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मॉडेर्ना का दावा, बनाई कोरोना के खिलाफ सबसे असरदार वैक्सीन

१६ नवम्बर २०२०

अमेरिकी कंपनी मॉडेर्ना, कोरोना की वैक्सीन बनाने वाली तीसरी कंपनी बनी. कंपनी का दावा है कि उसकी वैक्सीन लोगों को कोरोना होने ही नहीं देगी.

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USA Coronavirus Impfstoff-Test (picture-alliance/AP Photo/H. Pennink)
तस्वीर: H. Pennink/AP Photo/picture-alliance

मॉडेर्ना ने एलान किया है कि उसकी वैक्सीन 94.5 फीसदी असरदार है. मॉडेर्ना के सीईओ स्टेफान बांसेल ने खुद यह एलान करते हुए कहा, "फेज-3 के शोध की शुरुआती समीक्षा ने इस बात की क्लीनिकल तौर पर पुष्टि की है कि हमारी वैक्सीन कोविड-19 बीमारी को टाल सकती है. गंभीर मामलों में भी यह असर करती है."

एक हफ्ते पहले ही मॉडेर्न की प्रतिद्वंद्वी अमेरिकी कंपनी फाइजर ने भी 90 फीसदी सफल वैक्सीन का दावा किया था. फाइजर ने जर्मन स्टार्ट अप बियोनटेक के साथ मिलकर अपनी वैक्सीन बनाई है. फेज-3 के क्लीनिकल ट्रायल में इस वैक्सीन की सफलता 90 फीसदी बताई गई. फाइजर के एलान के कुछ ही घंटों बाद रूसी वैज्ञानिकों ने भी स्पुतनिक-5 वैक्सीन की सफलता का एलान किया.

Coronavirus Impfstoff Symbolbild
मॉडेर्ना की कोरोना वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायलतस्वीर: picture alliance/dpa

मॉडेर्ना ने ऐसे वक्त में असरदार वैक्सीन बनाने का दावा किया है जब अमेरिका में सवा करोड़ लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. बीते एक हफ्ते में ही अमेरिका में कोविड-19 संक्रमण के 10 लाख से ज्यादा मामले मामले आए हैं.

दुनिया भर में यह महामारी अब तक 13 लाख लोगों की जान ले चुकी है. सबसे ज्यादा जानें अमेरिका में गई. वहां मृतकों की संख्या 2,45,000 के पार जा चुकी है.

मंजूरी कैसे मिलेगी?

मॉडेर्ना को भरोसा है कि दिसंबर में अमेरिकी प्रशासन उसकी वैक्सीन को इमरजेंसी के तहत मंजूरी दे देगा. ऐसी ही उम्मीद फाइजर और बियोनटेक को भी है. फेज-3 के इन शुरुआती नतीजों के बाद ये ड्रग कंपनियां हजारों पन्नों का दस्तावेज प्रशासन को सौपेंगी. उस दस्तावेज में क्लीनिकल ट्रायल के हर चरण और संभावित जोखिमों का जिक्र होगा. दस्तावेज पढ़ने के कुछ हफ्ते बाद इमरजेंसी के तहत ऐसी मंजूरी दी जा सकती है.

इस बीच यूरोपीय संघ और मॉडेर्ना के बीच वैक्सीन की 16 करोड़ डोजों के लिए बातचीत चल रही है. वैक्सीन की सप्लाई पक्की करने के लिए दुनिया भर के कई देश फाइजर, मॉडेर्ना और स्पुतनिक के टीके के लिए एडवांस ऑर्डर दे रहे हैं.

कहा जा रहा है कि शुरुआत में मेडिकल स्टाफ और रिस्क ग्रुप में शामिल लोगों को टीके लगाए जाएंगे. बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान 2021 की गर्मियों में ही शुरू हो सकेगा.

ओएसजे/एके (एपी, रॉयटर्स, डीपीए)

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