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राजनीतियूक्रेन

रूस ने यूक्रेन पर तेज किया हमला, जेलेंस्की ने की मदद की अपील

२७ अगस्त २०२४

रूस ने यूक्रेन पर सैकड़ों की संख्या में ड्रोन्स और मिसाइलें दागीं. यूक्रेन के मुताबिक, यह अब तक के सबसे बड़े रूसी हमलों में से एक है. इससे पहले यूक्रेन ने औचक हमला कर रूस के कुर्स्क प्रांत में सैन्य बढ़त ली थी.

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26 अगस्त की इस तस्वीर में रूसी मिसाइल के हमले से लगी आग बुझाते यूक्रेन के दमकलकर्मी.
अपने ताजा हमले में रूस ने खासतौर पर यूक्रेन के ऊर्जा ढांचे को निशाना बनाया है. इसे बीते कई महीनों में रूस का सबसे बड़ा हमला बताया जा रहा है. राजधानी कीव समेत कई इलाकों में बिजली चली गई है. पानी की आपूर्ति भी बाधित हुई है. तस्वीर: Press Service of the State Emergency Service of Ukraine in Odesa region/Handout/REUTERS

रूस ने यूक्रेन के ऊर्जा ढांचे को भी निशाना बनाया, जिसके कारण कई इलाकों में बिजली की आपूर्ति ठप हो गई. अधिकारियों के मुताबिक, ताजा हमलों ने पहले से कमजोर एनर्जी ग्रिड को बड़ा नुकसान पहुंचाया है. इससे ट्रेन सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं. यूक्रेनी वायु सेना के मुताबिक, 27 अगस्त को भी कई टीयू-95एमएस बॉम्बरों ने पश्चिमी रूस के एक एयरफील्ड से उड़ान भरी है. यूक्रेनी अधिकारियों ने देशभर में हवाई हमलों के लिए चेतावनी जारी की है.

बीते दिन रूसी हमलों में आई भारी तेजी के कारण राजधानी कीव में लोगों को मेट्रो स्टेशनों पर बने शेल्टरों में शरण लेनी पड़ी. यहां 34 साल की यूलिया वोलोश्यना ने समाचार एजेंसी एएफपी से बातचीत में कहा, "हम हमेशा चिंता में रहते हैं. करीब तीन साल से हम लगातार तनाव में जी रहे हैं. ईमानदारी से कहूं, तो यह बहुत डरावना है. आप नहीं जानते कि क्या होने वाला है."

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26 अगस्त की इस तस्वीर में यूक्रेन का एक दमकलकर्मी रूसी मिसाइल हमले के कारण लगी आग बुझाने के लिए दौड़ता नजर आ रहा है.
इससे पहले 24 अगस्त को रूस के एक मिसाइल हमले में रॉयटर्स के दो पत्रकार गंभीर रूप से घायल हो गए. जख्मी पत्रकार रॉयटर्स की छह लोगों की एक टीम का हिस्सा थे. यह टीम पूर्वी यूक्रेन के क्रामतोर्स्क शहर के जिस होटल में ठहरी हुई थी, वह मिसाइल हमले की चपेट में आया. इसमें रॉयटर्स के साथ बतौर सुरक्षा सलाहकार काम कर रहे ब्रिटेन के एक शख्स रेयान इवान्स की मौत हो गई. तस्वीर: Press Service of the State Emergency Service of Ukraine in Odesa region/Handout/REUTERS

"अब तक के सबसे बड़े रूसी हमलों में से एक"

ताजा रूसी हमले की व्यापकता रेखांकित करते हुए राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इसे "रूस के अब तक के सबसे बड़े हमलों" में से एक बताया. उन्होंने कहा कि मॉस्को ने यूक्रेन पर कम-से-कम 127 मिसाइलें और 109 ड्रोन्स छोड़े. इनमें से 102 मिसाइलें और 99 ड्रोनों को यूक्रेन ने गिरा दिया. जेलेंस्की ने अपने संबोधन में यूरोपीय वायु सेना से मदद की अपील की. उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसे हमलों के दौरान ड्रोनों और मिसाइलों को गिराने में वे यूक्रेन की मदद करें.

