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भारत पर निशाना और मोदी की तारीफ, क्या संकेत दे रहे हैं ट्रंप

आमिर अंसारी
१८ सितम्बर २०२४

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चौथे क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए 21 से 23 सितंबर तक अमेरिका की यात्रा पर होंगे. क्वाड सम्मेलन के अलावा वह संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक सम्मेलन को भी संबोधित करेंगे.

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साल 2020 में राष्ट्रपति भवन में डॉनल्ड ट्रंप और नरेंद्र मोदी
डॉनल्ड ट्रंप और नरेंद्र मोदीतस्वीर: AFP/M. Sharma

चार देशों (भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान) के सामरिक सुरक्षा समूह 'क्वॉड' की बैठक की मेजबानी इस बार अमेरिका कर रहा है. इसमें हिस्सा लेने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिनों की अमेरिका यात्रा पर जा रहे हैं. भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में मोदी के इस कार्यक्रम की जानकारी दी.

मोदी 21 सितंबर को डेलवेयर में चौथे 'क्वाड लीडर्स समिट' में हिस्सा लेंगे. इसके बाद 22 सितंबर को वह न्यूयॉर्क में भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे. यात्रा के आखिरी दिन 23 सितंबर को वह संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की "समिट ऑफ द फ्यूचर" में अपने विचार रखेंगे.

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डॉनल्ड ट्रंप ने दावा किया कि है इस यात्रा के दौरान वह भी पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे. हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय ने मोदी के प्रस्तावित कार्यक्रम में ट्रंप के साथ मुलाकात का जिक्र नहीं किया है.

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व्यापारिक संबंधों पर क्या बोले ट्रंप

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने 17 सितंबर को मिशिगन में आयोजित एक चुनावी कार्यक्रम में भारत पर व्यापारिक संबंधों के "दुरुपयोग" का आरोप लगाया. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक ट्रंप ने कहा कि अमेरिका-भारत व्यापार संबंधों में नई दिल्ली "बहुत बड़ा दुरुपयोगकर्ता" है.

भारतीय अखबार इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने कहा, "भारत आयात पर भारी शुल्क लगाता है. भारत इस मामले में बहुत सख्त है." ट्रंप ने आगे कहा, "वे अपने खेल के शीर्ष पर हैं और वे इसका इस्तेमाल हमारे खिलाफ करते हैं. भारत बहुत सख्त है."

ट्रंप ने यह भी कहा कि अगर वह सत्ता में आते हैं, तो अन्य देशों के समान टैरिफ लगाते हुए भारत के साथ पारस्परिक व्यापार करेंगे. उन्होंने कहा, "अगर कोई हम पर 10 सेंट आयात शुल्क लगाएगा या दो डॉलर या 250 प्रतिशत लगाएगा, तो हम भी उनसे उतना ही आयात शुल्क वसूलेंगे."

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हालांकि, ट्रंप ने मोदी की तारीफ की और उन्हें एक "शानदार" व्यक्ति बताया. ट्रंप ने यह भी कहा कि वह अगले हफ्ते प्रधानमंत्री मोदी से मिलने वाले हैं. हालांकि, मुलाकात कब और कहां होगी, इसका ब्योरा उन्होंने नहीं दिया.

भारत-अमेरिका के व्यापारिक संबंधों को लेकर ट्रंप पहले भी नई दिल्ली की आलोचना कर चुके हैं. ट्रंप जब राष्ट्रपति थे, तब उन्होंने भारत द्वारा कई अमेरिकी उत्पादों पर भारी आयात शुल्क लगाने की आलोचना की थी. व्यापारिक संबंधों के संदर्भ में ट्रंप के आरोपों पर वरिष्ठ पत्रकार जयंत रॉयचौधरी ने डीडब्ल्यू से बातचीत में कहा, "उन्होंने अमेरिकी व्यापार जगत को खुश करने के लिए भारत की आलोचना की है."

