पाकिस्तान में इस साल भी बैन रहेगा वेलेंटाइंस डे
९ फ़रवरी २०१८पाकिस्तान में पिछले साल एक अदालत ने वेलेंटाइंस डे को गैर इस्लामी करार दिया था. इसीलिए सरकार ने इस बार भी इससे जुड़े आयोजनों पर रोक लगाने का फैसला किया है. देश में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की नियामक संस्था पैमरा ने टीवी चैनलों और रेडियो स्टेशनों को एडवायजरी जारी कर कहा है कि वे वेलेंटाइंस डे से जुड़ा कुछ भी कार्यक्रम प्रसारित ना करें. पैमरा के बयान में कहा गया है, "किसी स्तर पर और किसी भी सार्वजनिक स्थल पर कोई आधिकारिक आयोजन नहीं होगा."
पिछले साल इस्लामाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें कहा गया कि 14 फरवरी को छुट्टी करना पश्चिमी संस्कृति को थोपने जैसा है और यह इस्लाम की शिक्षाओं के खिलाफ है. पाकिस्तान में 60 प्रतिशत से ज्यादा आबादी की उम्र 30 साल से कम है. ऐसे में, हाल के सालों में युवाओं के बीच वेलेंटाइंस डे मनाने का चलन बढ़ा है और इस मौके पर वे एक दूसरे को दिल के आकार वाले तोहफे, फूल और चॉकलेट्स देते हैं.
दूसरी तरफ, 20 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाले पाकिस्तान में कट्टरपंथी समूह इसका कड़ा विरोध करते हैं. उनकी नजर में यह अनैतिक है. जमीयत उलेमा ए इस्लाम जैसी पार्टियों ने वेलेंटाइंस डे के खिलाफ कई रैलियां निकाली हैं. रावलपिंडी में रहने वाले तौफीक लेघारी कहते हैं, "हम मुसलमान हैं. हमारे धर्म में वेलेंटाइंस डे जैसी चीजों पर रोक है."
वहीं, फूल बेचने वाले सलमान महमूद की इस बारे में राय अलग है. वह कहते हैं, "मेरी समझ में नहीं आता कि अगर मैं फूल बेच कर थोड़े से ज्यादा पैसे कमा लूंगा और किसी को कुछ मनाने का मौका मिल जाएगा तो इन कट्टरपंथियों को उससे क्या खतरा हो सकता है." कई युवाओं को इस तरह के बैन की ज्यादा परवाह नहीं है. 21 साल के यूनिवर्सिटी छात्र आबिद अंसारी ने इस्लामाबाद में कहा, "मैं तो वेलेंटाइंस डे मनाउंगा. यह मेरी मर्जी है."
अदालत ने यह कहते हुए वेलेंटाइंस डे के आयोजनों पर प्रतिबंध लगा दिया था कि यह इस्लाम के खिलाफ है और इससे पश्चिमी संस्कृति को बढ़ावा मिलता है. कई मीडिया संस्थानों ने पुष्टि की है कि उन्हें पैमरा की तरफ से एडवायजरी मिली है.
एके/एमजे (रॉयटर्स, एपी)