ऑनलाइन ग्रॉसरी क्यों खरीदते हैं लोग, यह रहा जवाब
भारत में समय के साथ किराने का सामान ऑनलाइन ऑर्डर करने का चलन तेजी से बढ़ा है. एक सर्वे कहता है कि 86 प्रतिशत लोग प्रोडक्ट्स खरीदने के लिए प्लेटफॉर्म का चयन करने पर क्वॉलिटी पर ध्यान देते हैं.
क्वॉलिटी पर जोर
भारत में लोग किराने का सामान भी खूब ऑनलाइन ऑर्डर कर रहे हैं. कई बार समय की कमी के कारण वे दुकान पर नहीं जाना चाहते हैं. हाल ही में 'लोकल सर्कल्स' ने भारतीय ग्राहकों पर एक सर्वे किया. सर्वे में शामिल लोगों से पूछा गया कि वे किस प्लेटफॉर्म से किराने का सामान लेना है, यह तय करते हुए किस बात का ध्यान रखते हैं. 86 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे क्वॉलिटी पर ध्यान देते हैं.
ग्रॉसरी ऑनलाइन कैसे खरीदते हैं
सर्वे में शामिल 57 फीसदी लोगों ने कहा कि वे जरूरत पड़ने पर ग्रॉसरी खरीदते हैं. 35 प्रतिशत ने कहा वे दूध, सब्जी और फल जैसी रोजाना की चीजें खरीदते हैं.
ऑनलाइन ग्रॉसरी खरीदने वाले बढ़े
जरूरत पड़ने पर ऑनलाइन किराना खरीदारों का प्रतिशत 2023 में 23 था, जो 2024 में बढ़कर 57 प्रतिशत हो गया.
30 मिनट में ग्रॉसरी चाहिए
सर्वे के अनुसार, ऑनलाइन ग्रॉसरी खरीदने वाले 17 प्रतिशत लोग अब चाहते हैं कि उनकी ग्रॉसरी 30 मिनट के अंदर डिलीवर हो जाए. कोविड-19 महामारी के बाद से ऑनलाइन ग्रॉसरी डिलीवरी में तेजी देखी गई है.
भारत में क्विक डिलीवरी बढ़ी
भारत में 2022 से कई क्विक किराना डिलीवरी प्लेटफॉर्म उभरे हैं, जो 30 मिनट के भीतर डिलीवरी का वादा करते हैं. सर्वे के अनुसार ये प्लेटफॉम मेट्रो उपभोक्ताओं के बीच आखिरी मिनट में किराना और खाद्य खरीदारी के लिए लोकप्रिय हैं, जिससे ऑनलाइन किराना खरीदारी कई लोगों के लिए पसंदीदा विकल्प बन गई है.
समय और पैसा भी अहम
सर्वे में भारत के 227 जिलों के ऑनलाइन ग्रासरी खरीदारों से 70,000 प्रतिक्रियाएं ली गईं. सर्वे के मुताबिक 73 फीसदी लोगों ने कहा वैल्यू फॉर मनी और डिलीवरी का समय भी उनके लिए महत्वपूर्ण हैं.
भारत का बढ़ता बाजार
अप्रैल 2024 में अमेरिकी बैंक गोल्डमैन सैक्स ने कहा था कि भारत में क्विक ई-कॉमर्स बाजार लगभग 5 अरब डॉलर का हो चुका है, जो देश के कुल ग्रॉसरी बाजार यानी 11 अरब डॉलर का 45 फीसदी है. गोल्डमैन सैक्स का अनुमान है कि 2030 तक इस बाजार का आकार 60 अरब डॉलर पहुंच जाएगा.