दुनिया का सबसे बड़ा हस्तशिल्प मेला
हरियाणा के सूरजकुंड में हर साल दुनियाभर के शिल्पकार अपनी कला के साथ जुटते हैं. इसीलिए इसे दुनिया का सबसे बड़ा हस्तशिल्प मेला कहा जाता है. इस साल 34वीं बार आयोजित हो रहे सूरजकुंड मेले की रौनक कैसी है, देखिए.
अंतरराष्ट्रीय पहचान
सूरजकुंड मेला न केवल भारतीय बल्कि विदेशी शिल्पकारों के लिए भी अपनी कलाकृतियां बेचने का अनोखा मंच है. हाथ से बने सामान, जूट और मिट्टी के सामान यहां खरीदे जा सकते हैं. मेला आपको परिवार के साथ कला और अलग-अलग संस्कृतियों को जानने का मौका देता है.
सांस्कृतिक विरासत
पहली बार सूरजकुंड शिल्प मेले का आयोजन 1987 में हुआ था. तब से हर साल यह मेला हस्तशिल्प, हथकरघा और भारत की सांस्कृतिक विरासत, समृद्धि और विविधता को प्रदर्शित करने के लिए आयोजित किया जाता है.
कला का प्रदर्शन और बाजार
सूरजकुंड मेला पूरे भारत के हजारों शिल्पकारों को अपनी कला और उत्पादों को बड़े पैमाने पर पर्यटकों को दिखाने में और उसे बेचने में मदद करता है.
मेले की थीम
हर साल सूरजकुंड मेले की थीम अलग होती है. इस साल मेले का थीम राज्य हिमाचल प्रदेश है जबकि उज्बेकिस्तान सहभागी देश है. थीम के जरिए राज्यों की कला और पर्यटन को बढ़ावा देने की कोशिश होती है.
विदेशियों की रूचि
सूरजकुंड मेले में 40 से अधिक देश हिस्सा ले रहे हैं जिसमें अफ्रीकी, यूरोपीय और भारत के पड़ोसी देश भी शामिल हैं.
पुरानी यादें
मेले में आपको कुछ ऐसी भी चीजें दिख जाएंगी जो आमतौर पर अब नहीं दिखतीं. जैसे कि बायोस्कोप शो. मेले में आप चलते फिरते सिनेमाघर यानी बायोस्कोप का आनंद भी उठा सकते हैं.
अफ्रीकी नृत्य
यहां खरीदारी और खान-पान के अलावा आप लोकनृत्य और कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद उठा सकते हैं. एक अफ्रीकी समूह मेले में प्रदर्शन करता हुआ.
चख ले इंडिया!
मेले में आप कई राज्यों के खान पान का मजा ले सकते हैं. मेले में विदेश से आए कारोबारी सूखे मेवे भी बेचते हैं.
प्रकृति के करीब
मेले में कई हस्तशिल्प कारीगर पर्यटकों के सामने सामान बनाकर भी दिखाते हैं जिससे लोगों की रूचि हस्तशिल्प और हाथ से बने सामानों में बढ़ती हैं.
कला का मंच
सूरजकुंड मेले 2020 का उद्घाटन करने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा यह मेला भारत के लोगों की कला-कौशल का स्थापित मंच बन गया है. यहां विलुप्त होती कला को बचाया जा रहा है. वहीं शिल्पकारों को अपनी कला बेचने के लिए बाजार मिल रहा है.