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विज्ञानसंयुक्त राज्य अमेरिका

किलर व्हेल अपनी खेलकूद के लिए करती हैं नावों पर हमला?

यूलिया फैर्गिन
८ जून २०२३

ओरका या किलर व्हेल के कुछ समूह जिब्राल्टर जलसंधि में नियमित तौर पर नावों को नुकसान पहुंचाते हैं. कई बार तो उन्हें डुबा भी देते हैं. कई शोधकर्ताओं का मानना है कि यह आक्रामक बर्ताव नहीं, बस टीनएज की खेलकूद है.

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खिलंदड़पन और अक्खड़पन में किशोरवय ओरका व्हेल, मानव टीनएजरों जैसे हैं.
खिलंदड़पन और अक्खड़पन में किशोरवय ओरका व्हेल, मानव टीनएजरों जैसे हैं. तस्वीर: All Canada Photos/picture alliance

शुरुआत में बस एक ओरका व्हेल मछली थी. उसने पानी से बाहर छलांग लगाई और 14 मीटर लंबी नाव के ढांचे के दोनों किनारों के बीच से तैरती हुई चली गई. ग्रीस की ओर बढ़ रही नाव उस वक्त जिब्राल्टर जलसंधि से गुजर रही थी.

नाव पर सवार चार सदस्यों के क्रू में एमी भी थीं. वह बताती हैं, "हमें वह स्काउट जैसा लगा." कुछ मिनटों बाद वह ओरका फिर लौटी. इस बार कई साथी आरका भी उसके साथ थीं. एमी बताती हैं कि उनमें से पांच-छह ओरका जोर से नाव को धक्का देने लगीं. एमी कहती हैं, "उस वक्त मुझे डर नहीं लगा था." एमी नहीं जानती थीं कि उस इलाके में ऐसी सैकड़ों घटनाएं हो चुकी थीं. कुछ में तो नावें डूब भी गईं. हालांकि अब तक किसी इंसान को नुकसान नहीं पहुंचा है.

यह सिलसिला जुलाई 2020 से शुरू हुआ, जब जिब्राल्टर जलसंधि और आइबेरिया के अटलांटिक तट से गुजर रहे नाविक बताने लगे कि ओरका उनकी नावों पर हमला कर रही हैं. उस वक्त तक ओरका का ऐसा बर्ताव विचित्र और दुर्लभ था. शुरुआती घटनाओं में ऐसे हमलों में दो-तीन ओरका ही शामिल होती थीं. अब विशेषज्ञों का मानना है कि ओरका इबेरिका की आबादी के कम-से-कम 16 ओरकाओं को नाव से टक्कर मारने और रबड़ ब्लेड चबाने का शौक हो गया है. कुछ ओरका तो नाव को एक-दूसरे के बीच यूं धकेलती हैं, मानो नाव नहीं गेंद हो.

ओरका, डॉल्फिन परिवार की सदस्य है. इसे किलर व्हेल भी कहते हैं. उनकी उम्र इंसानों जितनी ही होती है और वे सामाजिक जीव होते हैं. वे अपने परिवार के साथ करीबी रिश्ते बनाकर रखती हैं. चाहे अंटार्कटिक का बर्फीला पानी हो या ऊष्णकटिबंधीय इलाका, किनारे के नजदीक का क्षेत्र हो या खुला समंदर, अलग-अलग तरह की ओरका उपवर्ग की आबादी तकरीबन हर जगह मौजूद है.

शोधकर्ताओं ने पाया है कि हर आबादी ने अपनी-अपनी खाने की पसंद, भाषा और बर्ताव विकसित कर ली है. अब तक केवल ओरका इबेरिका की ही आबादी है, जिसने नावों को धक्का देने का शौक पाला है. 

एमी और उनके साथियों के साथ हुई घटना में शामिल ओरका के समूह ने करीब 20 मिनट बाद नाव को जाने दिया. लेकिन उन 20 मिनटों में क्रू ने कई चीजें महसूस कीं. ओरका और उनकी ताकत पर वे बड़े सम्मोहित हुए, उन्हें उत्तेजना भी हो रही थी और यह फिक्र भी थी कि नाव को कितना नुकसान हो सकता है. हालांकि एमी बताती हैं, "मुझे कभी महसूस नहीं हुआ कि वे हमला कर रही हों. वो अलग-अलग पीढ़ियों के बीच खेल सा लग रहा था."

शोधकर्ताओं का कहना है कि ओरका व्हेल आक्रामक होकर नहीं, मजे के लिए छोटी नावों पर हमला करती हैं.
शोधकर्ताओं का कहना है कि ओरका व्हेल आक्रामक होकर नहीं, मजे के लिए छोटी नावों पर हमला करती हैं. तस्वीर: Daniel Feldman/picture alliance/dpa

नाव को धक्का क्यों देती हैं ओरका?

जीव विज्ञानी मोनिका वीलांड शील्ड्स कहती हैं कि एमी का नजरिया, उस दिन नाव के साथ जो भी हो रहा था, उसकी सबसे संभावित व्याख्या है. वीलांड, बिहेवियरल साइंटिस्ट और ओरका बिहेवियर इंस्टिट्यूट में डायरेक्टर हैं. यह वैज्ञानिक संगठन वॉशिंगटन प्रांत के तट के नजदीक रहने वाले ओरकाओं के दो आबादी समूहों के व्यवहार पर शोध करता है.

हालांकि कुछ ओरका वैज्ञानिकों की राय अलग है. उनका अनुमान है कि ओरकाओं का बर्ताव पानी में उनके साथ हुई ज्यादतियों का बदला लेने की कोशिश है. ओरकाओं को कई बार बर्छी से निशाना बनाया जाता है. अतीत में इंसानों के साथ हुई मुठभेड़ों में वे कई बार घायल हो चुकी हैं. जिब्राल्टर जलसंधि में जहाजों का काफी आना-जाना है. शोर से जानवर प्रभावित हो सकते हैं. साथ ही, ओरका इबेरिका के खाने का स्रोत टूना है, जिसके लिए उन्हें इंसानों से होड़ लेनी पड़ती है. हालांकि जुलाई 2020 तक ओरकाओं ने इंसानों को निशाना बनाकर नुकसान पहुंचाने की कोशिश नहीं की थी. 

1960-70 के दशक में वॉशिंगटन प्रांत की तटरेखा के नजदीक किशोर ओरकाओं को पकड़ा गया और उनकी मांओं के आगे पानी से बाहर निकाल लिया गया. वीलांड बताती हैं, "अगर कोई बात उन्हें आक्रामक प्रतिक्रिया के लिए उकसाती है, तो मुझे लगता है कि वो ऐसी ही स्थिति में होगा." वीलांड बताती हैं कि उस वक्त भी ओरकाओं ने अपने नजदीक तैर रहे इंसानों को छुआ तक नहीं.

एक-दूसरे के बर्ताव को अपनाती हैं ओरका

इसका मतलब यह नहीं कि नावों को धक्का देने के पीछे ओरकाओं की बदला लेने की मंशा के अनुमान को पूरी तरह खारिज किया जा सकता है. लेकिन वीलांड कहती हैं कि इस अवधारण की पुष्टि के लिए प्रमाण की कमी है. ओरकाओं के व्यवहार से जुड़ी उनकी व्याख्या बिहेवियरल वैज्ञानिकों के दशकों तक किए गए उस निरीक्षण पर आधारित है, जिसके मुताबिक ओरका को ट्रेंड्स की समझ है.

1980 के दशक में वॉशिंगटन की तटरेखा के पास एक ओरका ने अपने सिर पर एक मरी हुई सामन मछली लेकर घूमना शुरू किया. जल्द ही बाकी व्हेल भी इसी तरह माथे पर मरी हुई सामन मछली सजाए तैरते नजर आई. अगले साल इस शौक में गिरावट आने लगी और फिर यह पूरी तरह बंद हो गया.

ओरका अक्सर संकेत चिह्न के तौर पर पानी की सतह के ऊपर तैरते गेंदों या झींगा पकड़ने वाली नावों के फेंके हुए जाल से खिलौनों की तरह खेलती हैं. वीलांड शील्ड्स बताती हैं कि कई ओरका ऐसे खेलों में शामिल हो जाती हैं. फिर धीरे-धीरे उनकी दिलचस्पी खत्म होने लगती है और खेल का वह तरीका उनके लिए फैशन से बाहर हो जाता है. वीलांड कहती हैं, "ऐसा लगता है कि किशोर उम्र की व्हेल ऐसा बर्ताव करती हैं."

किशोरवय में उत्सुकता, प्रयोग करने की प्रवृत्ति और उधम मचाना इंसानों में आम है. वीलांड कहती हैं, "हम सोचते हैं कि ऐसा बर्ताव बस इंसानों में होता है." वीलांड के मुताबिक, यह अनुमान अक्सर गलत साबित हुआ है. वह बताती हैं, "हमने सोचा कि औजारों का इस्तेमाल बस इंसानों की खासियत है और संस्कृति तो सिर्फ मानवों की है. और जैसे-जैसे हम दूसरी प्रजातियों का अध्ययन करते हैं, वो सारे अनुमान एक-के-बाद-एक गलत साबित होते जाते हैं."

ओरका टिलिकुम को नाबालिग उम्र में पकड़ लिया गया था. उसने कैद में अपनी जिंदगी बिताई. वह तीन लोगों की मौत का जिम्मेदार है.
ओरका टिलिकुम को नाबालिग उम्र में पकड़ लिया गया था. उसने कैद में अपनी जिंदगी बिताई. वह तीन लोगों की मौत का जिम्मेदार है. तस्वीर: Phelan M. Ebenhack/picture alliance/dpa

ओरका आक्रामक क्यों हो जाती हैं?

वीलांड बताती हैं, "उनका दिमाग पेचीदा भावनाओं के लिए बना है." उत्सुकता, उल्लास और खेलने की दिलचस्पी की ही तरह निराशा, डर और गुस्सा भी उनके भावना समूह का हिस्सा है. कैद की गईं ओरकाओं में खासतौर पर गुस्से की भावना स्पष्ट दिखती है. आजाद ओरकाओं के घातक रूप से इंसानों पर हमला करने की कोई घटना तो दर्ज नहीं है, लेकिन थीम पार्कों में कैद रखी गईं ओरकाओं के इंसानों पर हमलों की लिस्ट लंबी है. इनमें कुछ घातक हमले भी शामिल हैं.

वीलांड शील्ड्स के मुताबिक, कैद में रखी गईं ओरकाओं का बर्ताव उनका पेचीदा व्यक्तित्व दिखाता है. जहां कुछ में सहन करने की क्षमता ज्यादा होती है, वहीं बाकियों को छोटे कंक्रीट टैंक में रहने और प्रशिक्षित किए जाने की जिंदगी के मुताबिक ढलने में दिक्कत होती है.

ऐसे में वीलांड का मानना है कि अगर परिस्थितियां प्रबल हों, तो ओरका चिढ़कर असामान्य व्यवहार कर सकती हैं. हालांकि इसीलिए वीलांड यह भी मानती हैं कि अगर ओरका इबेरिका का इरादा सच में नावों और उनपर सवार लोगों को नुकसान पहुंचाना होता, तो वे आसानी से ऐसा कर सकती थी.

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