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भारत ने डब्ल्यूएचओ से पहले जारी किए कोविड के आंकड़े

४ मई २०२२

भारत ने डब्ल्यूएचओ से दो दिन पहले ही कोविड से हुई मौतों के आंकड़े जारी कर दिए और कहा कि उसके आंकड़े बिल्कुल सही हैं. डब्ल्यूएचओ इन आंकड़ों पर सवाल उठा चुका है.

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भारत में 2020 कोविड ने बड़ा कहर बरपाया
भारत में 2020 कोविड ने बड़ा कहर बरपायातस्वीर: Manjunath Kiran/AFP/Getty Images

भारत ने कहा है कि 2020 में कोविड से हुई मौतों की संख्या 2019 से 4,75,000 ज्यादा थी. मंगलवार को सरकार ने नए आंकड़े जारी किए. पहले ये महीने महीनों बाद जारी होने की बात कही गई थी लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन से मौत के आंकड़ों को लेकर हुई खींचतान के बीच भारत सरकार ने मंगलवार को ही आंकड़े जारी कर दिए.

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में कोविड से मरने वालों की संख्या 40 लाख से ज्यादा है, जो भारत सरकार के आधिकारिक आंकड़ों से आठ गुना ज्यादा है. पिछले साल अप्रैल और मई में डेल्टा वेरिएंट के कारण आई कोविड की दूसरी लहर में भारत में भयानक तबाही देखने को मिली थी. तब लोगों को बिना ऑक्सीजन और अस्पतालों के बाहर सड़कों पर तड़प तड़प कर मरते देखा गया था. विश्व स्वास्थ्य संगठन भारत में मौतों के बारे में गुरुवार को अपने अनुमान प्रकाशित करने वाला है.

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भारत में कोविड महामारी के दौरान प्रबंधन के लिए जिम्मेदार रहे स्वास्थ्य अधिकारी विनोद कुमार पॉल कहते हैं कि भारत सरकार द्वारा जारी किए गए मौत के आंकड़े "सटीक, सही और गिने हुए” हैं और उनमें कुछ भी नाटकीय नहीं है. उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रार जनरल के दफ्तर ने 2020 में देश में हुईं कुल मौतों के आंकड़े दो-तीन महीने पहले इसलिए जारी किए हैं क्योंकि कोविड के कारण हुई मौतों के आंकड़ों को लेकर बात हो रही है.

‘हमारे आंकड़े सही हैं'

विनोद कुमार पॉल ने कहा, "अलग-अलग मॉडलिंग के आधार पर अनुमानों के जरिए मीडिया में यह बात कही जा रही है कि भारत में कोविड से मौतों की संख्या आधिकारिक आंकड़ों से कई गुणा ज्यादा है. असलियत यह नहीं है. अब हमारे पास 2020 के असली आंकड़े हैं और किसी अन्य मॉडलिंग की जरूरत नहीं है. हमारे पास 2021 का भी विस्तृत और गहन डेटा है. मॉडलिंग से अजीब-ओ-गरीब और सही से कहीं ज्यादा अनुमान मिल सकते हैं.”

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रजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले दो साल के मुकाबले 2020 में भारत में मरने वालों की कुल संख्या में पहले से कम गति से वृद्धि हुई. हालांकि 2020 में सरकार ने 1,48,738 लोगों के मरने की बात कही थी लेकिन मंगलवार को जारी आंकड़ों में यह संख्या तीन गुना से ज्यादा बढ़कर 5,23,889 हो गई. अमेरिका और ब्राजील में मरने वालों की संख्या अब भी भारत से ज्यादा है.

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2020 में दुनियाभर के देशों में कोविड से मरने वालों की कुल संख्या 18.30 लाख बताई गई थी लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि यह संख्या 30 लाख से ऊपर हो सकती है. भारत का कहना है कि वह विश्व स्वास्थ्य संगठन के गिनने के तरीके से सहमत नहीं है.

WHO और भारत के बीच विवाद

16 अप्रैल को अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने खबर छापी थी कि भारत डब्ल्यूएचओ की कोविड मौतों की संख्या सार्वजनिक करने के काम में अड़ंगा डाल रहा है. ऐसा उन अटकलों की वजह से था कि डब्ल्यूएचओ के मुताबिक भारत ने अपने यहां हुईं मौतों की गणना कम की है. डब्ल्यूएचओ के विस्तृत अध्ययन के मुताबिक भारत में 40 लाख से ज्यादा मौतें कोविड से हुई हैं जबकि भारत सिर्फ 5,23,889 मौतें बताता है.

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न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा कि डब्ल्यूएचओ जनवरी में ही ये आंकड़े जारी करना चाहता था लेकिन भारत के विरोध के चलते ऐसा नहीं हो पाया. इस बारे में भारत का कहना है कि वह गिनने की प्रक्रिया और तरीकों से सहमत नहीं है. भारत सरकार ने एक बयान जारी कर कहा, "हमारी मूल आपत्ति नतीजों से नहीं बल्कि उन तक पहुंचने के तरीके से है.” भारत ने कहा कि गणितीय मॉडलिंग सांख्यिकीय आधार पर साबित नहीं की जा सकती और इसलिए सवालों के घेरे में है.

इस पूरी मॉडलिंग में शामिल रहे वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में सांख्यशास्त्री प्रोफेसर जॉन वेकफील्ड ने भी इस बारे में बयान जारी तरीके को सही ठहराया. उन्होंने भारत सरकार द्वारा उठाए जा रहे सवालों के जवाब देते हुए उसके दावों को गलत बताया था.

रिपोर्टः विवेक कुमार (रॉयटर्स)

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