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स्वीडन में पहली बार सत्ता के करीब धुर दक्षिणपंथी पार्टी

१२ सितम्बर २०२२

कभी "मुसलमानों को दूसरे विश्वयुद्ध के बाद सबसे बड़ा खतरा" बताने वाली दक्षिणपंथी पार्टी स्वीडन में जीत के करीब है. एक सदी बाद स्वीडन में पहली बार धुर दक्षिणपंथी सरकार में शामिल होने जा रही है.

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स्वीडन की धुर दक्षिणपंथी पार्टी के नेता जिमी ओकेसन
तस्वीर: Jonathan Nackstrand/AFP

पहले लगा कि स्वीडन में वामपंथी मोर्चा जीत रहा है, फिर अनुदारवादी मोर्चा बढ़त पाता दिखा. इस बीच रोमांच बढ़ रहा है और बुधवार का इंतजार किया जा रहा है, जब सारे वोटों की गिनती पूरी हो जाएगी और चुनाव के अंतिम नतीजे सामने आ जाएंगे. सरकार किसी की बने चुनावों ने एक बात साफ कर दी है कि स्वीडन में धुर दक्षिणपंथियों का प्रभाव बढ़ा है.

उदारवादी देश माने जाने वाले स्वीडन में चुनाव के बाद से धुर दक्षिणपंथी पार्टी स्वीडन डेमोक्रैट्स के नेता जिमी ओकेसन का जिक्र हो रहा है. सन 2000 तक "शैतान" कही जाने वाली उनकी पार्टी स्वीडन के चुनावों में प्रधानमंत्री माग्दालेना एंडरसन की सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी के बाद दूसरी बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. हर पांचवे मतदाता ने उसका समर्थन किया है. 349 संसदीय सीटों वाले देश में अब मध्यमार्गी दक्षिणपंथी पार्टी ओकेसन की पार्टी स्वीडन डेमोक्रैट्स से पिछड़ गई है और यह पहली बार हुआ है.

नतीजों से निराश स्वीडन की पीएम माग्दालेना एंडर्सन
नतीजों से निराश स्वीडन की पीएम माग्दालेना एंडर्सनतस्वीर: Jonas Ekstromer/TT/REUTERS

कौन हैं जिमी ओकेसन

स्वीडन डेमोक्रैट्स पार्टी का जन्म देश के नियो नाजी आंदोलन के दौरान हुआ. अकसर हिंसक होते नियो नाजी आंदोलनों के दौरान "स्वीडन को स्वीडिश रहने दो" के नारे लगते थे. इसी आंदोलन के बीच 1988 में स्वीडन डेमोक्रैट्स पार्टी की स्थापना हुई. लंबे समय तक स्वीडन में इस दल को हिंसक और नफरत फैलाने वाली पार्टी माना गया.

पार्टी के प्रमुख जिमी ओकेसन का जन्म 1979 में दक्षिणी स्वीडन में हुआ. वह 9000 की आबादी वाले कस्बे सोल्वेसबोर्ग के एक मध्यमवर्गीय परिवार में पैदा हुए. ओकेसन ने 1990 के दशक में एक टीनएजर के तौर पर स्वीडन डेमोक्रैट्स (एसडी) पार्टी ज्वाइन की. सोल्वेसबोर्ग के पड़ोसी शहर माल्मो में बड़ी संख्या में विदेशी लोग रहते हैं.  2015 में शुरू हुआ यूरोपीय शरणार्थी संकट का सीधा असर माल्मो समेत कई इलाकों में पड़ा.

स्वीडन के आम नेताओं से अलग 43 साल के ओकेसन हमेशा कैजुअल कपड़े पहनते हैं. वह खुद को आम स्वीडिश नागरिक की तरह पेश करते हैं.

जोनास हिनफोर्स स्वीडन की गोथेनबर्ग यूनिवर्सिटी में पॉलिटिकल साइंस के प्रोफेसर हैं. ओकेसन के बारे में वह कहते हैं, "वह ऐसा जताना चाहते हैं जैसे कि वह साधारण व्यक्ति हैं, जो सॉसेज ग्रिल करता है, सामान्य तरीके से बात करता है और चार्टर ट्रिप्स पर कैनेरी द्वीप जाता है." प्रोफेसर हिनफोर्स के मुताबिक,  "वह वो सब कुछ करते हैं, जिससे वे बौद्धिक और बहुत पढ़े लिखे न लगें."

