मिलिए, कोलकाता की सबसे युवा महिला बस ड्राइवर से
कोलकाता की रहने वाली कल्पना मंडल शहर की सबसे युवा महिला बस ड्राइवर हैं. कल्पना को उनके पिता ही की तरह बस चलाना पसंद है. तस्वीरों में जानिए कल्पना की कहानी.
ड्राइविंग सीट पर "कल्पना"
कल्पना के बस ड्राइवर बनने की कहानी एक महिला के संघर्ष की कहानी है. कल्पना का परिवार गरीब है. वह कहती हैं कि उनके पिता भी बस चलाते थे लेकिन वह एक दुर्घटना में घायल हो गए. उसके बाद कल्पना ने बस चलाने का फैसला किया. लेकिन कोई भी उन्हें बस चलाने देने के लिए तैयार नहीं था. फिर एक बस मालिक ने कल्पना को यह मौका दिया.
आश्चर्यजनक तस्वीर
कल्पना को पहली बार स्टीयरिंग पर देखकर कई लोग हैरान रह गए. समय के साथ कल्पना के अंदर भी भीड़भाड़ वाली सड़क पर बस चलाने का आत्मविश्वास आ गया है.
स्टार बस ड्राइवर
बस चलाने वाली कल्पना अपने इलाके में किसी स्टार से कम नहीं हैं. वह बस चलाने की परीक्षा भी पास कर चुकी हैं.
मां का साथ
कल्पना जब बस चलाती हैं तो उनकी मां बगल में रिजर्व सीट पर बैठती हैं. कल्पना की मां अपनी बेटी को अकेला नहीं छोड़ना चाहती.
दिन की शुरूआत
कल्पना की दिन की शुरूआत सुबह 7 बजे हो जाती है. सुबह उठने के बाद वह घर के काम में अपनी मां की मदद करती है. हां, काम पर निकलने से पहले वह खूब नाश्ता जरूर करती हैं.
सपनों के लिए नहीं समय
अपने सपनों और आकांक्षाओं के बारे में पूछे जाने पर कल्पना कहती हैं कि हर दिन इतनी मेहनत करने के बाद उनका स्वास्थ्य उन्हें "पढ़ाई या निजी ट्यूशन जारी रखने" की अनुमति नहीं देता है. वह कहती हैं, "मेरे लिए करियर या अवसर जैसी कोई चीज नहीं है.