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आपदाभारत

हिमाचल में जारी है आसमानी आफत

आमिर अंसारी
१६ अगस्त २०२३

हिमाचल प्रदेश में रविवार से भारी बारिश जारी है. जगह-जगह भूस्खलन से मकानों और सड़कों को भारी नुकसान पहुंचा है.

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हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश में रविवार से भारी बारिश जारी हैतस्वीर: AFP

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण पिछले तीन दिनों में 60 लोगों की मौत हो चुकी है. शिमला में बचावकर्मियों ने मंगलवार को शिव के मंदिर के मलबे से दो और शव निकाले हैं. अभी कई और लोगों के लापता होने की आशंका है.

शिमला में भारी बारिश के कारण कई मकानों का नुकसान हुआ है और सड़कें भी तबाह हो गई हैं. मंगलवार को एक और भूस्खलन के बाद शिमला के पुराने बस स्टैंड के पास कृष्णा नगर इलाके में कम से कम पांच घर ढह गए.

बादल फटने और भूस्खलन के कारण मकानों को नुकसान
बादल फटने और भूस्खलन के कारण मकानों को नुकसानतस्वीर: REUTERS

मकान और सड़कें तबाह

मौसमी आपदा के कारण हिमाचल प्रदेश को अब तक 10 हजार करोड़ रुपये के नुकसान की आशंका है. खराब मौसम को देखते हुए हिमाचल में स्कूल और कॉलेज 16 अगस्त को भी बंद रखने का फैसला लिया गया है.

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को बताया कि हिमाचल प्रदेश में अगले दो दिनों के अलावा उत्तराखंड और पूर्वोत्तर में अगले चार से पांच दिनों में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश जारी रहने की संभावना है.

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हिमाचल में रविवार से जारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है. राज्य में चार राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) और लगभग 857 सड़कें घंसने और मलबा गिरने के कारण बंद हैं.

इसके अलावा राज्य में लगभग 4,285 बिजली ट्रांसफार्मर और 889 जलापूर्ति योजनाएं भी बंद पड़ीहैं जिसके कारण राज्य में जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. राज्य के मंडी, कुल्लू और शिमला जिले प्राकृतिक आपदा के कारण बुरी तरह से प्रभावित हैं.

शिमला में बचावदल बचाव अभियान चला रहे हैं
शिमला में बचावदल बचाव अभियान चला रहे हैंतस्वीर: Pradeep Kumar/AP Photo/picture alliance

राहत कार्य जारी

हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि पोंग बांध के पास कांगड़ा के निचले इलाकों से बुधवार तक 800 से अधिक लोगों को निकाला गया. बांध जलाशय में जल स्तर बढ़ने के कारण उनके गांवों का संपर्क टूट गया था. उन्होंने कहा, "निकासी अभियान अभी भी जारी है, और लोगों को निकाला जा रहा है."

पोंग बांध से मंगलवार को लगभग 1.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे कांगड़ा के इंदौरा और फतेहपुर के इलाकों में भीषण बाढ़ आ गई. भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के एक अधिकारी ने बुधवार को मीडिया से कहा, "पिछले तीन दिन से तीनों नदियों - ब्यास, सतलुज और रावी  में प्रवाह बहुत अधिक था. आज इसमें भारी गिरावट आयी है. हमने भाखड़ा और पोंग दोनों बांधों से छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा कम कर दी है क्‍योंकि पंजाब और हिमाचल के निचले इलाकों में पहले से ही बाढ़ की समस्या थी."

पंजाब में एक महीने के भीतर दूसरी बार गांवों में बाढ़ आई है. इससे खेतों में फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.