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भारतीय नौसेना मालदीव के करीब बनाएगी बेस

५ मार्च २०२४

मालदीव से कूटनीतिक रिश्तों में तनाव के बीच भारत ने मालदीव के करीब ही लक्षद्वीप में एक नया नौसेना अड्डा बनाने का फैसला किया है. मालदीव कुछ ही दिनों में वहां तैनात भारतीय सैन्य कर्मियों को भारत वापस भेजने वाला है.

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मोदी, मुइजु
कुछ ही साल पहले तक मालदीव भारत का सहयोगी देश हुआ करता थातस्वीर: Beata Zawrzel/ZUMA/picture alliance | Rafiq Maqbool/AP/picture alliance

भारतीय नौसेना ने घोषणा की है कि वह लक्षद्वीप में अपना एक नया बेस बनाएगी. आईएनएस जटायु नाम का यह बेस मिनीकॉय नाम के लक्षद्वीप में सबसे दक्षिणी द्वीप पर बनाया जाएगा. लक्षद्वीप मालदीव से करीब 130 किलोमीटर दूर उत्तर की तरफ स्थित है.

नौसेना ने अपने बयान में कहा, "यह बेस परिचालन संबंधी पहुंच बढ़ाएगा और पश्चिमी अरब सागर में समुद्री डकैती रोकने और मादक पदार्थ विरोधी कदम उठाने की दिशा में भारतीय नौसेना की कोशिशों में मदद करेगा."

इलाके में भारत की स्थिति होगी मजबूत

बयान में यह भी बताया गया कि यह बेस इस इलाके में प्रथम उत्तरदाता के रूप में भारतीय नौसेना की क्षमता भी बढ़ाएगा और मुख्य भूभाग से संपर्क भी बेहतर करेगा. नौसेना के मुताबिक बेस "सामरिक रूप से महत्वपूर्ण" द्वीपों में "सुरक्षा इंफ्रास्ट्रक्चर को धीरे धीरे बढ़ाने" की नीति का हिस्सा है.

मालदीव-चीन संबंध
माना जाता है कि मुइजु का चीन के प्रति झुकाव है और वह मालदीव-चीन संबंधों को और गहरा करना चाहते हैंतस्वीर: Liu Bin/Xinhua/IMAGO

नौसेना के बयान में यह भी कहा गया कि नया बेस छह मार्च को खुलेगा और वहां पहले से मौजूद नौसेना की एक छोटी टुकड़ी को एक "स्वतंत्र नौसैनिक इकाई" में बदल देगा. लक्षद्वीप में नौसेना का पहले से एक बेस है.

इसे आईएनएस द्वीपरक्षक के नाम से जाना जाता है और यह कवरत्ती में है. मालदीव के करीब एक नया बेस बनाने की भारत की घोषणा ऐसे समय में आई है जब दोनों देशों के बीच रिश्तों में तनाव चल रहा है.

पिछले साल मोहम्मद मुइजु के मालदीव का नया राष्ट्रपति बनने के बाद यह तनाव बढ़ा है. सत्ता में आने के बाद मुइजु भारत से पहले चीन के दौरे पर गए. चीन में उन्होंने कहा कि उनके देश का छोटा आकार किसी भी दूसरे देश के लिए उन्हें धौंस दिखाने का लाइसेंस नहीं है.

भारत की सैन्य मौजूदगी पर विवाद

फरवरी में उन्होंने भारत से कहा था कि वह मालदीव में तैनात अपने सैन्य कर्मियों को हटा ले. उन्होंने चुनाव से पहले भी ऐसा करने का मतदाताओं से वादा किया था. ये सैन्य कर्मी लोकोपकारी सेवाओं में इस्तेमाल किए जाने वाले विमानों को चलाते हैं.

वहां ऐसे कम से कम 75 कर्मी हैं और उनकी ज्ञात गतिविधियों में सुदूर द्वीपों से मरीजों को लाना और समुद्र में फंसे लोगों को बचाना शामिल है. कुछ रिपोर्टों के मुताबिक इन कर्मियों की संख्या 89 है. मालदीव ने भारत से उनकी जगह असैनिक कर्मचारी तैनात करने के लिए कहा है.

सीके/वीके (एपी/एएफपी)