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विज्ञानसंयुक्त राज्य अमेरिका

अब तक एलियंस के होने का कोई सबूत नहींः रिपोर्ट

१९ दिसम्बर २०२२

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय एलियंस और उड़नतश्तरियों की तफ्तीश को खासी तवज्जो दे रहा है. पिछले करीब दो साल से इस संबंध में गहन जांच चल रही है.

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अमेरिकी एजेंसियों द्वारा यूएफओ की जांच
अमेरिकी एजेंसियों द्वारा यूएफओ की जांचतस्वीर: U.S. Department of Defense/dpa/picture alliance

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं कि कोई एलियंस पृथ्वी पर आए हैं या उनका विमान क्रैश हुआ है. मीडिया से बातचीत में अमेरिकी उप रक्षा मंत्री रोनाल्ड मौल्ट्री ने कहा कि एलियंस के अस्तित्व का अब तक कोई सबूत नहीं है.

मौल्ट्री ने कहा, "अब तक जो हमारे पास है, उसमें मुझे ऐसा कुछ नहीं दिखा है कि धरती पर एलियन आए हों या कोई एलियन-क्रैश हुआ हो.”

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने एक नया विभाग बनाया है जिसे ऑल-डोमेन एनोमली रेजॉल्यूशन ऑफिस (एएआरओ) नाम दिया गया है. बाह्य अंतरिक्ष में जीवन की खोजके लिए बनाए गए इस विभाग के निदेशक शॉन कर्कपैट्रिक हैं जो कहते हैं कि इस संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता कि ब्रह्मांड में कहीं और जीवन नहीं है लेकिन वह इस खोज में वैज्ञानिक नजरिये से काम कर रहे हैं.

ऑस्ट्रिया के आसमान में यूएफओ का सच

जुलाई में एएआरओ के गठन के बाद पहली बार मीडिया से बातचीत में कर्कपैट्रिक ने कहा, "मैं बस इतना कहूंगा कि हम अपने विश्लेषण की पूरे विस्तार और गहनता के साथ संरचना तैयार कर रहे हैं. फिर हम उसका पूरा अध्ययन करेंगे.”

उन्होंने कहा कि वह आंकड़ों के आधार पर ही बात करना चाहते हैं. उन्होंने कहा, "एक भौतिकविज्ञानी के तौर पर मैं वैज्ञानिक तरीकों पर ही काम करूंगा और जहां भी हो विज्ञान और आंकड़ों को ही मानूंगा.”

एएआरओ का मिशन सैन्य अधिष्ठानों, प्रतिबंधित वायु सीमा क्षेत्रों और ‘हित से जुड़े अन्य इलाकों' में ऐसी गतिविधियों की जांच करना है, जिनकी कोई व्याख्या उपलब्ध नहीं है. इस अभियान के जरिये अमेरिकी अधिकारी अपने देश और सेना के अभियानों की सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहते हैं.

सैकड़ों घटनाएं दर्ज

पिछले साल सरकार ने एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें 2004 से अब की 140 ऐसी घटनाओं का जिक्र है जिन्हें अमेरिकी सेना ‘अनआइडेंटिफाइड एरियल फिनोमिना' (यूएपी) कहते हैं. यानी ये ऐसी घटनाएं हैं जिनकी कोई दुनियाबी व्याख्या नहीं की जा सकी है.

रिपोर्ट कहती है कि इन 140 में से एक ही मामला है जिसमें गर्म हवा के गुब्बारे को देखा गया और उड़नतश्तरी समझ लिया गया. बाकी किसी मामले की व्याख्या नहीं की जा सकी है और इसका और अध्ययन किए जाने की जरूरत है.

विज्ञान की उड़नतश्तरियां

रिपोर्ट में यह भी पता चला कि इन 139 मामलों से इतर 143 मामले ऐसे हैं जिनके बारे में बहुत काम जानकारी उपलब्ध है. इसलिए यह समझना ही मुश्किल है कि ये घटनाएं कैसी थीं. साथ ही यह कहना भी मुश्किल है कि ये घटनाएं किसी बाहरी दुनिया की ताकत के कारण हुईं या फिर रूस या चीन जैसी किसी महाशक्ति द्वारा अंजाम दी गईं.

2021 में आई इस रिपोर्ट में ऐसी कई घटनाएं शामिल हैं जिनमें कुछ उड़ती हुई चीजों को इतनी तेज रफ्तार के साथ आते जाते या उतरते देखा गया, जितनी रफ्तार अब तक ज्ञात तकनीक के हिसाब से संभव नहीं है.

कर्कपैट्रिक ने कहा कि तब और कई सौ घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं और सटीक आंकड़ा जल्द ही जारी किया जाएगा. हालांकि मई में एक वरिष्ठ अमेरिकी नौसैनिक अधिकारी ने कहा था कि रिपोर्ट में 400 से ज्यादा घटनाओं को दर्ज किया गया है.

ऐतिहासिक घटनाओं की जांच

अमेरिकी संसद के सदन कांग्रेस ने इसी हफ्ते अपना सालाना रक्षा नीति अधिनियम पारित किया है. इस बिल में रक्षा मंत्रालय की एलियंस को खोजने की कोशिश को विशेष स्थान दिया गया है. बिल पर अभी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अभी दस्तखत नहीं किए हैं. इसमें 1945 से अब तक यूएफओ नजर आने की तमाम घटनाओं के विश्लेषण की बात कही गई है.

कर्कपैट्रिक ने बताया, "यह अच्छा खासा शोध प्रोजेक्ट बन जाएगा.” अमेरिकी वायु सेना ने 1969 में ऐसा एक शोध प्रोजेक्ट चलाया था जिसे प्रोजेक्ट ब्लू बुक नाम दिया गया था. उस प्रोजेक्ट के तहत यूएफओ नजर आने की 12,618 घटनाएं सूचीबद्ध की गई थीं. उनमें से 716 यूएफओ आज भी आधिकारिक तौर पर ऐसे हैं जिनके बारे में कोई व्याख्या या जानकारी उपलब्ध नहीं है.

1994 में एयर फोर्स ने कहा कि उसने 1947 के चर्चित ‘रोजवेल इंसिडेंट' से जुड़ा एक अध्ययन पूरा कर लिया है. न्यू मेक्सिको में हुई इस घटना को अधिकारियों ने गर्म हवा के गुब्बारे का क्रैश होना बताया और कहा कि एलियंस के किसी तरह के शरीर बरामद नहीं हुए.

वीके/एनआर (रॉयटर्स, एएफपी)

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