.dw.com/p/3iC3Y
तस्वीर: AFP/Str

पाकिस्तान में फैक्ट्री कर्मचारी आसिफ परवेज को स्थानीय अदालत ने ईशनिंदा के दोष में मौत की सजा सुनाई है. परवेज साल 2013 से ही जेल में बंद थे. उनपर अपने सुपरवाइजर को "ईशनिंदा" वाले मैसेज भेजने के आरोप लगे थे. परवेज ईसाई हैं और वे सजा के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करेंगे. परवेज कपड़ा फैक्ट्री में काम करते थे और उनके सुपरवाइजर ने आरोप लगाया था कि उन्होंने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपमानजनक टेक्स्ट मैसेज भेजे थे. मुस्लिम देश पाकिस्तान में पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने वालों को मौत की सजा का प्रावधान है. परवेज के वकील सैफ-उल-मलूक ने बताया कि उनको सजा साल 2013 से चली आ रही सुनवाई के बाद दी गई है. मलूक का कहना है कि वे इस सजा के खिलाफ अपील दायर करेंगे.

कोर्ट के फैसले के मुताबिक परवेज को फोन का "गलत" इस्तेमाल कर टेक्स्ट संदेश भेजने के लिए भी तीन साल की सजा सुनाई गई है. लाहौर के सत्र अदालत ने अपने फैसले में कहा कि उसे "फांसी के फंदे पर मौत होने तक लटका दिया जाए." कोर्ट ने परवेज पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है. सुनवाई के दौरान परवेज ने कोर्ट से कहा कि उसके सुपरवाइजर ने तभी ईशनिंदा के आरोप लगाए जब उसने इस्लाम धर्म कबूल करने से इनकार कर दिया था. शिकायतकर्ता के वकील मुर्तजा चौधरी ने इस आरोप से इनकार किया है.

पाकिस्तान के मानवाधिकर समूहों का कहना है देश में ईशनिंदा कानून का इस्तेमाल निजी दुश्मनी या फिर अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करने के लिए होता आया है. पाकिस्तान में इस्लामी कट्टरपंथ चरम पर है और इस तरह के आरोपों पर पीट-पीटकर हत्या या सड़क पर कानून को अपने हाथ में लेने वालों की कोई कमी नहीं है.

जुलाई के महीने में ही एक अमेरिकी नागरिक की कोर्ट में सुनवाई के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पेशावर के कोर्ट में ईशनिंदा के आरोपी की सुनवाई भीड़ से भरे कोर्ट में हो रही थी और एक किशोर ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी थी. अहमदिया समुदाय से आने वाले ताहिर अहमद नसीम पर पैगंबर मोहम्मद के अपमान का आरोप था.

नसीम की हत्या का आरोपी तो पकड़ा गया लेकिन उसे एक "पाक हीरो" की तरह पेश किया जा रहा है. हजारों लोगों ने हत्या के आरोपी की रिहाई की मांग रखी है. नसीम के मारे जाने से अमेरिका ने भी नाराजगी जताई है.

1980 से अब तक ईशनिंदा के करीब 75 आरोपियों की कोर्ट में सुनवाई खत्म होने से पहले ही भीड़ द्वारा हत्या की जा चुकी है. पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग का कहना है कि पुलिस ने पिछले महीने 40 लोगों के खिलाफ ईशनिंदा के आरोप में केस दर्ज किए हैं. अधिकतर मामले शिया मुसलमानों के खिलाफ दर्ज कराए गए हैं. 

एए/सीके (रॉयटर्स, डीपीए)

__________________________

हमसे जुड़ें: Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें