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समाज

चाइल्ड केयर संकट: काम पर कैसे लौटेंगी मांएं

११ मई २०२१

महामारी के बाद अमेरिका में ऐसी मांओं के सामने चुनौती पेश आ रही हैं जो काम की तलाश में हैं लेकिन उनके बच्चों की देखभाल के लिए केंद्रों की कमी हो गई है.

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तस्वीर: picture alliance/Hans Ringhofer/picturedesk.com

करीब डेढ़ साल बाद वेंडी निकुलेस्कु वापस काम पर जाने के लिए तैयार हैं. उन्होंने इतने समय तक घर पर रहकर अपने बच्चों की देखभाल की. वह गैर-लाभकारी क्षेत्र में अधिक रोजगार के अवसर देख रही हैं, जिसमें पिछले साल रोजगार के अवसर कम हो गए थे.

निकुलेस्कु और उनके पति भी बच्चों को डे केयर में भेजने के लिए सहज हैं, दोनों को ही कोरोना वायरस की वैक्सीन लग चुकी है. लेकिन एक बड़ा मुद्दा उनके काम में वापसी को जटिल बना रहा है. वह है, बच्चों की देखभाल करने वाले चाइल्ड केयर सेंटर जो उनके दो बच्चों की देखरेख कर सके. पोर्टलैंड, ऑरेगन की रहने वाली निकुलेस्कु के दो और पांच साल के दो बच्चे हैं. 39 वर्षीय निकुलेस्कु कहती हैं, "यह जानने की अनिश्चितता नहीं है कि क्या उपलब्ध होने जा रहा है, यह बहुत कठिन है." उनको लगता है कि कई केंद्र अगले कुछ महीनों तक खाली स्थानों के साथ उपलब्ध नहीं होंगे.

महामारी के एक साल के अधिक समय के बाद अमेरिका में टीकाकरण व्यापक रूप से हो रहा है और नौकरी के अवसर तेजी से खुल रहे हैं. अमेरिकी श्रम बाजार में मार्च में 9 लाख 16 हजार नौकरियां आईं. अप्रैल महीने में भी नई नौकरियों के जुड़ने के आंकड़े जारी होने वाले हैं. महामारी के पहले भी कई माता-पिताओं के लिए चाइल्ड केयर तक पहुंच बहुत महंगी थी और महामारी के बाद तो पहले की तुलना में बच्चों को चाइल्ड केयर भेजना और कठिन हो गया है.

देश भर में कई चाइल्ड केयर कम स्लॉट के साथ काम कर रहे हैं क्योंकि महामारी को लेकर कई दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. कई केंद्रों में कम बच्चों को दाखिल किया जा रहा है लेकिन वे महंगे हो गए हैं. कोरोना संकट के दौरान कई चाइल्ड केयर केंद्र स्थायी रूप से बंद हो गए और कई कम घंटों के साथ काम कर रहे हैं. अमेरिका में चाइल्ड केयर अवेयर के लिए नीति की प्रमुख मारियो कार्डोना पूछती हैं, "एक बार माता-पिता काम पर वापस लौटने लगेंगे, खासकर मां काम पर लौटेगी तो बच्चों की देखभाल के लिए पर्याप्त आपूर्ति होगी?"

Deutschland Kindergarten in Hanau
तस्वीर: Reuters

अमेरिकी अर्थशास्त्रियों का कहना है कि बच्चों की देखभाल वाले केंद्रों की कमी को दूर करना महामारी के कारण देश की अर्थव्यवस्था को मंदी से निकाल पाने में महत्वपूर्ण होगा. श्रम अर्थशास्त्री कैथरीन ऐनी एडवर्ड्स कहती हैं, "यह बहुत साफ कि महिलाएं इस आर्थिक सुधार को संवारेंगी या बिगाड़ेंगी और माताएं इसके केंद्र में होंगी." वह कहती हैं, "क्या माताएं काम करेंगी? यह एक आर्थिक सवाल है, यह शायद मौजूदा हालात से बड़ा नहीं है."

शोध बताता है कि बच्चों की देखभाल वाले केंद्रों की कमी काम करने वाली माओं को प्रभावित कर रहा और उनपर बोझ बढ़ा है. एक और शोध में बताया गया कि अमेरिकी में 22 प्रतिशत माता-पिता काम नहीं कर रहे हैं या फिर कम काम कर रहे हैं क्योंकि बच्चों की देखभाल वाले केंद्रों की कमी है.

एए/वीके (रॉयटर्स)

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