1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
अपराधएशिया

म्यांमार में 11 लोगों की हत्या पर आक्रोश

१० दिसम्बर २०२१

म्यांमार में 11 लोगों को जिंदा जला दिए जाने की खबरों पर अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने म्यांमार की सेना की निंदा की है. सेना ने इन खबरों का खनन किया है लेकिन स्थानीय लोगों ने घटना की पुष्टि की है.

https://p.dw.com/p/445Eg
फाइल तस्वीरतस्वीर: AFP

म्यांमार की स्थानीय मीडिया और आम लोगों ने बताया कि सेना के काफिले पर हमले के एक दिन बाद सेना ने सगैंग प्रांत के डोंटाव गांव के रहने वाले 11 लोगों को बांध कर जिंदा जला दिया. मारे गए लोगों में बच्चे भी शामिल हैं. सेना ने इन दावों से इनकार किया है.

सैन्य सरकार द्वारा समर्थित ग्लोबल लाइट ऑफ म्यांमार अखबार ने इन खबरों को "फेक न्यूज" बताया और "स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों द्वारा षड़यंत्र का सबूत बताया." लेकिन स्थानीय  लोगों ने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने सैनिकों के चले जाने के बाद "हाथ बंधी हुई धधकती लाशों" को देखा.

सोशल मीडिया पर डाले गए एक वीडियो में भी कई जले हुए शव जमीन पर पड़े हुए नजर आ रहे हैं. वीडियो में एक आवाज कहती है, "इससे हम सब को दुख पहुंचा है...ये इंसानों की लाशें भी नहीं लग रही हैं." डेमोक्रेटिक वॉइस ऑफ बर्मा अखबार ने भी दावा किया कि सेना ने उन गांव वालों को पकड़ लिया था जो भाग नहीं पाए.

Myanmar | "Stiller" Streik
मंडले में वीरान पड़ी सड़केंतस्वीर: REUTERS

इस प्रांत में सेना और नागरिकों के सैन्य समूह पीपल्स डिफेंस फोर्स के सदस्यों के बीच नियमित रूप से लड़ाई होती रही है. स्थानीय मीडिया ने बताया कि सेना का हमला इसी समूह के सदस्यों द्वारा एक दिन पहले सेना की एक टुकड़ी पर किए गए हमले की प्रतिक्रिया में किया गया था.

'शांत हड़ताल'

इन हत्याओं के विरोध में लोगों ने एक "शांत हड़ताल" का आयोजन किया, जिसमें लोगों ने शहरों और कस्बों में सार्वजनिक स्थानों को खाली कर दिया और खुद ही खुद को घरों में बंद कर लिया. यह प्रदर्शन अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के दिन ही आयोजित किया गया.

Bangkok UN Building - Aung San Suu Kyi
एक प्रदर्शन की फाइल तस्वीरतस्वीर: Jack Taylor/AFP/Getty Images

देश के सबसे बड़े शहर यांगोन में बाजार और दुकानें बंद रहीं. अमूमन खचाखच भरी रहने वालीं सड़कों पर कोई यातायात भी नहीं था. दूसरे सबसे बड़े शहर मंडाले में भी इसी तरह के दृश्य देखे गए. इस तरह के प्रदर्शन शहरों में लगातार हो रहे हैं लेकिन ग्रामीण इलाकों में काफी गंभीर लड़ाई हो रही है. वहां सेना ने ज्यादा ताकत लगा दी है.

हाल के महीनों में लड़ाई सगैंग और उत्तर पश्चिम के दूसरे इलाकों में सबसे ज्यादा तेज हो गई है. देश में फरवरी में हुए तख्ता पलट के बाद से ही लगातार उथल पुथल है. एक स्थानीय समूह के मुताबिक 1300 से ज्यादा लोग सुरक्षा बलों के हाथों मारे गए हैं और अर्थव्यवस्था का भी बुरा हाल है.

सीके/एए (एपी, एएफपी)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी