एयरलाइंस को हर यात्री से 'बस एक कॉफी जितना' मुनाफा
१९ दिसम्बर २०२३इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) ने कहा है कि विमानन उद्योग साल 2023 कुल 23.3 अरब डॉलर के मुनाफे के साथ पूरा कर सकता है. पिछले साल उद्योग को 3.8 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था जो अनुमान से कहीं ज्यादा था.
दिसंबर 2022 में एसोसिएशन को 2023 से बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं थी. तब उसका कहना था कि उद्योग का कुल मुनाफा भी नाममात्र का ही होगा. उसने 4.7 अरब डॉलर के मुनाफे का अनुमान जाहिर किया था.
एक बयान में आईएटीए के महानिदेशक विली वॉल्श ने मुश्किलों से निकलने में उद्योग की शक्ति को सराहा और कहा कि महामारी के कारण उद्योग को लगभग चार साल की वृद्धि का नुकसान हुआ है, लिहाजा 2023 में हुआ मुनाफा बहुत ही कम है.
दिखता है पर बड़ा नहीं लाभ
वॉल्श ने कहा, "इस लाभ को सही परिप्रेक्ष्य में समझने की जरूरत है. रिकवरी तो बहुत प्रभावशाली है लेकिन 2.7 फीसदी का नेट प्रोफिट मार्जिन किसी भी उद्योग के निवेशकों की उम्मीदों से बहुत कम है. इस बात से सीखने की जरूरत है कि औसतन एयरलाइंस को हर यात्री पर सिर्फ 5.45 डॉलर बचता है."
उन्होंने आगे कहा, "इतने से आप लंदन के एक स्टारबक्स में बड़ी कॉफी खरीद सकते हैं. यह उद्योग के लिए एक ऐसा भविष्य बनाने के वास्ते नाकाफी है, जो बड़े झटकों को झेल सके.”
2019 में विमानन उद्योग को 26.4 अरब डॉलर का मुनाफा हुआ था. लेकिन मार्च 2019 में लगभग सभी देशों ने अपनी-अपनी सीमाएं बंद कर दी थीं जिसके बाद विमान उद्योग रसातल में चला गया.
2020 सबसे बुरा रहा था जब उसे 137.7 अरब डॉलर का घाटा हुआ था. 2021 में सीमाएं खुलनी शुरू हुईं और उस साल घाटा 41 अरब डॉलर का रहा. 2022 में विमानन उद्योग को वापसी की उम्मीद थी क्योंकि अधिकतर देशों ने यात्राओं पर लगे प्रतिबंध हटा लिए थे. लेकिन अनुमान के उलट उसे 3.8 अरब डॉलर का नुकसान हुआ.
भविष्य से उम्मीद
अगले साल विमानन उद्योग को 964 अरब डॉलर के ऐतिहासिक रेवन्यू की उम्मीद है जो लगभग 24 अरब डॉलर का मुनाफा होगा. लेकिन ये शुरुआती अनुमान हैं. उद्योग जगत के विशेषज्ञ कहते हैं कि 2024 मेंचार करोड़ से ज्यादा विमान उड़ानें होंगी जो 2019 यानी कोविड महामारी के पहले के स्तर से ज्यादा हैं. 2019 में 12 लाख विमानों ने उड़ान भरी थी.
विमानन उद्योग में दुनियाभर में 30 लाख से ज्यादा लोग काम करते हैं. 2024 में यात्रियों से 717 अरब डॉलर का रेवन्यू पैदा होने की उम्मीद है जो 2019 से 18 फीसदी ज्यादा होगा. इसकी मुख्य वजह यात्रियों की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि हो सकती है. इसके अलावा यात्री ज्यादा संख्या में एक से ज्यादा यात्राएं भी कर रहे हैं.
हालांकि आईएटीए महानिदेशक वॉल्श मानते हैं कि अभी विमानन उद्योग की राह आसान नहीं हुई है. वह कहते हैं, "एयरलाइंस के बीच यात्रियों को लेकर हमेशा तीखा मुकाबला रहेगा. लेकिन उन पर सख्त नियमों, सप्लाई चेन की दिक्कत और बढ़ती लागत जैसे बोझ भी हैं.”