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जर्मनी की अदालत ने घरों की हीटिंग से जुड़े बिल को रोका

६ जुलाई २०२३

जर्मनी की सरकार संसद में एक बिल लाना चाहती है. इसका मकसद देश के हीटिंग सिस्टम में जीवाश्म ईंधन के बजाय ऊर्जा के नए साधनों का इस्तेमाल करना है.

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जर्मनी की सरकार तेल और गैस पर आधारित वर्तमान हीटिंग सिस्टम को धीरे-धीरे खत्म करना चाहती है
जर्मनी की सरकार तेल और गैस पर आधारित वर्तमान हीटिंग सिस्टम को धीरे-धीरे खत्म करना चाहती हैतस्वीर: Wolfgang Maria Weber/IMAGO

देश की संवैधानिक कोर्ट ने सरकार के महत्वाकांक्षी बिल को रोककर चांसलर ओलाफ शॉल्त्स के सारे प्रयासों पर पानी फेर दिया है. यह बिल देश में तेल और गैस पर आधारित वर्तमान हीटिंग व्यवस्था को धीरे-धीरे खत्म करने से जुड़ा है. गठबंधन सरकार इस मामले पर आगे बढ़ने में पहले ही महीनों लगा चुकी है. कोर्ट ने कहा कि इस बिल पर विचार देने के लिए जितना समय दिया गया था वो नाकाफी था. हीटिंग बिल पर संसदीय कमेटी ने मोहर लगाई थी और इस पर शुक्रवार को वोटिंग होना तय लग रहा था.

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बिल पर ऐतराज

इस बिल के मुताबिक नई हीटिंग व्यवस्था में गैर-पारंपरिक ऊर्जा का कम से कम 65 फीसदी हिस्सा होना चाहिए. मुख्य विपक्षी दल क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (सीडीयू) के नेता और संसद के निचले सदन के सदस्य टोमस हेलमन ने इस बिल पर रोक लगाने के लिए अदालत में केस दाखिल किया था.

हीटिंग सिस्टम में गैर-पारंपरिक साधनों के 65 फीसदी इस्तेमाल का लक्ष्य रखने वाले इस बिल का भविष्य अब अधर में है
हीटिंग सिस्टम में गैर-पारंपरिक साधनों के 65 फीसदी इस्तेमाल का लक्ष्य रखने वाले इस बिल का भविष्य अब अधर में हैतस्वीर: Fabian Bimmer/Reuters

हेलमन ने अदालत से कहा कि इस मामले में संसद वोट नहीं कर सकती क्योंकि सांसदों को बिल का ड्राफ्ट 14 दिन पहले मुहैया नहीं कराया गया. जर्मनी की संसद 8 जुलाई से गर्मी की छुट्टियों के चलते सदन में नहीं रहेगी. इसका मतलब ये है कि बिल अब अधर में लटक गया है.

पर्यावरण पर राजनीति

सीडीयू के नेता फ्रीडरिष मेर्त्स ने समाचार एजेंसी डीपीए से बातचीत में कहा, " ये ओलाफ शॉल्त्स सरकार की बड़ी हार है. ये दिखाता है कि पर्यावरण की रक्षा ऊपर से ठोक-पीट कर नहीं की जा सकती. उसके लिए संसद में गहन विचार-विमर्श की जरूरत है. ओलाफ शॉल्त्स सरकार के लिए सलाह यही है कि वो अदालती आदेश को मानकर रुक जाएं. संसद में इस तरह से काम नहीं चल सकता".

एसबी/एनआर (डीपीए)

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