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यौन हिंसा के आरोपों में घिरी जर्मन लेफ्ट पार्टी

२१ अप्रैल २०२२

जर्मन लेफ्ट पार्टी डी लिंके की सह-प्रमुख सुजाने हेनिष-वेलजो ने निजी कारणों का हवाला देते हुए पद छोड़ दिया. लेकिन अपने इस्तीफे में पार्टी में लैंगिक भेदभाव को लेकर रवैया बदलने का मुद्दा उठा कर उन्होंने बड़ी बहस छेड़ दी.

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Linksparteivorsitzende Susanne Hennig-Wellsow
लेफ्ट पार्टी 'डि लिंके' की सह-प्रमुख सुजाने हेनिष-वेलजो का इस्तीफा तस्वीर: Martin Schutt/dpa-Zentralbild/picture alliance

हेनिष-वेलजो ने अपने इस्तीफे के लिए कुछ निजी कारण गिनाए हैं, जिनमें एक अपने आठ साल के बेटे की जिम्मेदारी भी शामिल है. इस्तीफे में उन्होंने पार्टी के पदाधिकारियों के बीच प्रचलित सेक्सिज्म यानि लैंगिक भेदभाव को भी समस्या बताया है. 44 साल की नेता ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है कि वे "तत्काल प्रभाव" से पार्टी प्रमुख का पद छोड़ रही हैं. उन्होंने लिखा कि पार्टी को नए सिरे से ठीक किए जाने की जरूरत है.

फरवरी 2021 से पार्टी की नेतृत्व दो महिला नेता यानीने विसलर और सुजाने हेनिष-वेलजो कर रही थीं.

हेनिष-वेलजो के पद छोड़ने के बाद पार्टी ने बयान जारी कर कहा है कि अब नेतृत्व की जिम्मेदारी केवल यानीने विजलर पर है.विजलर ने भी पार्टी की इच्छा को मानते हुए अकेले ही पद संभालना स्वीकार किया है. एक महीने में पार्टी कॉर्फ्रेंस का आयोजिन होना है जिसमें कोई नया पार्टी प्रमुख चुना जा सकता है. डी लिंके के प्रवक्ता ने बताया कि पार्टी जल्द ही इस पर कोई फैसला लेना चाहती है.

कथित यौन हिंसा के मामले

हाल ही में जर्मनी की एक प्रतिष्ठित समाचार पत्रिका डेयर श्पीगल ने रिपोर्ट छापी थी कि पार्टी की एक क्षेत्रीय शाखा में कथित यौन हिंसा के कई मामले हुए हैं. हेनिष-वेलजो ने कहा है कि खासतौर पर ऐसे मामलों में पार्टी को अपना रवैया बदलने की जरूरत है. उन्होंने पीड़ितों से माफी मांगते हुए लिखा कि लेफ्ट पार्टी में सेक्सिज्म को मिटाने के लिए वे पूरी तरह समर्पित हैं. हालांकि अपनी निजी जिम्मेदारियों का हवाला देते हुए उन्होंने लिखा कि "मौजूदा हालात में पार्टी में जितना जोर और समय लगाने की जरूरत है" उतना वह नहीं दे सकतीं.    

रिपोर्ट में पार्टी की अन्य सह प्रमुख विजलर के पूर्व पार्टनर पर यौन दुर्व्यवहार के आरोपों की बात भी छपी है. इस्तीफे के बाद पार्टी की केंद्रीय कार्यकारिणी ने इन शिकायतों पर जल्दी कोई कदम ना उठाने के लिए माफी मांगी है और आगे इस पर ठोस कदम उठाने का वादा किया है. लेफ्ट पार्टी की ओर से बुंडेसटाग में संसदीय दल के नेता डीटमार बार्श ने हेनिष-वेलजो के इस्तीफे को एक बड़ा झटका बताते हुए वादा किया कि लैंगिक भेदभाव बरतने वालों, यौन दुर्व्यवहार, हिंसा या किसी भी तरह की आपराधिक हरकतें करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

Bundestagswahl 2021 | Wahlparty der Linken
बुंडेसटाग में डि लिंके के नेता डीटमार बार्श ने इस्तीफे को बड़ा झटका बताया.तस्वीर: Cathrin Mueller/REUTERS

कैसा है पार्टी का हाल

जर्मनी की डी लिंके देश की सबसे ज्यादा वामपंथी विचारधारा वाली पार्टी है, जो जर्मन संसद में मौजूद है. संसद में इनकी केवल 39 सीटें हैं और पिछले आम चुनावों में पार्टी को 4.9 फीसदी वोट मिले थे. जर्मन संसद में जगह पाने के लिए किसी पार्टी को कम से कम पांच फीसदी वोट शेयर मिलने चाहिए, तो इस नियम के हिसाब से वाम दल को संसद में नहीं होना चाहिए. लेकिन अगर किसी दल के उम्मीदवारों को कम से कम तीन सीटों पर सीधी जीत मिली हो, तब 'बेसिक मैनडेट' के नियम को वरीयता मिल जाती है और उस दल को बुंडेसटाग में जगह मिल जाती है.

इस बार के आम चुनावों में 'डी लिंके' बमुश्किल संसद में पहुंची. इससे पहले भी एक बार 1994 में पार्टी को इसी नियम की वजह से संसद में प्रवेश मिला था. पिछली संसद के मुकाबले पार्टी की 30 सीटें कम हो गईं. इस्तीफे की घोषणा के साथ ही हेनिष-वेलजो ने इस पर भी जोर दिया कि पार्टी अब तक उस हार से उबर नहीं पाई है और ना ही आगे बेहतर प्रदर्शन के लिए कोई योजना ही बना पाई है. उन्होंने लिखा, "हमने जो वादे किए उसमें से बहुत कम पर अमल कर पाए. असल मायनों में एक नई शुरुआत अब तक नहीं हो सकी है."

गंभीर आरोपों से घिरा वाम दल डि लिंके इस समय आज तक की सबसे बुरी स्थिति में है लेकिन राष्ट्रीय राजनीति में अब भी महत्वपूर्ण बना हुआ है.  

नई जर्मन सरकार से क्या चाहते हैं भारतीय

एडिटर, डीडब्ल्यू हिन्दी
ऋतिका पाण्डेय एडिटर, डॉयचे वेले हिन्दी. साप्ताहिक टीवी शो 'मंथन' की होस्ट.@RitikaPandey_