जापान: टॉयलेट पेपर से युवाओं की खुदकुशी रोकने की कोशिश
२२ नवम्बर २०२२मध्य जापान के अधिकारियों ने देश के युवाओं को आत्महत्या करने से रोकने के लिए एक नए और अनोखे तरीके का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. टॉयलेट पेपर पर उदास और अवसाद पीड़ित युवाओं के लिए अलग-अलग तरह के संदेश छपे होते हैं. ये संदेश ऐसे युवाओं के लिए होते हैं जो अपनी जान लेने पर तुले होते हैं. इन टॉयलेट पेपर पर लिखा होता, "प्रिय आप, कौन होगा जो अपना जीवन समाप्त करना चाहेगा."
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जापान में आत्महत्या एक लंबे समय से चली आ रही समस्या है और कई देशों की तरह देश में महामारी के दौरान आत्महत्या से होने वाली मौतों में वृद्धि देखी गई. जापान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 2020 में प्राथमिक, माध्यमिक और हाई स्कूल स्तर के छात्रों में आत्महत्या की दर ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 2020 में 499 ऐसी मौतें दर्ज की गईं.
टॉयलेट पेपर रोकेगा आत्महत्या
जापानी शहर यामानाशी के अधिकारियों ने युवाओं को खुदकुशी करने से रोकने और उन्हें आश्वस्त करने के लिए टॉयलेट पेपर पर संदेश और आत्महत्या-रोकथाम हॉटलाइन नंबर छापने के बारे में सोचा.
यामानाशी के एक सरकारी अधिकारी ने अभियान के बारे में समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "आप शौचालय में अकेले हैं. हमने महसूस किया कि यह ऐसे क्षणों में होता है जब आप अधिक पीड़ा के विचारों से ग्रस्त हो सकते हैं. ऐसी स्थिति में एक संदेश, जो आत्महत्या करने वाले व्यक्ति के दिमाग पर तत्काल प्रभाव डाल सकता है."
क्या है संदेश?
इन संदेशों को नीले रंग की स्याही से टॉयलेट पेपर पर लिखा जाता है. उदाहरण के लिए इन संदेशों में लिखा होता है, "प्रिय, आप लंबे समय से एक कठिन जीवन जी रहे हैं, भले ही आप खुद को पूरी तरह से दूसरों के सामने सामान्य रूप पेश से करते हों."
टॉयलेट पेपर पर लिखा गया एक और संदेश कहता है, "आपको हमें सब कुछ बताने की जरूरत नहीं है, लेकिन आपको अपने बारे में थोड़ा बहुत साझा करने के बारे में क्या कहना है?"
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यामानाशी में सरकारी अधिकारियों का मानना है कि टॉयलेट पेपर पर लिखा संदेश खुद की जान लेने वालों को बेहतर जीवन का आश्वासन देते हैं, उन्हें आत्महत्या करने से रोकने में मदद कर सकते हैं. उनका मानना है कि टॉयलेट पेपर पर छपा एक हॉटलाइन नंबर उन परेशान युवाओं की मदद करने का एक प्रभावी और सफल तरीका हो सकता है जो जीवन में बहुत परेशान हैं.
इस अभियान के तहत टॉयलेट पेपर के 6000 रोल पर संदेश और फोन नंबर प्रिंट किए गए हैं, उन्हें पिछले महीने 12 विभिन्न क्षेत्रीय विश्वविद्यालयों में वितरित किया गया है.
मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से टॉयलेट पर संदेश लिखे गए हैं और कुछ चित्र भी छापे गए हैं.
एए/सीके (एएफपी)