1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
विज्ञानसंयुक्त राज्य अमेरिका

मंगल पर नासा के मिनी-हेलीकॉप्टर ने भरी आखिरी उड़ान

२६ जनवरी २०२४

मंगल पर गया नासा का छोटा हेलीकॉप्टर अब काम बंद कर रहा है. उसने अपनी आखिरी उड़ान भर ली है और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा है कि इनजेनुइनिटी अब काम नहीं कर पाएगा.

https://p.dw.com/p/4bgtP
मंगल ग्रह पर इनजेनुइनिटी
इनजेनुइनिटी ने अपनी आखिरी उड़ान भर ली हैतस्वीर: NASA/JPL-Caltech/ZUMA/picture alliance

नासा का छोटा हेलीकॉप्टर मंगल पर अब काम बंद कर रहा है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक करीब दो किलोग्राम वजनी इनजेनुइनिटी नाम के इस हेलीकॉप्टर के पंख खराब हो गए हैं जिसके कारण वह अब उड़ान नहीं भर पाएगा.

नासा ने कहा कि अभी हेलीकॉप्टर से संपर्क बना हुआ है लेकिन आधिकारिक तौर पर यह अभियान खत्म हो गया है. इस मिशन पर कुल 8.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर का खर्च आया था.

नासा प्रशासक बिल नेल्सन ने सोशल मीडिया पर साझा किए गए के वीडियो में कहा, "कुछ खुशी, कुछ गम के साथ मैं यह बता रहा हूं कि इनजेनुइनिटी, जो और बहुत कुछ कर सकता था और कहता रहा कि मैं कर सकता हूं, मैं कर सकता हूं... अब उसने मंगल पर अपनी आखिरी उड़ान भर ली है.”

14 गुना ज्यादा काम

2021 में जब इनजेनुइनिटी को मंगल ग्रह पर उतारा गया था तो इसका काम एक परीक्षण उड़ान मात्र था लेकिन लगभग तीन साल तक यह काम करता रहा और इसने कुल 72 उड़ानें भरीं. करीब दो घंटे के अपने कुल उड़ान समय में इसने 18 किलोमीटर की यात्रा की, जो तय लक्ष्य से 14 गुना ज्यादा है.

अपनी उड़ानों के दौरान यह छोटा सा हेलीकॉप्टर अधिकतम 24 मीटर की ऊंचाई पर उड़ा और इसने 36 किलोमीटर प्रति घंटा की अधिकतम रफ्तार भी हासिल की.

पहले यह अभियान सिर्फ 30 दिन का होना था जिसमें पांच उड़ानों की योजना थी. लेकिन यह तीन साल तक काम करता रहा. फरवरी 2021 में मंगल पर उतरने के बाद अप्रैल 2021 में हेलीकॉप्टर ने पहली उड़ान भरी थी.

मिशन के समापन का ऐलान करते हुए नासा की लॉरी ग्लेज ने कहा, "भले हमें पता था कि एक दिन यह अभियान खत्म होना है, फिर भी ऐसा मानना आसान नहीं है. इसने उम्मीदों से कहीं ज्यादा दिया, यह कहना भी काफी नहीं है.”

टकरा गया होगा

नासा के परसिवरेंस नाम के रोवर पर सवार होकर इनजेनुइनिटी 2021 में मंगल पर उतरा था. वहां उसने प्रेजरवेंस के सहयोगी के तौर पर काम किया और इससे यह साबित हुआ कि मंगल के बेहद हल्के वातावरण में भी उड़ान भरी जा सकती है.

नासा ने इनजेनुइनिटी की आखिरी उड़ान की तस्वीरें भी दिखाई हैं, जिनमें उसके ब्लेड्स को पहुंचा नुकसान देखा जा सकता है. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि लैंडिंग के वक्त धरातल पर टकराने से यह नुकसान हुआ होगा.

एजेंसी ने कहा कि ये ब्लेड अब काम के नहीं रह गए हैं. नेल्सन ने कहा, "हम इस बात की संभावना की जांच कर रहे हैं कि ब्लेड धरातल पर टकराया होगा.”

भविष्य की राह

पिछले हफ्ते अपनी आखिरी उड़ान पर यह हेलीकॉप्टर 12 मीटर की ऊंचाई तक गया और कुछ ही सेंकड्स तक हवा में रहने के बाद उतर गया. हवा में करीब एक मीटर ऊंचाई पर रहस्यमयी रूप से उसका अपने रोवर से संपर्क टूट गया था.

संपर्क दोबारा स्थापित होने के बाद ही हेलीकॉप्टर को पहुंचे नुकसान का पता चला. अभी वैज्ञानिक इस बात की जांच कर रहे हैं कि संपर्क टूटने की वजह क्या रही होगी.

इनजेनुइनिटी की सफलता से उत्साहित होकर नासा ने 2022 में भविष्य के मंगल अभियान पर दो और हेलीकॉप्टर भेजने का फैसला किया था. सौर ऊर्जा ऊर्जा से चलने वाले इस हेलीकॉप्टर ने भविष्य के कई रास्ते खेल हैं. ना सिर्फ मंगल ग्रह पर बल्कि अब वैज्ञानिक शुक्र ग्रह और शनि के उपग्रह टाइटन पर भी ऐसा अभियान भेजने के बारे में सोच रहे हैं.

वीके/सीके (एपी)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी