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समाज

टाइम मैगजीन पर 15 साल की गीतांजलि राव, बनी "किड ऑफ द ईयर"

आमिर अंसारी
४ दिसम्बर २०२०

भारतीय मूल की 15 साल की अमेरिकी किशोरी गीतांजलि राव को टाइम पत्रिका ने अपने पहले "किड ऑफ द ईयर" के रूप में चुना है. गीतांजलि राव ने करीब पांच हजार बच्चों को पछाड़ते हुए यह खिताब हासिल किया है.

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Gitanjali Rao
तस्वीर: Luiz Rampelotto/EuropaNewswire/picture alliance

टाइम मैगजीन ने एक भारतीय-अमेरिकी किशोरी गीतांजलि राव को अपने कवर पेज पर "किड ऑफ द ईयर" के रूप में छापा है. गीतांजलि को पांच हजार से अधिक नामांकित लोगों में से चुना गया है. गीतांजलि ने टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर अफीम की लत से लेकर साइबर बुलिंग और पानी की शुद्धता जांचने जैसे मुद्दों से निपटने में शानदार कार्य किया है. टाइम ने गीतांजिल की तस्वीर के साथ "वैज्ञानिक और आविष्कारक" शीर्षक लगाया है. एक सफेद लैब कोट में, हाथ में पदक पकड़े हुए, गीतांजलि को 14 दिसंबर की टाइम मैगजीन के कवर पर दिखाया गया है.

टाइम के लिए अकेडमी अवॉर्ड विजेता और सामाजिक कार्यकर्ता एंजेलिना जोली ने गीतांजलि का इंटरव्यू किया है. गीतांजलि से इंटरव्यू लेने वाली एंजेलिना जोली लिखती हैं, "वीडियो चैट पर भी, उनका तेज दिमाग और अन्य युवाओं के लिए प्रेरक संदेश साफ झलकता है. उनका कहना है कि हर समस्या को ठीक करने की कोशिश मत करो, उसी पर फोकस करो जिससे आप उत्तेजित हों."

गीतांजलि की नई खोज एक ऐप है- जिसका नाम काइंडली है और एक क्रोम एक्सटेंशन है- जो साइबर बुलिंग का पता लगाने के लिए मशीन लर्निंग तकनीक का इस्तेमाल करता है. जोली के साथ बातचीत में गीतांजलि ने कहा, "मैंने कुछ शब्दों में हार्ड-कोड करना शुरू किया, जिसे बुलिंग माना जा सकता है, और फिर मेरे इंजन ने उन शब्दों को पहचान लिया जो एक समान हैं. आप एक शब्द या वाक्य टाइप करते हैं, और अगर यह बुलिंग है, तो यह इसे पकड़ लेता है. यह आपको इसे एडिट करने या इसे भेजने का विकल्प देता है."

गीतांजलि आगे कहती हैं, "ये किसी को सजा देने के लिए नहीं है. एक किशोरी के रूप में, मुझे पता है इस उम्र के लोग कभी-कभी गुस्सा हो जाते हैं. इसके बजाय, यह आपको यह बताने का मौका देता है कि आप क्या कह रहे हैं ताकि आप जान सकें कि अगली बार आपको क्या करना है."

टाइम पत्रिका की प्रथम किड ऑफ द ईयर के लिए पांच हजार से अधिक दावेदारों में से गीतांजलि का चयन किया गया. गीतांजलि का कहना है कि उनका मकसद सिर्फ अपनी डिवाइस बनाकर दुनिया की समस्याएं सुलझाने तक सीमित नहीं रहा बल्कि अब वे और लोगों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करना चाहती हैं.

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