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समाज

म्यांमार ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा की निंदा

१० फ़रवरी २०२१

मंगलवार को आंग सान सू ची की पार्टी के यंगून स्थित कार्यालय पर सेना ने छापे मारे थे. इसके बाद अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने सैन्य कार्रवाई पर चिंता व्यक्त की है. तख्तापलट के खिलाफ आम लोग सड़कों पर उतर आए हैं.

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तस्वीर: REUTERS

अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शनकारियों पर हुई कार्रवाई की कड़ी निंदा की है. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि हर किसी को अभिव्यक्ति की आजादी और शांतिपूर्ण तरीके से जुटने का अधिकार है. उन्होंने कहा, "हम सेना को शक्ति त्यागने की मांग दोहराते हैं, लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार को बहाल करने, हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा करने और सभी दूरसंचार प्रतिबंध हटाने के साथ हिंसा से बचने की मांग करते हैं." संयुक्त राष्ट्र ने भी प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई को लेकर चिंता व्यक्त की है. म्यांमार में संयुक्त राष्ट्र के समन्वयक ओला अल्मग्रेन के मुताबिक, "प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल का इस्तेमाल अस्वीकार्य है."

इस बीच यूरोपीय संघ में विदेश मामलों के प्रमुख ने कहा है कि संघ म्यांमार की सेना पर प्रतिबंध लगाने जैसे सभी विकल्पों पर विचार कर रहा है. यंगून में अपदस्थ नेता आंग सान सू ची की पार्टी कार्यालय पर छापे के बाद अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने गहरी चिंता जाहिर की है. नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी ने एक बयान में कहा, "सेना ने मंगलवार रात पार्टी के मुख्यालय पर छापा मारा और इसे पूरी तरह से नष्ट कर दिया."

Myanmar Proteste nach Militärputsch
तस्वीर: AP Photo/picture alliance

जारी है विरोध

सेना ने देश में विरोध प्रदर्शनों के लिए सभी सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन बड़ी संख्या में लोग विरोध करने के लिए मंगलवार को अपने घरों से बाहर आए. सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए रबर की गोलियों, आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया. प्रदर्शनकारी एक लोकतांत्रिक सरकार की बहाली के साथ-साथ सू ची की रिहाई की मांग कर रहे हैं. 1 फरवरी को देश की सेना ने विद्रोह किया और चुनी हुई सरकार को सत्ता से बेदखल कर डाला था. सेना का कहना है कि पिछले साल नवंबर में आम चुनाव में धांधली हुई थी.

एए/सीके (एएफपी, रॉयटर्स)

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