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राजनीतिदक्षिण कोरिया

दुनिया की नयी हथियार फैक्ट्री बनना चाहता है दक्षिण कोरिया

२९ मई २०२३

दक्षिण कोरिया ने पोलैंड के साथ 13.7 अरब डॉलर का हथियार समझौता किया है. दुनिया की नयी हथियार फैक्ट्री बनने की ओर उसका यह पहला कदम है.

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दक्षिण कोरिया का के 2 टैंक
दक्षिण कोरिया का के 2 टैंकतस्वीर: Kim Hee-Chul/epa/dpa/picture alliance

दक्षिण कोरिया ने पोलैंड के साथ 13.7 अरब डॉलर का हथियार समझौता किया है, जो देश का अब तक का सबसे बड़ा हथियार समझौता है. इस समझौते को दक्षिण कोरिया अपने यहां सैन्य उत्पादन का विशाल उद्योग खड़ा करने के लिए जमीन के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है क्योंकि यूक्रेन युद्ध के बाद यूरोप में हथियारों की भूख काफी बढ़ गई है और दक्षिण कोरिया दुनिया की नई हथियार फैक्ट्री बनने की चाह रखता है.

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 2022 में दक्षिण कोरिया के हथियारों की बिक्री 17 अरब डॉलर पहुंच गई, जबकि 2021 में यह सिर्फ 7.25 अरब डॉलर थी. इसकी मुक्य वजह यूक्रेन का युद्ध और उत्तर कोरिया वह दक्षिणी चीन सागर में बढ़ते तनाव की वजह से बड़े पैमाने पर पश्चिमी देशों द्वारा हथियारों की खरीद रही.

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नाटो के सदस्य पोलैंड के साथ दक्षिण कोरिया का हथियार समझौता पिछले साल हुआ था जिसके तहत हजारों चुनमू रॉकेट लॉन्चर, के2 टैंक, के9 हाविट्जर और एफए-50 लड़ाकू विमान सप्लाई किये जाएंगे. रकम और हथियारों की संख्या के लिहाज से इसे दुनिया के सबसे बड़े हथियार समझौतों में शामिल किया जा सकता है.

यूरोप के बाजार पर नजर

दक्षिण कोरिया और पोलैंड के नेताओं ने इस हथियार समझौते को रिश्तों की प्रगाढ़ता में अहम कदम बताया है. उनके मुताबिक इस समझौते से वे यूरोप के हथियार बाजार पर यूक्रेन युद्ध के बाद भी कब्जा रख पाएंगे. इस समझौते के तहत दक्षिण कोरिया अन्य देशों की तुलना में ज्यादा तेजी से उच्च गुणवत्ता वाले हथायर उपलब्ध करवाएगा जबकि पोलैंड अपने यहां उत्पादन क्षमता और यूरोप में सप्लाई के लिए रास्ता उपलब्ध करवाएगा.

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समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने रक्षा उद्योग की कंपनियों और सरकारी अधिकारियों समेत ऐसे 13 लोगों से बात की जो इस समझौते की प्रक्रिया में शामिल थे. इन अधिकारियों के मुताबिक इस समझौते ने सरकारी और निजी क्षेत्र के बीच सहयोग का एक ब्लू प्रिंट उपलब्ध करवाया है जिसके जरिये दक्षिण कोरिया की पहुंच बड़े बाजार तक हो पाएगी और वह दुनिया के सबसे बड़े हथियार सप्लायरों में शामिल होने का अपना लक्ष्य हासिल कर पाएगा.

पोलैंड डील में शामिल हनवा एयरोस्पेस कंपनी के एक निदेशक ओ केहवान कहते हैं, "चेक गणराज्य, रोमानिया, स्लोवाकिया, फिनलैंड, एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया और अन्य कई देश यूरोप में ही सैन्य उत्पाद खरीदने के बारे में सोच रहे हैं. लेकिन अब यह स्पष्ट है कि आप कोरियाई कंपनियों से कम दाम में हथियार खरीद सकते हैं जो आप तक जल्दी पहुंच जाएंगे.”

मिलकर उत्पादन और बिक्री

हालांकि यह नहीं बताया गया है कि कोरियाई कंपनियों के हथियारों की कीमत क्या है. हनवा एयरोस्पेस हाविट्जर के मामले में पहले ही दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है और बाजार के 55 प्रतिशत हिस्से पर उसका कब्जा है. एनएच रिसर्च ऐंड सिक्यॉरिटीज के मुताबिक पोलैंड समझौते के बाद यह हिस्सेदारी 68 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी.

इस समझौते के तहत दक्षिण कोरिया और पोलैंड की कंपनियों का एक समूह बनाया जाएगा जो हथियार उत्पादन के अलावा लड़ाकू विमानों की देख-रेख और मरम्मत का कम भी देखेगा. पोलिश सरकारी हथियार कंपनी पोलिश आर्मामेंट्स ग्रूप (पीजीजेड) के निर्यात विभाग के निदेशक लुकाश कोमोरेक कहते हैं कि यह समझौता बाद में अन्य यूरोपीय देशों को भी सम्मिलित करने की ओर बढ़ेगा.

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2026 में उत्पादन शुरू होगा और कुल 820 में से 500 टैंक व 672 में से 300 हाविट्जर पोलैंड में बनाये जाएंगे. कोमोरेक ने बताया, "हम सिर्फ एक सबकॉन्ट्रैक्टर की भूमिका नहीं निभाना चाहते बल्कि तकनीकी अदला-बदली और खरीददार के रूप में भी काम करना चाहते हैं. हम यूरोपीय बाजारों पर कब्जा करने में अपने अनुभव और सदिच्छा का इस्तेमाल कर सकते हैं.”

वीके/सीके (रॉयटर्स)

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