असमः बाढ़ से 21 लाख लोग प्रभावित, 51 की मौत
१४ जुलाई २०२०असम में भारी बारिश के बाद बाढ़ का कहर जारी है. राज्य के 27 जिले बाढ़ और भूस्खलन से बुरी तरह से प्रभावित हैं. हर साल बारिश के मौसम में असम में इसी तरह की तबाही मचती है और जान-माल का नुकसान होता है. भूस्खलन के कारण भी 25 के करीब लोगों की जान चली गई है. वहीं बाढ़ के कारण 51 लोगों की मौत हो गई है. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक सोमवार को लखीमपुर, बारपेटा, बोंगाईगांव, कामरूप, गोलाघाट और शिवसागर जिले में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई. असम में इस साल बाढ़, बारिश और भूस्खलन की वजह से अब तक कुल 76 लोगों की मौत हो चुकी है.
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक धेमाजी, लखीमपुर, बिस्वनाथ, सोनितपुर, उदलगुरी, दरांग, बक्सा, नलबारी, बारपेटा, चिरांग, बोंगाईगांव, कोकराझार, धुबरी, गोलपारा, कामरूप, मोरीगांव, नौगांव,पश्चिमी कार्बी आंगलांग, गोलाघाट, जोरहाट, माजुली, शिवसागर, डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया जिलों में 12.97 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. बारपेटा जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है, यहां के 5.44 लाख लोग बाढ़ की चपेट में आ गए हैं.
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का कहना है कि फिलहाल 2,763 गांव पानी में डूबे हुए हैं और 1,03,806 हेक्टेयर की फसल राज्य में बाढ़ के कारण बर्बाद हो गई है. प्राधिकरण का कहना है कि प्रशासन 20 जिलों में 480 राहत कैंप और वितरण केंद्र चला रहा है और 60 हजार के करीब लोग राहत कैंपों में रह रहे हैं. पीड़ितों को राहत सामग्री के रूप में प्रशासन ने दाल, चावल, नमक, सरसो का तेल और अन्य राहत सामान बांटे हैं. बच्चों के लिए खाना, तिरपाल, माचिस, मोमबत्ती, मच्छरदानी, बिस्कुट, साबुन, पीने के लिए स्वच्छ पानी, पशु के लिए चारा और मास्क भी वितरित किए जा रहे हैं. गुवाहाटी, धुबरी और डिब्रूगढ़ में ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है, इसके अलावा जोरहाट जिले में नीमटीघाट और सोनितपुर जिले में तेजपुर में ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है.
मीडिया में आई खबरों में कहा जा रहा है कि काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के 223 शिविरों में से 173 शिविर प्रभावित हुए हैं. बाढ़ की वजह से राजीव गांधी ओरांग राष्ट्रीय उद्यान में भी वन्यजीव बेहाल हुए हैं. यहां 40 में से 24 शिविर प्रभावित हुए हैं. बाढ़ की वजह से कुछ जंगली जानवरों की भी मौत हो गई है. प्रभावित जिलों में लोगों के रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमें लगाईं गई हैं.
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