स्वीडन डेमोक्रैट्स के नेता जिमी ओकेसन
स्वीडन डेमोक्रैट्स के नेता जिमी ओकेसनतस्वीर: Tim Aro/TT News Agency/via REUTERS

शरणार्थी संकट से ऊपजा गुस्सा

स्वीडन में कई लोगों को लगता है कि 2015 के शरणार्थी संकट के दौरान सरकार ने सही तरीके से काम नहीं किया. अधूरी प्रक्रियाओं पर आधारित सिस्टम बनाया गया और आप्रवासियों को स्वीडिश समाज में अच्छे से घुलाने मिलाने के लिए कारगर ढांचा नहीं बनाया गया.

जिमी ओकेसन 2005 में स्वीडन डेमोक्रैट्स के प्रमुख बने. तब पार्टी का जनाधार सिर्फ एक फीसदी था. ओकेसन ने पार्टी का प्रतीक चिह्न बदला और नस्लवाद को बिल्कुल बर्दाश्त न करने का नारा दिया. लेकिन उसी साल स्वीडिश रिसर्च ग्रुप अक्टा पब्लिका की एक रिपोर्ट छपी, जिसमें दावा किया गया कि स्वीडन के 289 नेता नस्लवादी या नाजी गतिविधियों में शामिल थे, इनमें से 214 एसडी पार्टी के थे.

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इसके बावजूद 2014 में एसडी को 12.9 फीसदी वोट मिले और 2018 के संसदीय चुनावों में 17.5 फीसदी वोटों के साथ एसडी स्वीडन की तीसरी बड़ी पार्टी बन गई.  गुजरे 10 साल में स्वीडन में 1.03 करोड़ विदेशी नागरिक रहने के लिए आए, इनमें से आधे शरणार्थी थे. एसडी ने इसे बंद करने का नारा दिया.

2022 के चुनाव अभियान में पार्टी ने अपराध से सख्ती से निबटने का नारा दिया. उदारवादी पार्टियां इस बात को नहीं भांप सकी कि गैंगवॉर अभी स्वीडन में लोगों के बीच बड़ा मुद्दा बना हुआ है. राजधानी स्टॉकहोम में एक चुनावी रैली के दौरान ओकेसन ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा, "मुझे लगता है कि हमारी सफलता यह है कि हम लोगों को यह बता पा रहे हैं कि दूसरी पार्टियां आपकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेती हैं."

स्वीडन की संसद का कार्यकाल चार साल का
स्वीडन की संसद का कार्यकाल चार साल कातस्वीर: Fu Yiming/Xinhua News Agency/picture alliance

यूरोप के दूसरे दक्षिणपंथियों से कुछ हद तक अलग

कभी मुसलमानों को दूसरे विश्वयुद्ध के बाद सबसे बड़ा खतरा बताने वाले ओकेसन ने हाल के बरसों में अपनी टोन नरम की है. पहले वह स्वीडन को यूरोपीय संघ से अलग करने का नारा देते थे, लेकिन इस मुद्दे पर पब्लिक सपोर्ट न मिलने के कारण अब इस मुद्दे को रफा दफा कर दिया गया है. 

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यूरोप के दूसरी दक्षिणपंथियां पार्टियां जहां रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का समर्थन करती हैं, वहीं ओकेसन की एसडी पार्टी यूक्रेन का समर्थन करती है. यूक्रेन युद्ध के बाद से वह स्वीडन को नाटो का सदस्य बनाने का भी समर्थन कर रही है. लेकिन एसडी अब भी इस बात की मांग करती है कि विदेशी आप्रावासियों के लिए स्वीडन में कड़े नियम बनाए जाएं.

पहले और दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान स्वीडन ने तटस्थता की नीति अपनाए रखी. दोनों महायुद्धों से बचने के लिए देश के उदारवादी और तटस्थ लोकतंत्र की तारीफ हुई. लेकिन अब स्वीडन नाटो का सदस्य भी बनना चाहता है और दक्षिणपंथी सरकार भी चुनना चाहता है.

ओएसजे/एमजे (एएफपी, डीपीए, रॉयटर्स)