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विज्ञानसंयुक्त राज्य अमेरिका

विशेषज्ञों ने कहा लैब में बना मीट कोशर और हलाल हो सकता है

१८ सितम्बर २०२३

विशेषज्ञों के एक पैनल ने कहा है कि कृत्रिम रूप से तैयार मीट को कोशर और हलाल का लेबल दिया जा सकता है अगर इसे धार्मिक प्रथाओं के मुताबिक तैयार किया गया हो.

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लैब में बना मीट
लैब में बना मीटतस्वीर: Firn/Zoonar/picture alliance

लैब में बने मीट का चलन दुनिया में धीरे-धीरे बढ़ रहा है. लेकिन इसके कोशर और हलाल होने को लेकर सवाल बने रहते हैं. अब इस नये उद्योग से जुड़े दो पैनलों के एक्सपर्ट्स ने बताया कि इन्हें शर्तों के साथ कोशर और हलाल सर्टिफिकेट दिया जा सकता है. इन विशेषज्ञों का कहना है कि कोशर और हलाल सर्टिफिकेट तभी दिया जा सकता है जब लैब में तैयार मीट की कोशिकाएं धार्मिक मानकों के मुताबिक प्राप्त की गई हों.

विशेषज्ञों की इस राय को सेल आधारित मांस कंपनियों की जीत के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि इसका मतलब है कि यहूदी धर्म और इस्लाम धर्म के मानने वाले एक दिन लैब में बने इन उत्पादों को खा सकेंगे.

गुड मीट के सीईओ जोश टेट्रिक ने कहा, "यह सेल-आधारित मांस को एक वास्तविक समाधान बनाने की दिशा में एक और कदम है." कंपनियों को उम्मीद है कि निजी और सार्वजनिक निवेशक मांस के उत्पादन का विस्तार करने के लिए इस क्षेत्र में पर्याप्त पैसा लगाएंगे और दुनिया भर में आहार को बदल देंगे.

मांस को पशु कोशिकाओं के नमूनों से हासिल किया जाता है, पोषण तत्वों के साथ मिश्रित किया जाता है और फिर उसे तैयार किया जाता है, जिससे भूमि-आधारित औद्योगिक कृषि कार्यों और बूचड़खानों की आवश्यकता से बचा जा सकता है.

उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि यहूदी धर्म और इस्लाम धर्म के मानने वाले एक दिन लैब में बने इन उत्पादों को खा सकेंगे
उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि यहूदी धर्म और इस्लाम धर्म के मानने वाले एक दिन लैब में बने इन उत्पादों को खा सकेंगेतस्वीर: Jeff Chiu/AP/picture alliance

वीगन लोगों को पसंद आएगा

इस नए उद्योग में कंपनियों को उम्मीद है कि उनके उत्पाद वीगन और शाकाहारियों के साथ-साथ जलवायु के प्रति संवेदनशील लेकिन मांस खाने वालों को भी पसंद आएंगे. गुड मीट ने शरिया विशेषज्ञों का एक पैनल गठित किया था, जिसने कंपनी के उत्पादन की समीक्षा की और कहा मांस को हलाल कहा जा सकता है.

इन विशेषज्ञों ने कहा अगर अन्य कारकों के अलावा, जिन कोशिकाओं से मांस बनाया जाता है, उन्हें इस्लामी कानून के मुताबिक जानवरों से लिया जाता है तो ऐसे में लैब में बना मीट हलाल हो सकता है.

हालांकि गुड मीट कंपनी द्वारा उत्पादित चिकन वर्तमान में इस मानक को पूरा नहीं करता है. कंपनी के मालिक टेट्रिक ने एक इंटरव्यू में कहा कि यह राय उद्योग को हलाल उत्पादों का उत्पादन करने के लिए एक रोड मैप प्रदान करती है.

सबसे बड़ी कोशर सर्टिफिकेशन एजेंसी ऑर्थोडॉक्स यूनियन (ओयू) ने कहा कि इस्राएली कंपनी सुपरमीट द्वारा उत्पादित चिकन मानक को पूरा करता है क्योंकि चिकन कोशिकाओं को पशु सामग्री नहीं दी गई थी.

कंपनी के मालिक इदो साविर ने कहा कि सुपरमीट और ओयू उद्योग-व्यापी दिशानिर्देशों पर मिलकर काम कर रहे हैं. हलाल सर्टिफिकेशन एजेंसी इस्लामिक सर्विसेज ऑफ अमेरिका और ऑर्थोडॉक्स यूनियन के मुताबिक अमेरिका में 1.2 करोड़ लोग कोशर और 80 लाख लोग हलाल मीट खाते हैं. नियामकों ने इस साल की शुरुआत में अमेरिकी उपभोग के लिए लैब में बने चिकन मीट को मंजूरी दी थी और तब से इसे कुछ उच्च-स्तरीय रेस्तरां में इसे परोसा जा रहा है.

एए/सीके (रॉयटर्स)

लैब में तैयार किया गया 'क्लीन मीट'