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समाजएशिया

शोधः दिल्ली में 22 फीसदी से अधिक लोग कोरोना संक्रमित

२२ जुलाई २०२०

एक शोध के मुताबिक दिल्ली में पांच में एक से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और शोध इस बात की ओर इशारा करता है कि ज्यादातर मामलों का पता ही नहीं चला. यह शोध 27 जून से लेकर 10 जुलाई के बीच किया गया.

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तस्वीर: Getty Images/Y. Nazir

देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस को लेकर नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) ने 21,387 लोगों की जांच की और पाया कि 23.48 प्रतिशत लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडीज विकसित हो चुकी है. एनसीडीसी के निदेशक डॉ. सुजीत कुमार सिंह ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि नेगेटिव और पॉजिटिव के गलत नतीजे को समायोजित कर अनुमान लगाया गया कि दिल्ली में 22.86 आबादी कोरोना वायरस से संक्रमति हुई. दिल्ली की आबादी 2.9 करोड़ है और यहां पर आधिकारिक तौर पर 1,25,096 मामले दर्ज किए गए हैं और 3,690 मौत हो चुकी है. हालांकि शोध 66 लाख से अधिक संभावित मामलों को इंगित करता है, जिनमें से अधिकांश की पहचान नहीं हो पाई या फिर उनका टेस्ट नहीं हुआ.

वेल्लोर स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज में महामारी वैज्ञानिक डॉ. जयप्रकाश मुलियाल कहते हैं सर्वे के नतीजे औसत है और संक्रमित लोगों का प्रतिशत बहुत अधिक हो सकता है. उनके मुताबिक कुछ इलाकों जैसे कि झुग्गी बस्ती में संक्रमितों की संख्या अधिक हो सकती है. डॉ. मुलियाल सरकार को वायरस पर निगरानी को लेकर सलाह भी दे रहे हैं. डॉ. मुलियाल कहते हैं, "आपको अलग-अलग क्लस्टरों को देखने की जरूरत है." एनसीडीसी द्वारा दिल्ली में यह शोध 27 जून से 10 जुलाई के बीच हुआ था और डॉ. मुलियाल कहते हैं अब तक संक्रमण के संभावित मामले बढ़ गए होंगे. बुधवार 22 जुलाई तक भारत में कोरोना वायरस के मामले 11,92,915 तक पहुंच गए और देश में मृतकों की संख्या 28,732 हो गई.

देश में सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में दिल्ली तीसरे स्थान पर है. दिल्ली में बुधवार 22 जुलाई तक 1,25,096 मामले दर्ज किए जा चुके हैं और यहां सक्रिय मामलों की संख्या 15,288 है. पहले स्थान पर महाराष्ट्र है जहां पर 3,27,031 मामले दर्ज किए जा चुके हैं. तमिलनाडु 1,80,643 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर है. कोविड-19 से सबसे अधिक मौतें महाराष्ट्र में हुई है. यहां पर अबतक 12,276 मौतें हुई है. दिल्ली में 3,690 और तमिलनाडु में 2,626 लोग मारे जा चुके हैं.

अमेरिका और ब्राजील के बाद भारत में ही सबसे ज्यादा कोरोना वायरस के मामले दर्ज किए गए हैं. हालांकि इन देशों और वैश्विक औसत की तुलना में भारत में मृतकों की संख्या काफी कम है. जानकारों को आशंका है कि वायरस से होने वाली बहुत मौतों को आधिकारिक आंकड़ों में जोड़ा नहीं जा रहा है, खासकर बुजुर्गों में होने वाली मौतों को. राजधानी दिल्ली के बाहर जांच भी सीमित है. शुरूआत में कोरोना वायरस देश के बड़े शहरों तक ही सीमित था लेकिन ग्रामीण इलाकों में हालात अब चिंताजनक हो गए हैं. ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य प्रणाली बहुत नाजुक है और वहां टेस्टिंग को लेकर भी सवाल खड़े होते रहे हैं.

देश में कोविड-19 के मामले बढ़ते देख भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने राज्यों से कोरोना जांच के लिए और अधिक लैब विकसित करने और टेस्टिंग क्षमता को बढ़ाने को कहा है.

एए/सीके (एपी)

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