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कियारा आडवाणी ने शादी की, माने बदल रहा है बॉलीवुड

स्वाति मिश्रा
८ फ़रवरी २०२३

पहले ऐक्ट्रेस का शादी कर लेना करियर का अंत माना जाता था. ज्यादातर मामलों में ऐक्ट्रेस या तो करियर का हिट दौर बीत जाने तक इंतजार करती थीं, या शादी को राज रखती थीं. अब कई ऐक्ट्रेसेज करियर के शिखर पर शादी कर रही हैं.

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7 फरवरी को फिल्म कलाकार कियारा आडवाणी ने सिद्धार्थ मल्होत्रा से शादी कर ली. कियारा फिलहाल अपने फिल्मी करियर के उस दौर में हैं, जिसे "हिट फेज" कहा जाता है.
7 फरवरी को फिल्म कलाकार कियारा आडवाणी ने सिद्धार्थ मल्होत्रा से शादी कर ली. कियारा फिलहाल अपने फिल्मी करियर के उस दौर में हैं, जिसे "हिट फेज" कहा जाता है. तस्वीर: advani_kiara

7 फरवरी को फिल्म कलाकार कियारा आडवाणी ने सिद्धार्थ मल्होत्रा से शादी कर ली. कियारा फिलहाल अपने फिल्मी करियर के उस दौर में हैं, जिसे "हिट फेज" कहा जाता है. एक-के-बाद-एक उनकी फिल्में हिट हो रही हैं. कबीर सिंह, शेरशाह और भूल भुलैया 2 जैसी सुपरहिट फिल्मों के अलावा वो नेटफ्लिक्स सीरीज "लस्ट स्टोरीज" की चौथी कहानी का मुख्य किरदार थीं, जिसे करण जोहर ने डायरेक्ट किया था.

ये जानकारियां बताती है कि कियारा का करियर लगातार ऊपर उठ रहा है. कुछ साल पहले तक अमूमन फिल्मी हीरोइनें करियर के इस कामयाब दौर में शादी नहीं करती थीं. शादी करती भी थीं, तो इसे छिपाती थीं. उन्हें लगता था कि शादी से उनका करियर खत्म हो जाएगा. ये अंदेशा काफी हद तक सही भी था. शादीशुदा हीरोइनों में लोगों की दिलचस्पी खत्म हो जाया करती थी. हीरो 60 की उम्र में भी रोमांस कर सकता था, अपनी असल उम्र से कहीं छोटी उम्र के किरदार निभा सकता था, लेकिन शादीशुदा हीरोइनों की मांग खत्म हो जाती थी. शुक्र है कि अब ट्रेंड बदल रहा है. शादी और बच्चे हीरोइनों का करियर खत्म नहीं कर रहे.

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नया ट्रेंड

बॉलीवुड की हालिया चर्चित शादियां इसी बदलाव का इशारा हैं. अनुष्का शर्मा, आलिया भट्ट भी इसी लीग का हिस्सा हैं. कुछ साल पहले एक मैग्जीन को दिए इंटरव्यू में करीना कपूर से पूछा गया कि क्या शादी और बच्चे करते वक्त उन्हें अपने करियर को लेकर असुरक्षा महसूस हुई थी. इसपर करीना का जवाब था कि उनपर शादी ना करने का दबाव था. क्योंकि डर था कि शादी के बाद ऐक्ट्रेसेज काम नहीं करती हैं, उनका करियर खत्म हो जाता है. करीना ने बताया था कि लोग उनसे कहते थे कि अब वह अपना करियर खत्म समझें. हालांकि करीना ने यह भी कहा था कि वह तब तक कई अच्छी फिल्में कर चुकी थीं, तो करियर खत्म हो जाने से भी उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता. काम करना अच्छी बात है, लेकिन परिवार बहुत जरूरी है.

दिक्कत इस बात से नहीं कि कोई ऐक्ट्रेस एक वक्त बाद अपनी मर्जी से फिल्में करना बंद कर दे. या बस खास फिल्में, खास किरदार ही चुने. परेशानी है शादी के बाद उसे "चुका" हुआ मान लिया जाना. उसे फिल्में ना मिलना, अच्छे मौके ना मिलना, मुख्य भूमिका ना दिया जाना.

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हीरो के लिए उम्र की पाबंदी नहीं!

ऐसी अनगिनत मिसालें हैं. मसलन, 2005 में एक फिल्म आई थी- पहेली. शाहरुख खान और रानी मुखर्जी की मुख्य जोड़ी थी. जूही चावला, जो दर्जनों फिल्मों में शाहरुख के साथ लीड किरदार निभा चुकी थीं, भाभी के किरदार में थीं. पांच साल पहले 2000 में रिलीज हुई "फिर भी दिल है हिंदुस्तानी" में भी दोनों की जोड़ी थी.

तो 2000 से 2005 के बीच क्या बदल गया कि जूही मुख्य हीरोइन से सहयोगी कलाकार की भूमिका में आ गईं? जूही ने कारोबारी जय मेहता के साथ 1995 में शादी की थी, लेकिन उन्होंने यह बात छिपाकर रखी. 2001 में जब उनका बच्चा हुआ, तब जाकर शादी की बात सार्वजनिक हुई. साल 2020 में एक इंटरव्यू के दौरान जूही ने इसकी वजह बताते हुए कहा कि उन्हें करियर खत्म हो जाने का डर था. जूही ने बताया, "उसी वक्त मुझे कामयाबी मिली थी और मेरा करियर बहुत अच्छा चल रहा था. मुझे डर था कि शादी की बात बाहर आने पर मेरा करियर खत्म हो जाएगा." दिलचस्प यह है कि जूही चावला, शाहरुख खान से दो साल छोटी हैं.

यह दिक्कत किसी एक हीरोइन या फिल्म इंडस्ट्री की नहीं है. यह सामाजिक ढर्रे और सोच की कई परतों के भीतर घुसी है. दुनियाभर में औरतें अवसरों में बराबरी के लिए संघर्ष कर रही हैं. दफ्तर या परिवार, इस "ए वर्सेज बी" वाले भेदभाव को तोड़ने का संघर्ष कर रही हैं जहां या तो उनके हिस्से करियर आ सकता है, या फिर परिवार. जहां शादी और बच्चे होने के बाद भी करियर को तवज्जो देना महत्वाकांक्षी बतलाया जाता है. और यह महत्वाकांक्षा को नकारात्मक संदर्भ में ही पेश किया जाता है.

तो कियारा, आलिया और अनुष्का जैसी तमाम कलाकारों को ये टैबू तोड़ने के लिए बधाई. उम्मीद करते हैं कि ऐसे सुखद बदलाव आगे भी आते रहेंगे. लैंगिक समानता का दायरा और बढ़ता रहेगा.

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