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अगस्त से ही फैलने लगा था कोरोना वायरस?

१० जून २०२०

हारवर्ड मेडिकल स्कूल ने दावा किया है चीन में कोरोना वायरस का संक्रमण अगस्त 2019 में ही शुरू हो गया था. अब तक माना जा रहा था कि चीन के वुहान शहर में नवंबर या दिसंबर में संक्रमण की शुरुआत हुई.

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तस्वीर: picture-alliance/kyodo

अमेरिका के हारवर्ड मेडिकल स्कूल ने डाटा का आकलन कर पता लगाया है कि चीन के वुहान में, जहां सबसे पहले कोविड-19 की शुरुआत हुई थी, वहां अगस्त के महीने में ही अस्पतालों में मरीजों की संख्या में वृद्धि आई थी. इतना ही नहीं, इसी दौरान वहां इंटरनेट में लोगों ने कोविड-19 के लक्षणों का पता करने की कोशिश भी की. शोध में कहा गया है, "अस्पतालों में भीड़ और लक्षणों को लेकर इंटरनेट सर्च दिसंबर 2019 में दर्ज की गई सार्स-कोव-2 महामारी से पहले ही शुरू हो गई थी."

अमेरिका में हुई इस स्टडी पर चीन ने नाराजगी जताई है. चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, "मेरे अनुसार यह बेहूदगी है, सरासर बेहूदगी कि आप सतही तौर पर ट्रैफिक वॉल्यूम जैसी चीज पर ध्यान देंगे और उससे किसी नतीजे पर भी पहुंच जाएंगे." इस रिसर्च के लिए सैटेलाइट से मिली 111 तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है. रिसर्च टीम ने जनवरी 2018 से अप्रैल 2020 के बीच वुहान के छह अस्पतालों के पार्किंग लॉट की तस्वीरों का आकलन किया. इसके अलावा उन्होंने इसी समय के दौरान चीन के सर्च इंजन बाइडू पर कोविड-19 से जुड़े कीवर्ड्स का पता लगाया जैसे खांसी, बुखार इत्यादि.

तस्वीरों से उन्हें यह समझ आया कि अगस्त 2019 में वुहान के अस्पतालों में अचानक ही भीड़ बढ़ी. सितंबर और अक्टूबर में यह जारी रही. रिसर्चरों ने अस्पताल में हर दिन आने वालों का जो औसत निकाला था, उसके अनुसार छह में से पांच अस्पतालों में इस दौरान औसत सबसे अधिक रहा. ऐसा ही बाइडू पर खांसी से जुड़ी सर्च के साथ भी हुआ.

इंटरनेट में लोगों ने ना केवल खांसी, बल्कि दस्त के बारे में भी पढ़ा. हालिया शोध बताते हैं कि खांसी के साथ साथ दस्त भी कोविड-19 का लक्षण हो सकता है. हारवर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, "हमने देखा कि अगस्त में दस्त के बारे में सर्च बढ़ गए और पिछले फ्लू सीजन में ऐसा नहीं हुआ था." इसके मुताबित महामारी फैलने के बाद दुनिया भर में सारा ध्यान सांस की तकलीफ पर ही टिक गया और पाचन से जुड़ी समस्याओं को नजरअंदाज कर दिया गया, "यह खोज इस ओर इशारा करती है कि उन नॉवल वायरसों को लेकर सरवेलेंस की कोशिशों को और बढ़ाया जाए जिनके कारण अप्रत्याशित लक्षण सामने आ सकते हैं."

वुहान में कोरोना संक्रमण की शुरुआत कब हुई, यह पता लगाने के लिए दुनिया भर में कई शोध चल रहे हैं. कई कॉन्सपिरेसी थियोरी भी सामने आई हैं. ऐसा भी कहा गया कि वायरस चीन की एक लैब से निकला. लेकिन इनमें से किसी की भी पुष्टि नहीं हुई है और अब तक वैज्ञानिक यही मानते हैं कि वुहान के मीट बाजार से यह वायरस जानवरों से इंसानों में पहुंचा और जल्द ही शहर की आबादी में फैल गया. 23 जनवरी को जब वहां लॉकडाउन घोषित किया गया, तब तक बड़ी संख्या में मामले सामने आ चुके थे.

हारवर्ड के ताजा शोध में लिखा गया है, "हम इस बात की पुष्टि नहीं कर सकते कि (अस्पतालों में) बढ़ी भीड़ का सीधा इस संबंध नए वायरस से ही है लेकिन हमने जो पता लगाया है वह अन्य शोधों से मेल खाता है जो दावा करते हैं कि वुहान के मीट बाजार में फैलने से पहले ही संक्रमण शुरू हो चुका था." दरअसल चीन में मिले शुरुआती मामलों में कई ऐसे थे जो कभी उस मीट बाजार में गए ही नहीं, इसलिए इस बात की आशंका बढ़ जाती है कि इंफेक्शन कहीं और से शुरू हुआ.

रिपोर्ट: वेस्ली रान/आईबी

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