उत्तर-दक्षिण कोरिया के बीच 'कूड़ा युद्ध'
उत्तर कोरिया ने कहा है कि वह अब गुब्बारों के जरिए दक्षिण कोरिया में कूड़ा नहीं फेंकेगा. क्या है यह 'कूड़ा-युद्ध'?
कूड़े के सैकड़ों बैग
उत्तर कोरिया से गैस के गुब्बारों के सहारे लटका कूड़ा-कचरा दक्षिण कोरिया के सीमांत इलाकों में उतरता रहा है. पिछले हफ्ते सैकड़ों ऐसे गुब्बारे दक्षिण कोरिया में उतरे.
सिर्फ कचरा
इन गुब्बारों में सिर्फ कूड़ा होता है, जैसे जली हुई सिगरेट, गत्ते के टुकड़े और प्लास्टिक. इतना सारा कूड़ा साफ करने के बाद दक्षिण कोरिया ने कहा कि अगर यह नहीं रुका तो वह भी जवाब देगा.
परेशान करने का तरीका
दरअसल, उत्तर कोरिया का यह दक्षिण कोरिया के प्रचार से भरे पर्चे फेंकने का जवाब था. वहां के एक उप रक्षा मंत्री किम कंग इल ने कहा, “रिपब्लिक ऑफ कोरिया को हमने ठीक-ठाक समझा दिया है कि कागज का कचरा साफ करने में कितनी मेहनत लगती है और यह कितना परेशान कर सकता है.”
टुच्ची हरकत
दक्षिण कोरिया ने कहा कि गुब्बारों से कूड़ा फेंकना और जीपीएस जाम कर देना उत्तर कोरिया की टुच्ची हरकत है. लेकिन उत्तर कोरिया ने कहा कि अगर दक्षिण कोरिया फिर पर्चे फेंकेगा तो वह सौ गुना ज्यादा कूड़ा भेजेगा.
सैकड़ों गुब्बारे उतरे
दक्षिण कोरिया की सेना के मुताबिक ये गुब्बारे सीमांत इलाकों से लेकर राजधानी सोल तक में उतरे हैं. पुलिस और सेना के जवान यह कूड़ा साफ कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह 1950-53 के युद्ध के बाद हुए समझौते का उल्लंघन है.
दक्षिण कोरिया का जवाब
दक्षिण कोरियाई लोगों ने भी इन गुब्बारों के जवाब में कुछ गुब्बारे भेजे जिनमें दक्षिण कोरियाई टीवी सीरीज की सीडी और पर्चे थे. देश की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद कहा गया कि इसके जवाब में सीमा पर लाउड-स्पीकर से प्रचार अभियान फिर से शुरू किया जा सकता है.