चुनाव के पहले संभावित मुलाकात के मायने

हालिया महीनों में कई अन्य वैश्विक नेता, जो बाइडेन के साथ बैठक या शिखर सम्मेलनों के लिए अमेरिका पहुंचे, उन्होंने भी ट्रंप से मुलाकात की. इस बार अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप का मुकाबला डेमोक्रैटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस से है. सर्वे के अनुसार, भारतीय मूल की कमला हैरिस और ट्रंप के बीच कड़ा मुकाबला है.

जयंत रॉयचौधरी के मुताबिक, अगर मोदी और ट्रंप की मुलाकात होती है, तो वह चुनाव के दौरान भारतीय समुदाय को इससे लुभाने की कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा, "मोदी की तारीफ कर उन्होंने भारतीय मूल के लोगों और मोदी के समर्थकों से वोट पाने की भी कोशिश की है."

प्यू रिसर्च सेंटर के 2022 और 2023 में किए गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक, अमेरिका में रह रहे भारतीय मूल के लोगों में लगभग 10 में से सात का झुकाव डेमोक्रैटिक पार्टी की ओर है, जबकि 10 में से लगभग तीन या तो रिपब्लिकन पार्टी से जुड़े हैं या उसकी तरफ झुकाव रखते हैं. ट्रंप द्वारा एकसाथ भारत की आलोचना और मोदी की तारीफ पर जयंत रॉयचौधरी कहते हैं, "लगता है कि ट्रंप ने ऐसा बयान देकर एक संतुलन बिठाने की कोशिश की है."

राष्ट्रपति के पद पर रहते हुए ट्रंप और मोदी के बीच अच्छे संबंध रहे. जब ट्रंप 2020 में भारत आए, तो मोदी ने उनके लिए एक बड़ी रैली की. इस मौके पर अहमदाबाद में दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम (पहले मोटेरा, अब नरेंद्र मोदी स्टेडियम) का उद्घाटन भी हुआ. रैली में शामिल लोगों ने ट्रंप का स्वागत करने के लिए "नमस्ते ट्रंप" लिखी हुई टोपी पहनी थी.

साल 2020 में ट्रंप और मोदी "नमस्ते ट्रंप" कार्यक्रम में
अहमदाबाद में "नमस्त ट्रंप" कार्यक्रम में ट्रंप और मोदीतस्वीर: Reuters/A. Drago

जब मोदी ने साल 2019 में अमेरिका का दौरा किया था, तब मोदी और ट्रंप ने टेक्सस में "हाउडी मोदी" रैली में एक-दूसरे की खूब तारीफ की थी. इस रैली में 50 हजार से ज्यादा लोगों ने भाग लिया था.

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गहरा होता भारत-अमेरिका व्यापार संबंध

अमेरिका के लिए, भारत व्यापार के विशाल अवसर प्रदान करता है. यह सबसे बड़े उपभोक्ता बाजारों और सबसे तेजी से बढ़ती बाजार अर्थव्यवस्था में से एक है. चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका भी भारत के साथ अपने रिश्ते मजबूत बनाए रखना चाहता है. आंकड़ों के मुताबिक, साल 2000 से 2024 के बीच गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, एप्पल, अमेजन, एक्सॉनमोबिल और जनरल इलेक्ट्रिक जैसी अमेरिकी कंपनियों ने भारत में रिकॉर्ड 65.19 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है.

वहीं, अमेरिकी सरकार के आंकड़ों के मुताबिक साल 2023 में द्विपक्षीय व्यापार 126 अरब डॉलर से अधिक रहा. इसमें भारत ने 85.69 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य के सामान का निर्यात किया, जो कि साल 2000 की तुलना में 23 गुना वृद्धि है. इस अवधि के दौरान आयात चार गुना बढ़कर 40.37 अरब डॉलर हो गया.

सिर्फ अमेरिकी कंपनियां ही भारत में निवेश नहीं कर रही हैं, बल्कि कई भारतीय कंपनियों का भी अमेरिका में भारी-भरकम निवेश है. कन्फेडेरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज (सीआईआई) की पिछले साल 'अमेरिकन सॉइल' नाम से एक रिपोर्ट आई थी. इसके मुताबिक, 163 भारतीय कंपनियों ने वहां 40 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय कंपनियों ने वहां करीब चार लाख से अधिक लोगों को रोजगार दिया है.

आमिर अंसारी (रॉयटर्स)

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