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स्वास्थ्यऑस्ट्रेलिया

यौन रोगों के बारे में सौ साल पुरानी समझ बदली

विवेक कुमार
९ सितम्बर २०२२

किस करने से भी गोनोरिया जैसा यौन रोग हो सकता है. वैज्ञानिकों ने एक शोध के बाद पाया कि ऑस्ट्रेलिया में लोगों को किसिंग से भी गोनोरिया हो रहा है.

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Ukraine Krieg l Liebespaar verabschiedet sich am Bahnhof in Kiew
तस्वीर: Raphael Lafargue/abaca/picture alliance

मेलबर्न में हुए एक अध्ययन में पता चला है कि होंठों के मिलने से भी यौन रोग गोनोरिया हो सकता है. मेलबर्न सेक्सुअल हेल्थसेंटर (MSHC) ने 2,000 से ज्यादा पुरुषों पर किए एक शोध के बाद यह निष्कर्ष निकाला है.

एमएसएचसी की रिसर्च कहती है कि चुंबन के कुछ अनचाहे परिणाम हो सकते हैं जिनमें गोनोरिया जैसा यौन रोग भी शामिल है. ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर में 2,000 से ज्यादा लोगों के बीच हुई एक स्टडी में पता चला कि चुंबन के कारण लोगों में गले का गोनोरिया फैल रहा है. शोधकर्ताओं ने कहा कि इससे स्पष्ट है कि बिना प्राइवेट पार्ट्स के संपर्क में आए भी गोनोरिया संक्रमित हो सकता है.

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शोधकर्ता एसोसिएट प्रोफेसर एरिक चाओ ने मीडिया को बताया, "पिछले सौ साल से हम जो मानते आए हैं, इस नतीजे ने वह समझ बदल दी है. पारंपरिक रूप से हम मानते रहे हैं कि गोनोरिया मुख्यता यौनांगों के संपर्क से ही फैलता है. लेकिन नए आंकड़े दिखाते हैं कि गले में भी बहुत सारे संक्रमण हो रहे हैं.”

कैसे हुआ अध्ययन?

इसी साल मार्च में एक अध्ययन के बाद एमएसएचसी ने पाया था कि मेलबर्न के कुछ इलाकों में गोनोरिया के मामलों में अभूतपूर्व वृद्धि हो रही थी. यह वृद्धि पिछले एक दशक में हुई थी. शोध ने कहा, "गे, बाइसेक्सुअल और अन्य पुरुषों से यौन संबंध बनाने वाले पुरुषों में गोनोरिया का असर असामान्य रूप से ज्यादा है लेकिन विपरीत लिंगी पार्टनर से संबंध बनाने वालों में भी गोनोरिया में वृद्धि हुई है.”

इस शोध में पता चला कि 2010 से 2019 के बीच ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया राज्य में गोनोरिया पीड़ित महिलाओं की संख्या 291 से बढ़कर 1,673 सालाना हो गई थी. 475 प्रतिशत की यह वृद्धि खतरे की घंटी थी.

रोग की सूचना देने वालों की संख्या और जीनोम सीक्वेंसिंग को मिलाकर जब विश्लेषण किया गया तो पाया कि विपरीतलिंगी यौन संबंध बनाने वाले और समलैंगिक यौन संबंध बनाने वालों में गोनोरिया होने का अंतर तेजी से कम हो रहा था.

चुंबन का प्रभाव

प्रोफेसर एरिक चाओ बताते हैं कि संक्रमण के संभावित रास्तों की खोज शुरू हुई तो पता चला कि चुंबन एक बड़ा कारक है जिससे गले का गोनोरिया हो रहा था. वह बताते हैं कि अक्सर गले के गोनोरिया के कोई लक्षण नहीं होते इसलिए इसका एक व्यक्ति से दूसरे में संक्रमण हो जाना आसान है क्योंकि इसका पता ही नहीं चलता.

प्रोफेसर चाओ कहते हैं, "जब यौनांगों में संक्रमण होता है तब लक्षण ज्यादा स्पष्ट होते हैं जैसे कि सूजन, खुजली या रक्त बहना आदि.”

चाओ कहते हैं कि समलैंगिक या बाइसेक्सुअल पुरुष या अन्य पुरुषों से यौन संबंध बनाने वालों में गोनोरिया होने का खतरा सबसे ज्यादा पाया गया लेकिन विपरीतलिंग से यौन संबंध बनाने वाले पुरुषों और स्त्रियों में भी गोनोरिया के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.

चाओ कहते हैं, "पूरे देश में ये मामले बढ़ रहे हैं. यह चिंता की बात है क्योंकि हम जानते हैं कि गोनोरिया पर एंटीबायोटिक असर नहीं करती. इसलिए इस संक्रमण को ठीक करना ज्यादा मुश्किल हो जाता है. संक्रमण कैसे फैल रहा है इसकी बेहतर समझ की जरूरत है ताकि सोच सकें कि आगे क्या करना चाहिए और किस तरह की खोज इस संक्रमण को रोकने में कारगर हो सकती है.”

प्रोफेसर चाओ कहते हैं कि एक से ज्यादा लोगों से यौन संबंध बनाने वाले हर व्यक्ति को नियमित रूप से यौन रोगों की जांच करानी चाहिए.

 

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