साथ मिलकर काम करने पर जोर देते हुए कहा, "यूक्रेन के कई हिस्सों में हम लोगों की सुरक्षा के लिए और भी ज्यादा कदम उठा सकते हैं अगर यूरोपीय पड़ोसियों के एविएशन (वायु सेनाएं) हमारे एफ-16 और एयर डिफेंस के साथ मिलकर काम करें." जेलेंस्की के चीफ ऑफ स्टाफ अंद्रेय येरमाक ने कहा कि रूस का ताजा हमला दिखाता है कि कीव को "पश्चिमी हथियारों के साथ रूसी भूभाग में और अंदर तक" हमला करने की अनुमति दी जानी चाहिए.

कुर्स्क ऑपरेशन: यूक्रेन का औचक हमला, रूस के शहर पर कब्जा

रूस के मिसाइल हमले के बाद मलबे का ढेर और बचाव कार्य में जुटे यूक्रेनी राहतकर्मी.
अगस्त महीने में ही यूक्रेन ने रूस के कुर्स्क प्रांत में औचक हमला कर बड़ी सैन्य बढ़त हासिल की. रूसी सेना इस हमले के लिए बिल्कुल तैयार नहीं दिखी. कुछ अपुष्ट खबरों में दावा किया जा रहा है कि रूस के ताजा हमलों के बीच यूक्रेनी सेना ने बेलगोरोद प्रांत के पास भी रूसी सीमा में दाखिल होने की कोशिश की है. तस्वीर: Andrii Gorb/REUTERS

पश्चिमी देशों ने रूसी हमले की निंदा की

जर्मनी, अमेरिका और ब्रिटेन ने रूसी आक्रमण की निंदा की है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसे क्रूर कहा. जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने कहा कि "एक बार फिर पुतिन का रूस, यूक्रेन की जीवनरेखाओं को बड़े स्तर पर मिसाइलों से निशाना बना रहा है." ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैमी ने रूसी आक्रमण को "कायराना" बताया.

वहीं, नाटो के सदस्य पोलैंड ने आरोप लगाया कि हमले के दौरान उसके हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया गया. खबरों के मुताबिक, रूस की ओर से छोड़ा गया एक ड्रोन पोलैंड के हवाई इलाके में दाखिल हुआ. सशस्त्र बलों के एक प्रवक्ता ने पत्रकारों को बताया, "बहुत संभावना है कि यह शहीद टाइप का एक ड्रोन हो सकता है, लेकिन अभी इसकी पुष्टि की जानी है."

पहले भी आरोप लगे हैं कि रूसी सेना ईरान के इस कथित "शहीद" ड्रोन को इस्तेमाल कर रही है. सितंबर 2022 में, यानी यूक्रेन युद्ध शुरू होने के सात महीने बाद पहली बार यूक्रेनी सेना के इस ड्रोन को गिराने की खबर आई थी. यूक्रेनी अखबार "कीव इंडिपेंडेंट" की एक खबर के मुताबिक, शहीद-136 ड्रोनों को फिर से रंगकर और अलग लेबल लगाकर 2022 से ही यूक्रेन के खिलाफ इस्तेमाल किया जा रहा है. रूसी सेना इनकी मदद से यूक्रेन के ऊर्जा ढांचे और रिहायशी इलाकों को निशाना बनाती आ रही है.

यूक्रेन के कितने काम आएगा कुर्स्क

अखबार की एक हालिया खबर के मुताबिक, "शहीद, जो कि स्मगल की गई पश्चिमी तकनीकों की मदद से लगातार बेहतर हो रहे हैं और ऑपरेट किए जा रहे हैं, बहुत तेजी से बड़े स्तर पर होने वाले हवाई हमलों का प्रमुख हथियार बन गए हैं." अखबार ने वायु सेना के एक पूर्व प्रवक्ता के हवाले से बताया कि रूस आमतौर पर इस ड्रोन का इस्तेमाल नदियों के किनारे और सड़कों पर करता है क्योंकि नदी के ऊपर से उड़ते हुए एंटी-एयरक्राफ्ट रेडार के लिए इनकी पहचान कर पाना मुश्किल होता है. इसी तरह सड़कों पर कारों के शोर के बीच उनकी आवाज को पहचान पाना भी मुश्किल होता है.

एसएम/आरपी (एपी, एएफपी, रॉयटर्स)