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बड़े दल बल के साथ चीन पहुंचे ब्राजील के राष्ट्रपति

१३ अप्रैल २०२३

ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा, चीन यात्रा पर हैं. ब्राजील उन चुनिंदा देशों में है, जिसके पास बीजिंग को प्रेशर में लेने के औजार हैं.

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शंघाई में ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा
तस्वीर: Palacio Planalto/dpa/picture alliance

चीन के ब्राजील के साथ कारोबारी रिश्ते, मंच पर सबसे ऊपर होंगे. ब्राजीली राष्ट्रपति के साथ 240 कारोबारियों का प्रतिनिधि मंडल भी बीजिंग पहुंचा है. फिलहाल ब्राजील और चीन के बीच हर साल 150 अरब डॉलर का कारोबार होता है. 2022 में ब्राजील ने चीन को 89 अरब डॉलर का निर्यात किया.

चीन, ब्राजील में कई क्षेत्रों में निवेश कर रहा है. विशेषज्ञों के मुताबिक बीजिंग, दक्षिण अमेरिकी देश के संसाधनों और बाजार पर छा जाना चाहता है. इंटरअमेरिकन डायलॉग की एशिया एंड लैटिन अमेरिका प्रोग्राम डायरेक्टर मार्गारेट मायर्स कहती हैं, "ब्राजील के पास ऐसे संसाधन हैं जिनमें चीन की दिलचस्पी है, जैसे ब्राजील का सोया, खाद्य सुरक्षा को लेकर चीन की सोच में इसकी अहम भूमिका है."

मायर्स के मुताबिक ब्राजील के बाजार का आकार देखकर भी कहा जा सकता है कि दक्षिण अमेरिका में वह चीन की पहली पंसद है.ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा चीन के साथ करीबी रिश्तों के लिए जाने जाते रहे हैं. मायर्स कहती हैं, "2010 में लूला प्रशासन ने चीन का स्वागत किया, चीन की भागीदारी और ब्राजील में चीन के निवेश ने द्विपक्षीय समीकरणों को बढ़ावा दिया."

इस बार लूला ब्राजील के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में चीन का निवेश बढ़ाने का इरादा लेकर आए हैं. उन्हें लगता है कि चीनी कंपनियों की मदद से ब्राजील अपनी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री और ग्रीन एनर्जी सेक्टर को तेजी से आगे बढ़ा सकेगा.

जायर बोलसेनारो के कार्यकाल में ठंडे पड़े ब्राजील और चीन की रिश्ते
जायर बोलसेनारो के कार्यकाल में ठंडे पड़े ब्राजील और चीन की रिश्तेतस्वीर: Stephen Shaver/UPI/newscom/picture alliance

ब्राजील और चीन के कृषि पर आधारित रिश्ते

ब्राजीली राष्ट्रपति के चीन दौर में कृषि क्षेत्र पर फोकस रहेगा. लूला के साथ कृषि उद्योग के 90 प्रतिनिधि हैं. इनमें ज्यादातर मीट उद्योग से जुड़े लोग हैं. वे चीन के बाजार तक और आसान पहुंच चाहते हैं. दुनिया की सबसे बड़ी मीट कंपनी जेबीएस एसए के 10 अधिकारी प्रतिनिधिमंडल में शामिल हैं.

ब्राजील में सोयाबीन की खेती के लिए वर्षावनों की कटाई
ब्राजील में सोयाबीन की खेती के लिए वर्षावनों की कटाईतस्वीर: Leo Correa/AP/picture alliance

फ्लोरिया इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी में नेशनल सिक्योरिटी के डायरेक्टर लेलैंड लैजारस को लगता है कि चीन दक्षिण अमेरिका में ब्राजील को अपने मुख्य साझेदार की तरह देखता है. वहीं इस बार लूला पर्यावरण के मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए चीन को संदेश भी दे रहे हैं और कारोबारी संतुलन भी साधना चाह रहे हैं. वह कहते हैं, "लूला दूसरे नंबर पर रहते हुए नहीं खेलना चाहते हैं. वह चीन के विशाल बाजार तक फ्रोजन बीफ, सोयाबीन, लौह अयस्क और कच्चे तेल का निर्यात बढ़ाने की कोशिश करेंगे. इसी दौरान वह यह कोशिश भी करेंगे कि चीन ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन घटाने के लिए ज्यादा कोशिश करें और ब्राजील में काम कर रही चीनी सरकारी कंपनियों को पर्यावरण के प्रति ज्यादा जवाबदेह बनाएंगे."

चीनी दबदबे की आशंका

ब्राजील चीन के साथ गहरे आर्थिक रिश्ते बनाए रखना चाहता है. हाल ही में अमेरिकी थिंकटैंक ग्लोबल अमेरिकंस ने एक लेख छापा. लेख यूएस ऑर्मी वॉर कॉलेज के लैटिन अमेरिका एक्सपर्ट इवन एलिस ने लिखा था. इसमें दावा किया गया था कि बीते दो दशकों में चीनी कारोबारियों ने ब्राजील में करीब 70 अरब डॉलर का निवेश किया है.

इसके साथ ही ब्राजील के 26 में से 23 राज्यों में चीनी कारोबारियों के प्रोजेक्ट चल रहे हैं. ये प्रोजेक्ट खनन, कृषि, उद्योग, टेलीकम्युनिकेशन, फाइनेंस और मेडिसिन से जुड़े हैं. मायर्स के मुताबिक कुछ क्षेत्रों में चीनी कंपनियों के बढ़ते असर को लेकर ब्राजीली उद्योग और संगठन आपत्ति जताने लगे हैं.

ब्राजील, चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) में शामिल नहीं है. लेकिन मायर्स को लगता है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, लूला दा सिल्वा के सामने इस मुद्दे को उठाएंगे. बीजिंग दिखाएगा कि बीआरआई से ब्राजील को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर मिल सकता है. इसके साथ ही चीन की कोशिश होगी कि एशिया से हजारों किलोमीटर दूर, दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप के सबसे बड़े देश में उसकी पैठ और गहरी हो जाए.

रिपोर्ट: विलियम यांग (ताइपे). फाबियो कोरेया