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विज्ञानसंयुक्त राज्य अमेरिका

क्षुद्र ग्रह जो सुदूर भविष्य में पृथ्वी से टकरा सकता है

१ नवम्बर २०२२

अंतरिक्षविज्ञानियों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने एक क्षुद्रग्रह पता लगाया है जिसकी कक्षा पृथ्वी की कक्षा से हो कर गुजर रही है. सुदूर भविष्य में इस क्षुद्रग्रह के पृथ्वी से विध्वंसकारी टक्कर की कुछ आशंकाएं नजर आई हैं.

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Chile | Víctor M. Blanco-Teleskop
तस्वीर: Alex Tudorica/Novapix/Leemage/IMAGO

करीब 1.5 किलोमीटर चौड़े इस क्षुद्रग्रह को 2022 एपी7 नाम दिया गया है. यह अंतरिक्ष के उस  इलाके में मिला है जहां सूरज की अत्यधिक चमक के कारण किसी आकाशीय पिंड को देख पाना बेहद मुश्किल होता है.

चिली के विक्टर एम ब्लांको टेलिस्कोप में डार्क मैटर की स्टडी के लिए इस्तेमाल होने वाले उन्नत उपकरणों की मदद से इस क्षुद्रग्रह को देखा गया. इसके साथ और क्षुद्रग्रह भी नजर आये हैं जो पृथ्वी के करीब हैं.

धूमकेतू के पृथ्वी से टकराने का खतरा
वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के आस पास 30 हजार से ज्यादा धूमकेतुओं की खोज की हैतस्वीर: Alain de Maximy/NASA/Zoonar/picture alliance

पृथ्वी से टकराने की आशंका

कार्नेगी इंस्टीट्यूशन फॉर साइंस के अंतरिक्ष विज्ञानी स्कॉट शेपर्ड इस रिसर्च रिपोर्ट के प्रमुख लेखक हैं. शेपर्ड का कहना है, "2022 एपी7 का पथ पृथ्वी की कक्षा से गुजरता है जो इसे खतरनाक क्षुद्रग्रह बनाता है, हालांकि फिलहाल या निकट भविष्य में इसके पृथ्वी से टकराने की आशंका नहीं है."

खतरे की आशंका इस बात से होती है कि किसी भी घूमते हुए पिंड का पथ कई सारे ग्रहों के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण धीरे धीरे बदलता है. ऐसी स्थिति में ज्यादा लंबे समय के लिए कोई पूर्वानुमान लगा पाना बहुत मुश्किल है.

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 अमेरिका का नॉइर लैब कई सारे दूरबीनों का संचालन करता है. नॉइर लैब का कहना है कि यह क्षुद्रग्रह, "बीते आठ सालों में खोजा गया सबसे बड़ा पिंड है जो काफी खतरनाक है."

2022 एपी7 को अपनी वर्तमान कक्षा में सूर्य की परिक्रमा करने में 5 साल लगते हैं, इसके आधार पर जब यह पृथ्वी के सबसे करीब होगा तब भी इसकी दूरी करोड़ों किलोमीटर दूर होगी.

धूमकेतू की टक्कर का खतरा
नासा ने एक धूमकेतू से अंतरिक्ष यान को टकरा कर उसका मार्ग बदला थातस्वीर: ASI/NASA

टक्कर हुई तो बहुत नुकसान होगा

ऐसे में इससे टक्कर होने की आशंका बहुत कम है लेकिन अगर टक्कर हुई तो इस आकार के क्षुद्रग्रह से शेपर्ड के मुताबिक, "जीवन पर विध्वंसकारी असर हो सकता है." शेपर्ड ने समझाया कि टक्कर के नतीजे में जो धूल हवा में उड़ेगी वह वातावरण को बहुत ठंडा कर देगी और उसके नतीजे में, "ऐसी विलुप्तीकरण हो सकती है जो धरती पर करोड़ों सालों में नहीं देखी गयी है."

शेपर्ड की टीम की रिसर्च रिपोर्ट एस्ट्रोनॉमिकल जर्नल में छपी है. दूसरे दो क्षुद्रग्रह से धरती को कोई खतरा नहीं है लेकिन इनमें एक  अब तक सूरज के सबसे करीब पाया गया क्षुद्रग्रह है.

वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के आस पास अलग अलग आकार के करीब 30,000 क्षुद्रग्रह खोजे हैं. इनमें एक किलोमीटर से ज्यादा व्यास वाले क्षुद्रग्रह 850 से ज्यादा हैं. इन सब को नियर अर्थ ऑब्जेक्ट्स कहा जाता है. इनमें से किसी के भी धरती से अगले 100 साल में टकराने की आशंका नहीं है.

कई क्षुद्रग्रहों की खोज बाकी

शेपर्ड के मुताबिक अभी भी 20-50 बड़े क्षुद्रग्रह की खोज होनी बाकी है हालांकि इनमें से ज्यादातर की कक्षा ऐसी है जो सूर्य की चमक से छिप जाती है. भविष्य में किसी ज्यादा खतरनाक पिंड की खोज के लिए नासा ने सितंबर में एक अभियान का परीक्षण किया था जिसमें एक अंतरिक्ष यान को क्षुद्रग्रह से टकराया गया. इस परीक्षण के बाद नासा ने दावा किया कि इनके पथ को बदला जा सकता है.

एनआर/सीके(एएफपी)