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जमीन के रास्ते से जुड़ सकते हैं भारत और श्रीलंका

चारु कार्तिकेय
१७ जून २०२४

श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कहा है कि भारत और श्रीलंका को जमीन मार्ग से जोड़ने का एक अध्ययन पूरा होने वाला है. आखिर कितना आसान होगा दोनों देशों को जमीन के रास्ते जोड़ना?

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रानिल विक्रमसिंघे, नरेंद्र मोदी
श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीतस्वीर: Naveen Sharma/SOPA Images via ZUMA Press Wire/picture alliance

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने 16 जून को देश के पूर्वोत्तर जिले मन्नार की यात्रा के दौरान यह जानकारी दी. विक्रमसिंघे ने बताया कि इस परियोजना की व्यवहार्यता जांचने के लिए चल रहे अध्ययन का प्राथमिक काम पूरा हो गया है और अंतिम चरण भी जल्द पूरा हो जाएगा.

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के इसी हफ्ते श्रीलंका जाने की संभावना है. माना जा रहा है कि उनकी यात्रा के दौरान इस परियोजना पर भी चर्चा होगी. श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने घोषणा की है कि जयशंकर 20 जून को श्रीलंका जाएंगे, लेकिन भारतीय विदेश मंत्रालय ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है.

भारत-श्रीलंका के बीच सबसे महत्वाकांक्षी योजना

विक्रमसिंघे ने परियोजना के बारे में और कुछ नहीं बताया, लेकिन मीडिया रिपोर्टों में इसके ब्योरे दिए गए हैं. श्रीलंका की समाचार वेबसाइट 'तमिल गार्डियन' के मुताबिक, दोनों देशों के बीच 23 किलोमीटर का एक राज्यमार्ग बनाने की योजना है. यह रास्ता पाक स्ट्रेट के ऊपर से होता हुआ भारत के रामेश्वरम को श्रीलंका के तलाईमन्नार से जोड़ेगा.

पम्बन द्वीप
पम्बन द्वीप का सबसे दक्षिणी छोरतस्वीर: Arun Sankar/AFP/Getty Images

रामेश्वरम तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में है, जो भारत के मुख्य भूभाग से अलग पम्बन द्वीप पर स्थित है. पम्बन सेतु, द्वीप को भारत के मुख्य भूभाग से जोड़ता है. तलाईमन्नार श्रीलंका के मन्नार द्वीप में स्थित है.

क्या है श्रीलंका के एक टापू का भारत से संबंध

मीडिया रिपोर्टों में यह भी दावा किया गया है कि इस मार्ग पर सड़क के अलावा दोनों देशों के बीच एक रेल लाइन भी बिछाई जाएगी. श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त संतोष झा ने मई 2024 में श्रीलंका के अखबार 'डेली मिरर' को दिए एक साक्षात्कार में बताया कि यह प्रोजेक्ट दोनों देशों के बीच सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में से है.

रिश्तों को बदल देने की संभावना

संतोष झा ने बताया कि मार्च में श्रीलंका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और राष्ट्रपति के चीफ ऑफ स्टाफ सगला रत्नायके की भारत यात्रा के दौरान दोनों पक्षों ने फैसला किया कि सभी संपर्क परियोजनाओं की हर तिमाही में समीक्षा की जाएगी.

उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि यह गलियारा दोनों देशों के रिश्तों को पूरी तरह से बदल देगा. श्रीलंका के छोटे-बड़े उद्योगों के लिए इस गलियारे के फायदों के बारे में बात करते हुए संतोष झा ने बताया कि सड़क के रास्ते सिर्फ 30-40 किलोमीटर आगे जाकर ये उद्योग भारत के रूप में 1.4 अरब लोगों के बाजार तक पहुंच सकेंगे.

चीन और भारत के बीच संतुलन बनता श्रीलंका

दोनों देशों के बीच गहरे आर्थिक रिश्ते हैं. भारत पारंपरिक रूप से श्रीलंका के सबसे बड़े व्यापारिक पार्टनरों में से रहा है. श्रीलंका सार्क देशों में भारत के सबसे बड़े कारोबारी सहयोगियों में से है. 2021 में दोनों देशों के बीच 5.45 अरब डॉलर का व्यापार हुआ. इसके अलावा भारत, श्रीलंका के सबसे बड़े विदेशी निवेशकों में से भी एक है.